AICC President Election : जम्मू कश्मीर में 339 पीसीसी डेलिगेट करेंगे मतदान, मुख्यालयों में बनेंगे मतदान केंद्र
जम्मू व श्रीनगर पार्टी मुख्यालयों के लिए अलग अलग एक असिस्टेंट रिर्टानिंग अधिकारी की तैनात भी हाेंगी। चुनाव में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के डेलिगेट मतदान करेंगे। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रविंद्र शर्मा ने कहा कि चुनाव संबंधी जानकारी जल्द ही प्राप्त हो जाएगी।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में जम्मू कश्मीर से पार्टी के 339 डेलिगेट मतदान करेंगे। पार्टी की जम्मू कश्मीर की पीआरओ रंजीत रंजन है जिनकी देखरेख में चुनाव होंगे। पार्टी के जम्मू व श्रीनगर मुख्यालयों में मतदान केंद्र बनाए जाएंगे।
फिलहाल हाइकमान ने चुनाव की तैयारियों को लेकर कोई अभी तक वोटर लिस्ट या अन्य सामग्री नहीं भेजी हैं। कांग्रेस अध्यक्ष के पद के चुनाव काफी लंबे अर्से के बाद हो रहे है। जम्मू व श्रीनगर पार्टी मुख्यालयों के लिए अलग अलग एक असिस्टेंट रिर्टानिंग अधिकारी की तैनात भी हाेंगी। चुनाव में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के डेलिगेट मतदान करेंगे। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रविंद्र शर्मा ने कहा कि चुनाव संबंधी जानकारी जल्द ही प्राप्त हो जाएगी।
वहीं दूसरी तरफ यहां बताते चलें कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने जम्मू व श्रीनगर में डेलिगेट की उपस्थिति में राहुल गांधी के हाथ में पार्टी की कमान सौंपने का प्रस्ताव पारित किया था। इसमें भाग लेने के लिए विशेष तौर पर प्रभारी रजनी पाटिल आई थी। अभी भी कई पार्टी के कार्यकर्ता राहुल गांधी के पक्ष में ही प्रस्ताव पारित कर रहे हैं। चूंकि राहुल गांधी तो चुनाव लड़ नहीं रहे हैं इसलिए कार्यकर्ताओं में चुनाव को लेकर उत्साह नहीं है अलबत्ता डेलिगेट पार्टी के आदेश पर मतदान जरूर करेंगे।
जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा कम करके केंद्र शासित प्रदेश बनाने पर माफी मांगे शाह : प्रदेश कांग्रेस कमेटी जम्मू कश्मीर के प्रधान विकार रसूल ने कहा कि जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द बहाल करके विधानसभा के चुनाव करवाएं। रसूल ने कहा कि जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा कम करके केंद्र शासित प्रदेश बनाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री को लोगों से माफी मांगनी चाहिए। पार्टी मुख्यालय शहीदी चौक जम्मू में पत्रकारों को संबोधित करते हुए रसूल ने कहा कि जम्मू कश्मीर में विधान परिषद को बहाल किया जाए। उन्होंने कहा कि पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 समाप्त करने व जम्मू कश्मीर को दो भागों में बांट कर केंद्र शासित प्रदेश बनाने के समय केंद्रीय गृह मंत्री ने संसद में कहा था कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद समाप्त हो जाएगा। बेरोजगारी खत्म होगी लेकिन सारे दावे खोखले साबित हुए हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा की बात करें तो पता चलता है कि गृह मंत्री के दौरे के दौरान जम्मू कश्मीर में महानिदेशक जेल की हत्या हो जाती है। जब महानिदेशक सुरक्षित नहीं है तो आम लोगों का क्या होगा। किसी आतंकी संगठन ने इसकी जिम्मेदारी भी ली है।