Domicile Certificate: डोमिसाइल नियमों को वापिस लिए जाने की मांग को लेकर पैंथर्स ने केंद्र सरकार का पुतला फूंका
डोमिसाइल प्रमाणपत्र बन जाने के बाद वे नौकरियों के लिए आवेदन कर पाएंगे। जम्मू कश्मीर के युवाओं के हितों की रक्षा करने का वायदा किया गया था लेकिन अब ऐसा नहीं हुआ है
जम्मू, राज्य ब्यूरो। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में डोमिसाइल के नियमों पर सरकार की आलोचना करते हुए पैंथर्स पार्टी के चेयरमैन हर्षदेव सिंह ने केंद्र की भाजपा सरकार का पुतला जलाया। हर्षदेव सिंह ने डोमिसाइल नियमों की समीक्षा करने की मांग करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर के युवाओं के हितों की रक्षा नहीं की गई। उन्होंने कहा कि डोमिसाइल के नियमों में एक श्रेणी ऐसी है जिसमें बाहरी राज्यों से आए लेबर क्लास, निर्माण कार्य में लगे लोगों, व्यापारियों को और उनके बच्चों को डोमिसाइल हासिल हो जाएगा।
डोमिसाइल प्रमाणपत्र बन जाने के बाद वे नौकरियों के लिए आवेदन कर पाएंगे। जम्मू कश्मीर के युवाओं के हितों की रक्षा करने का वायदा किया गया था लेकिन अब ऐसा नहीं हुआ है। भाजपा ने जम्मू कश्मीर के युवाओं को गुमराह किया है। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई नई अधिसूचना में आपत्ति जताते हुए कहा कि बिहार, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों से हजारों श्रमिक, व्यापारी कई सालों से जम्मू-कश्मीर में रह रहे हैं। इन नए नियमों के तहत वे न सिर्फ डोमिसाइल सर्टिफिकेट के लिए योग्य हो जाते हैं बल्कि यहां की सरकारी नौकरियों के लिए भी हकदार हो जाते हैं। इससे पहले से ही बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे स्थानीय युवाओं की परेशानियां बढ़ेंगी। उनका नौकरियों पर अधिकार कम हो जाएगा।
यही नहीं बाहरी राज्यों के ये लोग अब केंद्रीय नौकरियों में भी स्थानीय युवाओं का हक मारेंगे। 10 से 12वीं की परीक्षा पास किए हुए बाहरी राज्यों के युवा डोमिसाइल सर्टिफिकेट बनाने के बाद उन नौकरियों के भी हकदार हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जम्मू के लोगों, यहां के बेरोजगार युवाओं के साथ पांच अगस्त को जो वायदा किया था, ये नियम उसके उलट है। इसे सीधे तौर पर जम्मू के साथ धोखा ही कहा जाएगा। हद तो यह है कि जम्मू-कश्मीर प्रदेश भाजपा ने भी इसमें केंद्र का साथ दिया है। जम्मू की बात करने वाली भाजपा यहां के लाेगों के मौलिक अधिकारों को भी बचाने में नाकामयाब रही। डोमिसाइल सर्टिफिकेट के नाम पर जम्मू के लोगों को बरगलाया जा रहा है परंतु जमीनी हकीकत उसके बिलकुल उलट है।
हर्ष देव सिंह ने जम्मू वासियों से अपील की कि वे केंद्र के इस फैसले की जमीनी हकीकत को समझें। उनके बच्चों के साथ हो रही अनदेखी का विरोध करें। यदि अभी भी इसके खिलाफ बोला नहीं गया तो जम्मू की युवा पीढ़ी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।