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Jammu: बर्फीले रेगिस्तान में फैली न्याय की किरण, लद्दाख के केसों की अब हाई कोर्ट में वर्चुअल सुनवाई शुरू

लद्दाख के अधिकतर लोग भारी खर्च व लंबे सफर के चलते श्रीनगर या जम्मू हाई कोर्ट नहीं जा पाते थे। अब हाई कोर्ट उनकी पहुंच में आ गया है। लद्दाख के केसों की अब हाई कोर्ट में वर्चुअल सुनवाई होगी। यह एक ऐतिहासिक कदम है।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaPublished: Mon, 06 Feb 2023 10:28 PM (IST)Updated: Mon, 06 Feb 2023 10:28 PM (IST)
बर्फीले रेगिस्तान में फैली न्याय की किरण, लद्दाख के केसों की अब हाई कोर्ट में वर्चुअल सुनवाई शुरू

ललित कुमार, जम्मू : लद्दाख में लेह-कारगिल मार्ग पर करीब तीन हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित हिनास्कू गांव के लोगों को लगता था कि उन्हें इंसाफ पाने के लिए अदालतों के चक्कर काटते-काटते सदियां बीत जाएंगी, लेकिन अब उन्हें इंसाफ की किरण नजर आई है।

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हिनास्कू की तरह लद्दाख के अन्य गांव के लोगों को केस लड़ने के लिए करीब 420 किलोमीटर का सफर तय करके श्रीनगर या 670 किलोमीटर दूर जम्मू जाना पड़ता था, अब वह अपने क्षेत्र में रहकर ही केस में अपना पक्ष रख पाएंगे। दरअसल, जम्मू-कश्मीर व लद्दाख हाई कोर्ट ने लद्दाख के लंबित केसों की वर्चुअल सुनवाई शुरू कर दी है। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लिए इसे एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।

लद्दाख के दोनों जिलों, लेह व कारगिल में जिला सत्र न्यायालय है। यहां हाई कोर्ट का कोई बेंच न होने के कारण केस श्रीनगर और जम्मू में पेश किए जाते थे। जिला सत्र न्यायालय के फैसलों से अगर कोई असंतुष्ट रहता है तो उसे भी जम्मू या श्रीनगर में हाई कोर्ट में केस दायर करना पड़ता था। भारी खर्च कर हर याची के लिए श्रीनगर या जम्मू पहुंचना संभव नहीं हो पाता, इस कारण अधिकतर लोग सत्र न्यायालय के फैसले को अपना नसीब समझ कर मान लेते थे।

टालनी पड़ती थी सुनवाई

जम्मू-कश्मीर व लद्दाख हाई कोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस ताशी रबस्तान ने गत शनिवार (चार फरवरी) को वर्चुअल सुनवाई शुरू की। पहले दिन छह लंबित केसों पर सुनवाई की गई। सुनवाई के दौरान वकील व याची वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से मौजूद रहे। लद्दाख में ऐसे सैकड़ों केस जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट की श्रीनगर व जम्मू ¨वग में लंबित हैं, जिनमें कभी याची के न पहुंचने तो कभी वकील के न पहुंचने के चलते सुनवाई टालनी पड़ती थी।

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