Jammu Kashmir : बिजली विभाग के निजीकरण का विरोध करने सड़क पर उतरे कर्मचारी
जेएंडके पावर इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स कोआर्डिनेशन कमेटी के बैनर तले वीरवार को विभाग के इंजीनियर्स व आम कर्मचारी पनामा चौक स्थित डिवीजन कार्यालय के बाहर एकत्रित हुए और सरकार विरोधी नारेबाजी की। एसोसिएशन के महासचिव इंजीनियर सचिन टिक्कू ने इस प्रदर्शन की अगुआई की।
जम्मू, जागरण संवाददाता । बिजली विभाग व बिजली वितरण प्रणाली के निजीकरण का विरोध करते हुए विभागीय कर्मचारियों ने वीरवार को सरकार विरोधी प्रदर्शन किया। हाथों में निजीकरण विरोधी नारों से लिखी तख्तियां लेकर प्रदर्शनकारियों ने इस मौके पर प्रदेश प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि सरकार विभाग का निजीकरण कर रही है लेकिन सरकार के पास विभाग में काम करने वाले हजारों कर्मचारियों के भविष्य को लेकर कोई स्पष्ट नीति नहीं।
जेएंडके पावर इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स कोआर्डिनेशन कमेटी के बैनर तले वीरवार को विभाग के इंजीनियर्स व आम कर्मचारी पनामा चौक स्थित डिवीजन कार्यालय के बाहर एकत्रित हुए और सरकार विरोधी नारेबाजी की। एसोसिएशन के महासचिव इंजीनियर सचिन टिक्कू ने इस प्रदर्शन की अगुआई की। बिजली विभाग का निजीकरण करने व बिजली वितरण प्रणाली के लिए कश्मीर व जम्मू में अलग-अलग कारपोरेशन का गठन किए जाने के विरोध में वीरवार को जम्मू संभाग के अन्य जिलों में भी विभागीय कर्मचारियों की ओर से इसी तरह के धरना प्रदर्शन किए गए।
बिजली-पानी लोगों की बुनियादी जरूरतें
टिक्कू ने इस मौके पर कहा कि बिजली-पानी लोगों की बुनियादी जरूरतें है और सरकार बिजली विभाग का निजीकरण करके जनता से उनके मौलिक अधिकार छीन रही है। उन्होंने कहा कि बिजली वितरण प्रणाली निजी हाथों में जाने से किरायों में कई गुणा वृद्धि होगी जो गरीब जनता चुका नहीं पाएगी। उन्होंने कहा कि आज जहां पूरा देश कोविड-19 से जूझ रहा है, वहां हमारी सरकार लोगों से बिजली जैसी बुनियादी सुविधा भी छीन रही है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से बिजली विभाग के निजीकरण के फैसले को वापस लेने की अपील भी की।