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साहब! ग्रामीण से शहरी बनने को ज्यादा फंड्स चाहिए, 5 करोड़ रुपये की राशि ऊंट के मुंह में जीरे समान

हमारी पूरे वार्ड में सफाई व्यवस्था तक नहीं दे पाए। नए वार्डों के लिए ज्यादा फंड्स उपलब्ध करवाएं जाएं। लोगों की अपेक्षाएं बढ़ी हैं। फंड्स मिलेंगे तो विकास होगा। जन प्रतिनिधि होने के नाते जवाबदेही बनती है। लोगों को जवाब देना मुश्किल हो रहा है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 12:19 PM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 12:19 PM (IST)
साहब! ग्रामीण से शहरी बनने को ज्यादा फंड्स चाहिए, 5 करोड़ रुपये की राशि ऊंट के मुंह में जीरे समान
पहले शहर में 71 और अब शहर में 75 वार्ड हैं।

जम्मू, जागरण संवाददाता : शहर में शामिल किए गए नये वार्डों को ग्रामीण से शहरी बनाने के लिए करोड़ों रुपये की जरूरत है। पूरे निगम को पांच करोड़ रुपये देने की घोषणा ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। कुछ नही मिलने से तो अच्छा है लेकिन जब ग्रामीण क्षेत्रों को शहर में जोड़ा है तो लोगों को सुविधाएं देना भी सरकार का काम है। लिहाजा नए वार्डों में विकास करवाने के लिए ज्यादा फंड्स दिए जाएं।

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जम्मू शहर के अधीन लाए गए नए इलाकों के कॉरपोरेटरों ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मेयर चंद्र मोहन गुप्ता से मांग की है कि वह नए वार्डों पर ज्यादा ध्यान देना देते हुए फंड्स बढ़ाएं। दो साल का समय हो चुका है। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के नाम पर मामूली काम ही हो सका है। वार्ड नंबर 75 के कॉरपोरेटर गार सिंह चिब का कहना है कि हमारा वार्ड पूरी तरह ग्रामीण क्षेत्र है। मुख्य सड़क को छोड़ शेष गलियां आज भी निर्माण व मरम्मत को तरस रही हैं। पर्याप्त फंड नहीं मिलने के कारण हमें मुश्किलें हो रही हैं। अब सरकार ने पांच करोड़ निगम को देने की घोषणा की है तो इस पैसे में से नए वार्डों में ज्यादा दिए जाने चाहिए ताकि यहां की हालत भी सुधर सके। यही हाल रहा तो पांच वर्षों में दो तीन गलियां ही बना पाएंगे।

वहीं नए वार्डों के काॅरपोरेटर प्रो. युद्धवीर सिंह, यरशपाल भारद्वाज, सोबत अली का कहना है कि उनके वार्डों को विकसित करने के लिए करोड़ों रुपये की जरूरत है। विभिन्न विभागों से काम करवाना होगा। कोशिश करते हुए कई विकास कार्य शुरू तो करवाए हैं लेकिन अभी बहुत कुछ करना शेष है। निगम चुनाव करवाते समय सरकार ने जो दावे किए थे, उन पर पूरा नहीं उतरा गया है। दो सालों में 10 प्रतिशत काम के लिए भी पैसे नहीं मिलें हैं। हमारी पूरे वार्ड में सफाई व्यवस्था तक नहीं दे पाए। नए वार्डों के लिए ज्यादा फंड्स उपलब्ध करवाएं जाएं। लोगों की अपेक्षाएं बढ़ी हैं। फंड्स मिलेंगे तो विकास होगा। जन प्रतिनिधि होने के नाते जवाबदेही बनती है। लोगों को जवाब देना मुश्किल हो रहा है।

सरकार ने 11 जून 2018 को एसआरओ-268 लागू कर 36 गांवों को नगर निगम के दायरे में लाया था। पहले शहर में 71 और अब शहर में 75 वार्ड हैं।

शहर में जोड़े गए नये क्षेत्र

वार्ड नंबर - मुख्य क्षेत्र

32 गोल- गांव चक पौनी, वंड वजीरां, सियोड़ा, चक गुलामी, त्रिलोकपुर, खैरियां, चक पौनी वंड ब्राह्मणा

55 डीली- डीली के नए खसरा नंबर

63 चिनौर- केरन-2 ठठर

65 बरनाई/अप्पर- धरमाल गुढ़ा ब्राह्मणा, पटोली ब्राह्मणा

66 अप्पर मुट्ठी- मुट्ठी के नए खसरा नंबर

67 लोअर मुट्ठी- दरमाल लोअर, मचलियां, गजे सिंहपुरा

68 ग्रेटर कैलाश- कालू चक, रतनू चक, जल्लो चक

71 सिद्धड़ा- हाउसिंग कॉलोनी रंगूरा, दवारा, मझीन

72 नया वार्ड टिकरी खन्नी, गंगवां, शहजानपुर, बुपा कनिया, चक पटयाली, रख नागबनी

73 नया वार्ड भोर, गाड़ीगढ़, चक सरदार अत्तर ¨सह

74 नया वार्ड सुंजवां, चौआदी

75 नया वार्ड हजूरी बाग, अकलपुर, संग्रामपुर, पटनयाल, दुर्गाे चक  


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