JMC: जम्मू से खत्म होगा कुत्तों का आतंक, नगर निगम ने तेज की नसबंदी की प्रक्रिया
सभी 75 वार्डों में आवारा कुत्तों की भरमार है। इस मसले को जम्मू नगर निगम के जनरल हाउस में भी कई बार कॉरपोरेटर उठा चुके हैं। वे चाहते हैं कि नसबंदी की प्रक्रिया को प्रभावी तरीके से लागू करते हुए हर वार्ड में नसबंदी कर लोगों को राहत दिलाई जाए।
जम्मू, जागरण संवाददाता: जम्मू नगर निगम नसबंदी कर मंदिरों के शहर जम्मू को कुत्तों के आंतक से निजात दिलाने जा रहा है। जारी प्रक्रिया में अभी तक करीब 18500 कुत्तों की नसबंदी कर दी गई है। अभी तक करीब छह वार्डों में कुत्तों को पकड़ने के साथ नसबंदी की प्रक्रिया सिरे चढ़ी है।
नगर निगम ने फ्रेंडिकोज (एसइसीए) नामक एजेंसी को शहर में कुत्तों की नसबंदी का ठेका दिया है। एजेंसी ने वार्ड नंबर 62 में रूपनगर स्थित एनिमल केयर सेंटर में कुत्तों की नसबंदी की प्रक्रिया शुरू की है। रोजाना दर्जन के करीब कुत्तों की नसबंदी की जा रही है। एनिमल बर्थ कंट्रोल प्रोग्राम (एबीसी) के तहत नसबंदी के साथ कुत्तों को एंटी रैबीज इंजेक्शन दिए जा रहे हैं। निगम ने अप्रैल माह में दिल्ली की इस एजेंसी को नसबंदी का यह ठेका दिया है।
औपचारिकताएं पूरी करने के साथ सेंटर में सुविधाएं व यंत्र लगाने के बाद एजेंसी अभी तक करीब 1500 कुत्तों की नसबंदी कर पाई है। फिलहाल वार्ड नंबर 62, 39, 0, 10, 70 और 71 में से कुत्तों काे पकड़ कर नसबंदी की जा रही है। ऐसे ही सभी वार्डों में रोटेशन के आधार पर काम होगा।
2017 में भी शुरू की थी प्रक्रिया: वर्ष 2017 में निगम ने नासिक आधारित नंदेद सोसायटी फॉर प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल को कुत्तों की नसबंदी व वेक्सिनेशन का ठेका सौंपा दिया था। करीब 12 हजार कुत्तों की नसबंदी ही सोसायटी कर पाई थी कि सोसायटी का ठेका रद कर दिया गया। सोसायटी के दस्तावेजों में हेरफेर के चलते मामला सीबीआई में चला गया था। उसके बाद इस कंपनी को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। उसके बाद अब निगम ने पशुपालन विभाग के साथ मिलकर अपने स्तर पर यह कार्य जारी रखा लेकिन यह कारगजर साबित नहीं हुआ। अब फ्रेंडिकोज एजेंसी को यह ठेका दिया गया है।
नसबंदी पर 1150 रुपये खर्च: एनिमल बर्थ कंट्रोल प्रोग्राम (एबीसी) के तहत एजेंसी फोडिकॉज प्रति कुत्ते के 1150 रुपये नसबंदी के लेगी। इस राशि में कुत्तों को उठाना, छोड़ना, केयर, ऑपरेशन, रेबीज इंजेक्शन लगाए जाएंगे। पहले नगर निगम को प्रति कुत्ता दो हजार के आसपास खर्चा पड़ रहा था। कुत्ते को जहां से उठाया जाएगा, वहीं पर छोड़ा जाएगा। हर माह एक हजार कुत्तों को पकड़ा जाएगा।
शहर में बरकरार है कुत्तों का आतंक: जारी नसबंदी के बावजूद शहर के मुहल्लों में कुत्तों का खौफ कम नहीं हुआ है। लगभग हर मुहल्ले में कुत्तों के झुंड शाम ढलते ही सड़कों पर आ जाते हैं। खूंखार दिखने वाले यह कुत्ते कइयों को काट भी चुके हैं। चूंकि नियमों का अनुपालन करते हुए निगम इन्हें दोबारा उसी स्थान पर छोड़ रहा है जहां से इन्हें उठाया जाता है। चूंकि अधिकतर कुत्तों की वैक्सिनेशन नहीं हो सकी तो इनका भौंकना, काटना बदस्तूर जारी है। इससे लोग खौफजदा हैं। तालाब तिल्लो, भगवती नगर, संजय नगर, नानक नगर, डिग्याना, गंग्याल, सैनिक कॉलोनी, ग्रेटर कैलाश, चिनौर, बन तालाब, न्यू प्लाट, रिहाड़ी, जानीपुर, रूपनगर में यह समस्या बरकरार है। लोगों की शिकायतें मिल रही हैं।
शहर को कुत्तों से मिले निजात: शहर के सभी 75 वार्डों में आवारा कुत्तों की भरमार है। इस मसले को जम्मू नगर निगम के जनरल हाउस में भी कई बार कॉरपोरेटर उठा चुके हैं। वे चाहते हैं कि नसबंदी की प्रक्रिया को प्रभावी तरीके से लागू करते हुए हर वार्ड में नसबंदी कर लोगों को राहत दिलाई जाए। कॉरपोरेटर एवं निगम में कांग्रेस के चीफ व्हिप द्वारका चौधरी, निगम में भाजपा के चीफ व्हिप प्रमोद कपाही, कॉरपोरेटर प्रीतम सिंह, राज कुमार, ज्योति देवी का कहना है कि कुत्तों के कारण लोग बहुत परेशान हैं। इनसे निजात दिलाने की प्रक्रिया को और तेज किया जाए।
शहर में कुत्तों की संख्या
- 2017 54 हजार
- 2018 60 हजार
- 2019 65 हजार
- 2020 74 हजार
- 2021 80 हजार
क्या कहते हैं अधिकारी: 'निगम ने शहर के कुत्तों की नसबंदी की कार्रवाई को तेज किया है। अभी तक करीब 18500 हजार कुत्तों की नसबंदी कर दी गई है। पहले एक वार्ड को पूरा करने के बाद अगली वार्ड में नसबंदी के प्रबंध किए गए हैं। अभी तक छह वार्ड हुए हैं। ऐसे करके शहर के सभी 75 वार्डों से कुत्तों को उठाकर उनकी नसबंदी की जाएगी। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन करते हुए कुत्तों की नसबंदी, वेक्सिनेशन कर उन्हें दोबारा उसी स्थान पर छोड़ा जाता है। ' -डॉ. सुशील शर्मा, म्यूनिसिपल वेटनरी आफिसर, जम्मू नगर निगम