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जम्मू-श्रीनगर हाइवे 42 घंटे बाद खुला, एक तरफा वाहन छोड़े, फंसे वाहनों को छोड़ा जा रहा

ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों ने बताया कि रामबन के डिगडोल में भूस्खलन के कारण भारी मात्र में मलबा हाईवे पर पड़ा है। यह भूस्खलन शनिवार को हुआ था।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 23 Dec 2019 12:24 PM (IST)Updated: Mon, 23 Dec 2019 04:33 PM (IST)
जम्मू-श्रीनगर हाइवे 42 घंटे बाद खुला, एक तरफा वाहन छोड़े, फंसे वाहनों को छोड़ा जा रहा
जम्मू-श्रीनगर हाइवे 42 घंटे बाद खुला, एक तरफा वाहन छोड़े, फंसे वाहनों को छोड़ा जा रहा

जम्मू, जेएनएन। 270 किलोमीटर लंबा जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर आज सोमवार को चौथे दिन करीब 42 घंटे बंद रहने के बाद वाहनों के लिए खोल दिया गया। फिलहाल नए वाहनों को सड़कों पर उतरने की इजाजत नहीं दी गइ है। ट्रैफिक पुलिस उन्हीं वाहनों को जाने की इजाजत दे रही है जो पिछले दिन दिनों से हाइवे पर फंसे हुए थे। अधिकारियों का कहना है कि फंसे वाहनों के निकल जाने के बाद ही दूसरे वाहनों को सड़कों पर उतरने की अनुमति दी जाएगी। 

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रामबन जिले के डिगडोल इलाके में भूस्खलन होने के बाद से यह मार्ग लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर बंद कर दिया गया था। हालांकि गत शनिवार को दोपहर सिर्फ तीन घंटे के लिए यह खुला था, लेकिन भूस्खलन होने से यह फिर बंद हो गया था। यह तब से ही बंद है। हाईवे बंद होने के कारण कश्मीर का शेष देश से संपर्क पूरी तरह कट गया है। हाईवे पर हजारों की संख्या में यात्री वाहन और ट्रक फंसे हैं। कश्मीर में सब्जियां ले जाने वाले वाहनों के भी पहिए रुक गए हैं। वहीं, उच्च पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण मुगल रोड और श्रीनगर-लेह मार्ग पिछले काफी दिनों से लगातार बंद है।

ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सोमवार दोपहर बाद हाइवे वाहनों के लिए आंशिक तौर पर खोल दिया था। पहले जम्मू से घाटी जाने वाले वालों को निकाला गया आैर उसके बाद घाटी से जम्मू आने वाले वाहनों को निकलने का समय दिया गया। उन्होंने बताया कि तीन दिन से हाइवे बंद होने के कारण सात हजार से अधिक वाहन फंसे हुए हैं। उन्हें निकालने में अभी समय लग सकता है। नए वाहनों को सड़कों पर उतरने की इजाजत शाम या फिर मंगलवार सुबह ही दी जाएगी। इसका निर्णय बाद में ही लिया जाएगा। फिलहाल वाहनों का निकालने का काम अभी भी जारी है।

रामबन के डिगडोल में हुए भूस्खलन के कारण भारी मात्र में मलबा हाईवे पर उतर आया था। यह भूस्खलन शनिवार को हुआ था। भूस्खलन और पत्थर गिरने से हाईवे भी कई जगह क्षतिग्रस्त हो गया। मलबा हटाने के लिए मशीनरी और कर्मचारियों को लगाया गया था। दिनरात काम करने के बाद करीब 42 घंटे बाद मलवा हटा लिया गया आैर वाहनों को गुजरने की इजाजत दी गइ।

रविवार की ही तरह सोमवार सुबह भी उधमपुर से रामबन, डोडा, किश्तवाड़, पत्नीटॉप जाने वाले यात्री वाहनों को ही जखैनी से आगे जाने की अनुमति दी गई थी। श्रीनगर जाने वाले नए वाहनों को अभी रोका गया है।

सड़क के किनारे जल रहे चूल्हे: रविवार को ऊधमपुर के जखैनी के पास घाटी की ओर जाने वाले यात्रियों को रोके जाने से बिहार और असम से आए यात्री काफी परेशान दिखे। उन्हें वाहन से उतरकर सड़क के किनारे ही चूल्हा बनाकर खाना बनाते देखा गया। यात्रियों ने बताया कि वह लोग शनिवार रात को ऊधमपुर पहुंचे थे। राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने के चलते यहां से आगे जाने नहीं दिया गया। हालांकि, रविवार को धूप से उन्हें काफी राहत मिली, लेकिन उन्हें परेशानी ङोलनी पड़ रही है।

बर्फबारी से मचैल गांव का रास्ता भी बंद: बर्फबारी के चलते मचैल गांव का रास्ता भी बंद हो गया है, जिससे लोग अपने गांव में फंस कर रह गए हैं। कुंडेल गांव से लेकर मचैल तक पहाड़ बर्फ से ढक चुके हैं। कुंडेल से लेकर चशोती और चशोती से हमोरी तक कई ग्लेशियर प्वाइंट हैं। यहां जब ग्लेशियर आता है तो अपने साथ बर्फ का पूरा पहाड़ लेकर आता है। ग्लेशियर वहां से गुजरने वाली दरिया को भी पार कर जाता है। बाद में दरिया का पानी बर्फ को चीरता हुआ निकलता है। इसी के चलते कुंडेल से लेकर मचैल तक बर्फ में चलना खतरे से खाली नहीं होता।

इस सप्ताह साफ रहेगा मौसम: पिछले दो दिनों से धूप निकलने से अधिकतम तापमान राहत देने वाला है, लेकिन आगे न्यूनतम तापमान गिरने की संभावनाएं बढऩे लगी हैं। मौसम विभाग के अनुसार इस सप्ताह बारिश या बर्फबारी के आसार नहीं हैं। कश्मीर घाटी के अधिकतर क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान माइनस में चल रहा है। कड़ाके की ठंड से कश्मीर घाटी के कई इलाकों में पेयजल आपूर्ति लाइनों में पानी जमना शुरू हो गया है।

कहां कितना रहा तापमान: कश्मीर घाटी के प्रवेश द्वार काजीगुंड में न्यूनतम तापमान माइनस 0.2 रहा। लेह का न्यूनतम तापमान -9.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। द्रास सबसे ठंडा चल रहा है। द्रास का अधिकतम तापमान -5.2 जबकि न्यूनतम तापमान -29.0 डिग्री सेल्सियस रहा। पहलगाम का अधिकतम तापमान 5.0 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान -6.8 डिग्री सेल्सियस रहा। जम्मू न्यूनतम तापमान 8.7 डिग्री सेल्सियस रहा। अधिकतम तापमान 14.1 डिग्री सेल्सियस रहा। माता वैष्णो देवी आधार शिविर कटड़ा का न्यूनतम तापमान 6.2 डिग्री सेल्सियस, बटोत का न्यूनतम तापमान 10.7 डिग्री सेल्सियस, न्यूनतम तापमान शून्य, बनिहाल का न्यूनतम तापमान 0.4 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान 7.8, भद्रवाह का न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे -1.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान 10.7 डिग्री सेल्सियस रहा। कश्मीर के अधिकतर इलाकों में माइन्स तापमान रहने के कारण पीने का पानी भी जमने लगा है।


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