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MakeSmallStrong: संजीव ने कहा- दूसरों के सपनों को साकार कर बनाया कैटरिंग के क्षेत्र में नाम

प्रभााकर ने बताया कि देश भर में विभिन्न कैटरिंग संबंधी कार्यक्रम में जाकर उन्होंने प्रशिक्षण हासिल किया। देश के जाने-माने कैटरर्स के साथ सम्मेलन में शामिल हुए। संजीव ने पेस्टिसाइड कंपनी में नौकरी छोड़ कर इस लाइन में आए थे। संजीव परिवार के पहले शख्स हैं जो बिजनेस में आए।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 03:58 PM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 05:27 PM (IST)
MakeSmallStrong: संजीव ने कहा- दूसरों के सपनों को साकार कर बनाया कैटरिंग के क्षेत्र में नाम
संजीव कैटरर्स ब्रांड है। नाम सुनते ही लोगों को विश्वास हो जाता है कि उनका समारोह यादगार बन जाएगा।

जम्मू, अंचल सिंह: कैटरिंग व डेकोरेशन दूसरों के सपनों को साकार करने का काम है। मकान बनाने में कोई खराबी रह जाए तो उसे ठीक किया जा सकता है। अन्य कामों में भी दोबारा सुधार की गुजाइंश रहती है लेकिन हमारा काम ऐसा है जिसमें जो है आज है, कल कुछ नहीं। गलती हुई तो दोबारा मौका नहीं मिलेगा। शादी हर मां-बाप का सपना होता है। इसमें कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता। कोई त्रुटि रह जाए तो उसकी भरपाई नहीं हो सकती।

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यह कहना है कि जम्मू के प्रसिद्ध संजीव कैटरर्स के मालिक संजीव प्रभाकर का। वह बताते हैं कि वर्ष 1986 के अप्रैल माह में पहली बार कैटरिंग में कदम रखा। जम्मू गवर्नमेंट मेडिकल कालेज के अलावा श्राइन बोर्ड में बेहतरीन कैटरिंग देकर जम्मू-कश्मीर ही नहीं देश भर में नाम कमाया। वर्ष 1988 में पहला आउटडोर समारोह किया। उसके बाद से पीछे नहीं देखा। 34 साल के कैरियर में फर्श से अर्श का सफर तय किया। आज जम्मू में जो कल्चर बना है वो संजीव कैटरर्स की ही देन है। महानगरों की तर्ज पर शादी समारोह करने का श्रेय भी संजीव कैटरर्स को जाता है।

प्रभााकर ने बताया कि उन्होंने देश भर में विभिन्न कैटरिंग संबंधी कार्यक्रम में जाकर प्रशिक्षण हासिल किया। देश के जाने-माने कैटरर्स के साथ सम्मेलन में शामिल हुए। संजीव पेस्टिसाइड कंपनी में नौकरी छोड़ कर इस लाइन में आए थे। संजीव परिवार के पहले शख्स हैं जो बिजनेस में आए। परिवार में सभी सरकारी नौकरी में हैं। परिमहल बैंक्वेट हाल से शुरू हुआ सफर हरि पैलेस समेत सभी बड़े बैंक्वेट हालों, होटलों से होता हुआ बुलंदियों तक पहुंचा गया।

कभी सड़कों पर लगते थे टेंट: बीस साल पहले तक जम्मू में खुली जगहों, सड़कों, घर की छत्तों पर टेंट लगाकर कार्यक्रम हुआ करते थे। आज वो व्यवस्था पूरी तरह बदल चुकी है। समारोह शाही अंदाज में होने लगे हैं। बजट की भी कोई दिक्कत नहीं रह गई। यह सब जम्मू कैटरर्स की देन है। संजीव कैटरर्स नाममात्र से लोग खुश हो जाते हैं। उन्हें विश्वास हो जाता है कि अब उनका समारोह यादगार बन जाएगा।

कैटरर्स से होटल का सफर: संजीव बताते हैं कि करीब 34 साल पहले कैटरर्स के तौर पर शुरू हुआ सफर सफलता की सीढ़ियां साबित हुआ। आज वह जम्मू के प्रसिद्ध होटल अनुथम के मालिक हैं। कुंजवानी में करीब अढ़ाई साल पहले इस होटल को खोला गया था। आज उनका होटल जम्मू के बेस्ट होटलों में गिना जाता है। होटल में भी समारोहों में कैटरिंग व डेकोरेशन उनकी पहचान को बरकरार रखे हुए हैं।

नई पीढ़ी को मिलना चाहिए मौका: संजीव कहते हैं कि युवा पीढ़ी को भी मौका मिलना चाहिए, इसलिए वह अब सभी समारोहों को हासिल करने का प्रयास नहीं करते। उनका कहना है कि मेहनत और विश्वसनीयता की सीढ़ियां ही इस काम में आगे ले जा सकती हैं। यह याद रखना होगा कि इसमें रिटेक का मौका नहीं मिलता। बच्चे इस लाइन को अपनाकर आगे बढ़ सकते हैं। आज कैटरिंग व डेकोरेशन का दौर है।  


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