Jammu: युवा गांधीवादियों ने लिखा PM मोदी को खुला पत्र, सुझाए कोरोना से लड़ने के उपाए
पत्र में लिखा गया है कि कोविड-19 महामारी में लगातार इजाफा हो रहा है।इस मुश्किल दौर में हमें एक जुट होकर संक्रामक महामारी से मुकाबला करना हाेगा। इस महामारी से मुकाबला के लिए हमें विश्वास और प्रतिबद्धता से काम करना होगा।
जम्मू, जागरण संवाददाता : युवा गांधीवादियों के एक समूह ने प्रिया वर्मा की अध्यक्षता में कोरोना महामारी संकट से निपटने के लिए सुझाव देते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र लिखा है। पिछले दिनों नित्यनूतन वार्ता द्वारा आयोजित वेबिनार के दौरान उन्हीं उपायों पर चर्चा की गई।बाद में देश के वरिष्ठ गांधीवादियों द्वारा इसे अनुमोदित किया गया।
प्रिया वर्मा ने भारत सरकार गृह मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय अपराध विज्ञान और न्यायिक विज्ञान संस्थान से अपराध विज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त हैं। वह वर्ष 2018-19 के दौरान संयुक्त राष्ट्र डीजीसी, न्यूयॉर्क में एनजीओ प्रतिनिधि भी रह चुकी हैं। वर्तमान में वह जीजीएफ कोविड 19 राहत एवं प्रतिक्रिया टीम की सक्रिय सदस्य हैं।
पत्र में लिखा गया है कि कोविड-19 महामारी में लगातार इजाफा हो रहा है।इस मुश्किल दौर में हमें एक जुट होकर संक्रामक महामारी से मुकाबला करना हाेगा। इस महामारी से मुकाबला के लिए हमें विश्वास और प्रतिबद्धता से काम करना होगा। गरीब और बेसहारा लोगों की मदद करनी होगी। इसके साथ-साथ सबका साथ भी बहुत जरूरी है। इस बीमारी से हमारी लड़ाई लंबी चलेगी और हम सबको विशेषज्ञों द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करना है।
देश भर में जारी एसओपी का पालन करते हुए एक दूसरे की जितनी हो सके मदद करनी होगी। मौजूदा सरकार और विपक्ष को इस समय एकसाथ आकर लोगों की सेवा करने के लिए हर सम्भव प्रयास करना चाहिए। जल्द से जल्द एक ऑल पार्टी मीटिंग का आयोजन किया जाए जो देशहित में हो। सभी राजनीतिक पार्टी के सदस्यों को जोड़ा जाए तो यह संख्या 15 करोड़ से ज्यादा होगी।
यदि एक सदस्य को भी 8 लोगों कि जिम्मेदारी दी जाए तो हम कोरोना के खिलाफ यह जंग जीत सकते हैं।एक राष्ट्रीय कार्य योजना बनाई जाए। जिसके लिए विशेषज्ञों की राय ली जाए। यह हमें आने वाले कोरोना की लहरों और अलग-अलग म्यूटेंट्स से बचाव देने योग्य होगा। इस प्लान के चेयरमैन माननीय प्रधानमंत्री खुद हों और एक कमांड के नीचे सारी कार्यवाही होनी चाहिए।
इसके साथ ही राष्ट्रस्तरीय टास्कफोर्स का गांव स्तर गठन राष्ट्रीय से गांव स्तर तक का गठन किया जाना चाहिए। जिसमें सिविल सोसाईटी, पंचायती राज प्रणाली, जिला, ब्लाक एवं ग्राम सभा के निर्वाचित सभी सदस्य और प्रशासन की भागीदारी हो। इस टास्क फोर्स में देश के हर नागरिक को जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।
इस समय हर पंचायत और गांव के स्तर पर स्कूल, पंचायत घरों एवं धार्मिक स्थलों को ऑक्सीजन बेड युक्त आइसोलेशन अस्पताल बनाया जाना चाहिए।ताकि गांव के निवासियों को यह सुविधा उनके घर के पास मिल सके और शहर सिर्फ गंभीर मरीजों को ले जाने की जरूरत पड़े।
इस महामारी के चलते कितने ही डाक्टर्स, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिसकर्मी, सफाई कर्मचारी तथा अन्य समाज सेवा करते हुए आम नागरिकों ने भी अपनी जान का बलिदान दिया। जोकि अपने आप में इस देश की एकजुटता और महानता का प्रतीक है।
कोरोना से मृत लोगों के पार्थिव शरीर का और भी अच्छे तरीके से सम्मान पूर्वक अंतिम संस्कार हो। इस दिशा में आवश्यक कार्रवाई किया जाना सुनिश्चित कराएं। जहां इतने लोग मर रहे हैं, वही कुछ व्यापारी अपने व्यक्तिगत हितों के लिए नकली दवाएं, ज्यादा दाम पर मेडिसन और आक्सीजन बेच रहे हैं। उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो।इसके साथ अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए जल्द उचित कदम उठाने की जरूरत है। डर के कारण अनेक अफवाहों ने जन्म लिया।
इस समय शिक्षित नागरिकों को आगे आना है। वैज्ञानिक इलाज के बारे में लोगों को अवगत कराना है । किसी भी भ्रम और अफवाह फैलने से रोकना है। हमें इस डर को दूर करना है। सभी कोरोना पीड़ितों और उनके परिवार कि हर सम्भव मदद करनी है। यदि आज गांधी जी हमारे बीच होते तो वह इन रोगियों की सेवा में सबसे आगे होते और हम सबको स्वच्छता और कोविड संबंधित प्रोटोकाल का पालन करने का आदेश देते। पत्र में उन्होंने किसानों को भी आंदोलन स्थगित करने का सुझाव दिया है। शिक्षा के प्रचार प्रसार एवं बच्चों की पढ़ाई के लिए रेडियो और दूरदर्शन की भी मदद ली जानी चाहिए। ताकि जिन बच्चों के पास स्मार्ट फोन नहीं हैं उनकी भी पढ़ाई प्रभावित न हो।