Jammu: टू जी इंटरनेट स्पीड से हांफी ई-चालान मशीन, मशीन को छोड़ फिर से चालान बुक पकड़ी
ई-चालान मशीन को ट्रैफिक कर्मी अपने मोबाइल फोन से हॉटस्पाट के जरिए कनेक्ट करते हैं। इंटरनेट की स्पीड से परेशान होकर ट्रैफिक कर्मी ई-चालान मशीन को छोड़ कर अब फिर से चालान बुक से वाहन चालकों के चालान काटने शुरू कर दिए हैं।
जम्मू, दिनेश महाजन: एक अक्तूबर से देश के बाकी राज्यों के साथ जम्मू कश्मीर प्रदेश में भी संशोधित यातायात कानून लागू हो गया हैं। इस कानून के तहत नाकों पर अब ट्रैफिक पुलिस कर्मी वाहन चालकों को रोक कर उनके दस्तावेज नहीं मांगे। ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को ई-चालान मशीनें दी गई जो मोटर व्हीकल डिपार्टमेंट द्वारा तैयार किए वेब पोर्टल से कनेक्ट होगा। इस पोर्टल के जरिए वाहन का नंबर डालते ही वाहन की रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, इंशोरेंस, चालक के ड्राइविंग लाइसेंस की पूरी जानकारी मिल पाएगी।
जिला जम्मू की सड़क पर तैनात ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को चालीस ई-चालान मशीनें मुहैया करवा दी गई हैं। ट्रैफिक कर्मियों को विभाग ने ई-चालान मशीन तो दे दी, लेकिन जम्मू कश्मीर में टू जी मोबाइल फोन इंटरनेट सेवा बहाल होने से ई चालान मशीनें इंटरनेट की कम गति के कारण ठीक प्रकार से काम हीं नहीं कर रही। ट्रैफिक कर्मी ई-चालान मशीनें में जब पोर्टल को खोलने लगते हैं तो इंटरनेट की स्पीड पर्याप्त ना होने के चलते पोर्टल खुल हीं नहीं पाता। ई-चालान मशीन को ट्रैफिक कर्मी अपने मोबाइल फोन से हॉटस्पाट के जरिए कनेक्ट करते हैं। इंटरनेट की स्पीड से परेशान होकर ट्रैफिक कर्मी ई-चालान मशीन को छोड़ कर अब फिर से चालान बुक से वाहन चालकों के चालान काटने शुरू कर दिए हैं।
चार दिनों में ई-मशीन से काटे मात्र 57 चालान
ई-चालान मशीनों के संचालन के लिए पर्याप्त इंटरनेट की स्पीड ना मिलने के कारण ट्रैफिक पुलिस जम्मू एक अक्तूबर से लेकर चार अक्तूबर तक यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों के मात्र 57 चालान की काट पाई हैं। इसके विपरीत ट्रैफिक पुलिस औसतन प्रतिदिन में 250 से 300 चालान काट रही हैं।
मोबाइल फोन इंटरनेट का विकल्प तलाशा जा रहा
एसपी ट्रैफिक जम्मू प्रदीप गोरिया के अनुसार मोबाइल फोन से कनेक्ट कर ई-चालान मशीन को चलाने में दिक्कत पेश आ रही हैं। मोबाइल फोन इंटरनेट के स्थान पर इन मशीनों को हाई स्पीड इंटरनेट से कनेक्ट करने के विकल्प खोजे जा रहे हैं।