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Jammu: नई बस्ती नहर का होगा जीर्णोद्धार, घाट बनाकर किया जाएगा सौंदर्यीकरण

जम्मू शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए अग्रसर हैं। उन्होंने कहा कि जनरल हाउस की बैठक में भी उन्होंने यह मुद्दा उठाया कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट कमेटी में मेयर व स्थानीय कॉरपोरेटर हों ताकि उनके परामर्श से काम आगे बढ़े। कॉरपोरेटर से ज्यादा शहर को कोई नहीं जान सकता।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 03 Dec 2020 11:48 AM (IST)Updated: Thu, 03 Dec 2020 11:48 AM (IST)
Jammu: नई बस्ती नहर का होगा जीर्णोद्धार, घाट बनाकर किया जाएगा सौंदर्यीकरण
33.72 लाख रुपये की लागत से नहर के किनारों पर घाट बनाए जाएंगे।

जम्मू, जागरण संवाददाता: शहर के व्यस्त नई बस्ती क्षेत्र में बहने वाली नहर जो अक्सर गंदगी से पटी रहती है, का अब जीर्णोद्धार होने जा रहा है। प्रसिद्ध शीतला मंदिर के नजदीक नहर के किनारों पर घाट बनाने के साथ यहां लाइटिंग की व्यवस्था भी की जाएगी। हरियाली बनाए रखने के लिए गमले भी लगाए जाएंगे।

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वार्ड नंबर 23 में आने वाले नई बस्ती क्षेत्र की यह नहर क्षेत्र की शान रही है। कंक्रीट बढ़ने के साथ इसकी हालत भी खराब हो चुकी है। इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया। अब नहर में गंदगी के अंबार लगे रहते हैं। शीतला माता मंदिर के पंडित विनोद शास्त्री जी ने इस मुद्दे को कॉरपोरेटर पवन सिंह से उठाया। उन्होंने प्रयास किए और अब इसके जीर्णोद्धार का काम शुरू हुआ है। कॉरपोरेटर पवन सिंह ने स्थानीय लोगों के साथ विधिवत पूजा-अर्चना के बाद काम का शुभारंभ किया।

उन्होंने बताया कि 33.72 लाख रुपये की लागत से नहर के किनारों पर घाट बनाए जाएंगे। उनमें चैन फेंसिंग की जाएगी। इतना ही नहीं यहां हर दस फुट पर लाइटें लगाई जाएंगी। गमले लगाकर इसकी खूबसूरती को बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी का जो भी पैसा आता है, वो सड़कों पर बाहर लगाया जाता है। दिखावा किया जाता है जबकि गंदगी अंदर भरी पड़ी है, इसलिए अंदर की गंदगी को दूर किया जाना चाहिए। जब अंदर की गंदगी दूर होगी तो हमारा शहर अपने आप स्मार्ट सिटी बन जाएगा। गुजरात, इंदौर जैसा दिखने लगेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यही प्रयास हो रहे हैं।

हम जम्मू शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए अग्रसर हैं। उन्होंने कहा कि जनरल हाउस की बैठक में भी उन्होंने यह मुद्दा उठाया कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट कमेटी में मेयर व स्थानीय कॉरपोरेटर हों ताकि उनके परामर्श से काम आगे बढ़े। कॉरपोरेटर से ज्यादा शहर को कोई नहीं जान सकता। अधिकारियों को पूरी जानकारियां नहीं रहतीं। 


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