खत्म नहीं हुआ जम्मू का मंत्री पद का सूखा
राज्य ब्यूरो जम्मू मोदी के मत्रिमडल में फिर जम्मू का मंत्री पद का सूखा इस बार भी खत्म नहीं हुआ। ऊधमपुर-कठुआ संसदीय क्षेत्र को दोबारा केंद्र में प्रतिनिधितत्व करने का मौका मिला है। इस बार भी जितेंद्र सिंह को मत्रिमडल में शामिल किया गया है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू : मोदी के मत्रिमडल में फिर जम्मू का मंत्री पद का सूखा इस बार भी खत्म नहीं हुआ। ऊधमपुर-कठुआ संसदीय क्षेत्र को दोबारा केंद्र में प्रतिनिधितत्व करने का मौका मिला है। इस बार भी जितेंद्र सिंह को मत्रिमडल में शामिल किया गया है।
कर्ण सिंह से लेकर चमन लाल, गुलाम नबी आजाद अब और जितेंद्र सिंह ऊधमपुर-कठुआ संसदीय क्षेत्र से जीत कर केंद्र तक पहुंचे है। वहीं लद्दाख की हालत भी जम्मू जैसी है। दोनों ससदीय क्षेत्र के भाजपा मतदाता मायूस हैं। कारण : उनके सासदों को मत्री बनने का अवसर नहीं मिला है। डॉ. जितेंद्र 16वीं लोकसभा में भी मोदी मत्रिमडल में शामिल रहे हैं। दोपहर बाद तक सभी को उम्मीद थी कि इस बार जम्मू-पुंछ के सासद जुगल किशोर और लद्दाख के यु़वा सासद जामियाग त्सेरिंग नाग्याल को जरूर मत्रिमडल में शामिल किया जाएगा। लोगों की उम्मीद भी बेमानी नहीं थी, क्योंकि जुगल लगातार दूसरी बार जम्मू-पुंछ सीट से सासद बने हैं। वह सघ के पुराने कार्यकर्ता रहे हैं। राज्य विधानसभा में भी दो बार बतौर विधायक जीत चुके हैं। भाजपा से जम्मू-पुंछ सीट से जीतने वाले किसी भी सासद को केंद्र में मत्री बनने का मौका नहीं मिला है। जम्मू कश्मीर से भाजपा के जिस भी सासद ने केंद्रीय मत्रिमडल में जगह बनाई है, वह हमेशा से ऊधमपुर-कठुआ क्षेत्र का रहा है। लद्दाख में मतदाताओं को यकीन था कि मोदी इस बार उनके सासद को मत्री जरूर बनाएंगे क्योंकि वर्ष 2014 में लद्दाख से चुनाव जीतने वाले भाजपा सासद थुप्सतान छिवाग को मत्री न बनाने से स्थानीय हल्कों में नाराजगी थी। छिवाग ने नाराज होकर ससद की सदस्यता छोड़ी थी। उनके भाजपा से अलग होने के बाद लद्दाख में भाजपा आलाकमान को न सिर्फ एक प्रत्याशी को तलाश करने में बल्कि उसकी जीत को यकीनी बनाने के लिए बौद्ध सगठनों के साथ लगातार सवाद करना पड़ा था। लद्दाख में कई जगह मतदाताओं को सकेत दिया था। अगर भाजपा ने लद्दाख में जीत दर्ज की तो केंद्रीय मत्रिमंडल में लद्दाख को भी प्रतिनिधित्व मिलेगा।
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