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जम्मू की बेटी सोफिया कविताओं के माध्यम से कर रही हैं कोरोना के प्रति जागरूक, एक महीने में हो चुकी हैं इतनी कविताएं प्रकाशित

कोरोना में एक ओर स्वास्थ्य विभाग लोगों को एसओपी का पालन करने के लिए लगातार जागरूकता अभियान चलाए हुए हैं। वहीं सिविल सोसायटी के कई लोग भी अपने स्तर पर लोगों को विभिन्न तरीकों से जागरूक करने में लगे हुए हैं। इन्हीं में एक है युवा कवियत्री सोफिया जंगराल।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Wed, 12 May 2021 07:28 PM (IST)Updated: Wed, 12 May 2021 07:28 PM (IST)
जम्मू की बेटी सोफिया कविताओं के माध्यम से कर रही हैं कोरोना के प्रति जागरूक, एक महीने में हो चुकी हैं इतनी कविताएं प्रकाशित
जम्मू यूनिवर्सिटी से पहले समाज शास्त्र में पीजी और फिर एजूकेशन में मास्टर डिग्री के बाद कविताएं लिखना शुरू की।

जम्मू, राज्य ब्यूरो । कोरोना में एक ओर स्वास्थ्य विभाग लोगों को एसओपी का पालन करने के लिए लगातार जागरूकता अभियान चलाए हुए हैं। वहीं सिविल सोसायटी के कई लोग भी अपने स्तर पर लोगों को विभिन्न तरीकों से जागरूक करने में लगे हुए हैं। इन्हीं में एक है युवा कवियत्री सोफिया जंगराल।

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वह कविताओं के माध्यम से लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करने में लगी हुई है। इसका कहना है कि मकसद एक ही है कि लोग सुरक्षित रहें। जम्मू के बड़ी ब्राह्मणा क्षेत्र की रहने वाली सोफिया जंगराल को ज्यों तो स्कूल के समय से ही कविताएं लिखने का शौक था लेकिन व्यस्त पढ़ाई के शेड्यूल के कारण वह कविताएं लिखनप जारी नहीं रख सकी।

जम्मू यूनिवर्सिटी से पहले समाज शास्त्र में पीजी और फिर एजूकेशन में मास्टर डिग्री करने के बाद उन्होंने फिर से कविताएं लिखना शुरू की। थोड़े से अंतराल में ही उन्होंने तीन सौ के करीब कविताएं लिख डाली। लेकिन दो महीने पहले जब कोरोना की दूसरी लहर शुरू हुई और इसने देश के अन्य भागों की तरह ही जम्मू-कश्मीर को भी अपने शिकंजे में लेना शुरू किया तो सोफिया के मन में भी समाज के लिए कुछ करने का जज्बा उत्पन्न हुआ। उन्होंने कोरोना पर एक कविता लिखी और उसे अखिल भारतीय स्तर पर हुई काव्य गोष्ठी में पढ़ा। उरनकी इस कविता को सभी ने पसंद किया। इस कविता को कई जगह प्रकाशित भी किया गया।

कोरोना पर लिखी कविता को सराहना मिलने से उत्साहित सोफिया ने फिर कोरोना पर दूसरी कविता लिखी। एक महीने के अंतराल में सोफिया अभी तक चार कविताएं लिख चुकी है। कोरोना पर लिखी उनकी कविताओं को पसंद भी किया जा रहा है। उनका कहना है कि कोरोना से पूरे जम्मू-कश्मीर में तबाही मची हुई है। कई लोगों की जान चली गई है। उन्होंने सोचा कि लोगों को अपनी कविताओं के माण्यम से जागरूक किया जाए तथा जान देने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी जाए। इसी को सोच कर कविताएं लिख रही हूं।

सोफिया इससे पहले भी कई सामाजिक मुद्दों पर कविताएं लिख चुकी है। उनका कहना है कि कविता लिखने का अभी उनका लंबा सफर नहीं है। लेकिन उनका प्रयास है कि कुछ अच्दा लिखा जाए जिससे समाज में कुछ योगदान दिया जा सके। बस सही सोचकर लिख रही हूं। कोशिश है कि जल्दी ही अपनी एक पुस्तक भी प्रकाशित हो। सोफिया एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखती है। वह दो बहनों में छोटी है। बड़ी बहन नेहा जंगराल शिक्षिका है। 


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