Jammu Kashmir: जम्मू मेयर समेत आइएएस अधिकारी क्वारंटाइन, उपराज्यपाल ने कहा- सभी अधिकारी एसओपी का पालन करें
यह भी आरोप लग रहे हैं कि इस बैठक में एक अधिकारी ने एसओपी का पालन नहीं किया और श्रीनगर से आने के बावजूद क्वारंटाइन होने के स्थान पर बैठक में भाग लिया।
जम्मू, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर प्रदेश में कोरोना से संक्रमितों के मामले अब हर जगह से आने लगे हैं। बाजार से लेकर पुलिस थाने और बैंक तक इसकी चपेट में आ रहे हैं। वहीं दो दिन पहले कोरोना वायरस से संक्रमित हुए वरिष्ठ आइएस अधिकारी के संपर्क में आने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। आइएएस और केएएस अधिकारियों के होम क्वारंटाइन होने के बाद जम्मू नगर निगम के मेयर और एक अन्य आइएएस अधिकारी को क्वारंटाइन कर दिया गया।हालांकि क्वारंटाइन किए गए कई अधिकारी अपने घरों से ही काम कर रहे हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जम्मू नगर निगम के मेयर भी शनिवार को संक्रमित वरिष्ठ आइएएस अधिकारी के साथ मिलने गए थे। उनके साथ कुछ देर तक उन्होंने जम्मू शहर से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। वहीं वरिष्ठ आइएएस अधिकारी द्वारा कोविड-19 के लिए बनी एसओपी का पालन न करने का मामला राजभवन में पहुंच गया है। उपराज्यपाल ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और सभी अधिकारियों को एसओपी का पालन सुनिश्चित बनाने को कहा है।
सूत्रों का कहना है कि कुछ कर्मचारियों ने उपराज्यपाल के समक्ष यह शिकायत की है कि अधिकारी उन्हें हर दिन बैठकों में पेश होने के लिए मजबूर करते हैं। आरोप है कि महामारी के इस समय में बैठकों का सिलसिला बढ़ा है। एक अधिकारी ने बताया कि बैठकें वीडियो कांफ्रेंसिंग से भी हो सकती हैं, लेकिन उन्हें खुद आने के लिए कहा जाता है। गौरतलब है कि दो दिन पहले ही जम्मू कश्मीर के सबसे वरिष्ठ आइएएस अधिकारी की अध्यक्षता में बैठक हुई थी। इसमें भाग लेने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी संक्रमित मिले। इसके बाद कई आइएएस और केएएस अधिकारियों सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकांश उच्च अधिकारी क्वारंटाइन में चले गए।
यह भी आरोप लग रहे हैं कि इस बैठक में एक अधिकारी ने एसओपी का पालन नहीं किया और श्रीनगर से आने के बावजूद क्वारंटाइन होने के स्थान पर बैठक में भाग लिया। उक्त अधिकारी सचिवालय सहित जिन कार्यालयों में भी गया था, वह सभी सैनिटाइज किए गए।
अब रामबन बन रहा कोरोना का नया हॉटस्पॉटः राज्य में अब रामबन कोरोना संक्रमण का नया हॉटस्पॉट बनता जा रहा है। पिछले दो दिनों में इस जिले में 59 नए मामले आए हैं। चिंताजनक यह है कि इनमें से अधिकांश मामले दूसरे प्रदेशों से वापस आ रहे लोगों और उनके संपर्क में आने वालों के हैं। रामबन जिला जम्मू संभाग में सबसे अधिक मरीजों वाला जिला बन गया है। इस जिले में सबसे अधिक 146 मामले आए हैं। हैरानी यह है कि इस जिले में जम्मू संभाग में सबसे अंत में मामले आना शुरू हुए थे, लेकिन अचानक यहां पर अधिक मामले आना शुरू हो गए। रामबन के मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि दूसरे प्रदेशों से आ रहे लोगों को अलग-अलग क्वारंटाइन केंद्रों में रखा जा रहा है। वहीं से यह मामले आ रहे हैं। एक दिन पहले रविवार को जो 49 मामले आए थे, उनमें अधिकांश को एक ही क्वारंटाइन केंद्र में रखा गया था।
हफ्ते भर में 50 फीसद वृद्धिः पिछले एक सप्ताह में कोरोना संक्रमण ने रफ्तार पकड़ी है। एक सप्ताह में कुल संक्रमितों की संख्या में 50 फीसद से अधिक की वृद्धि देखी गई। करीब 13 से 14 दिन में संक्रमितों की संख्या दोगुनी हो रही है। चिंतनीय पहलू यह है कि कुल सक्रिय मामलों की संख्या एक सप्ताह में ही लगभग दोगुनी हो गई है। 25 मई को राज्य में कुल 1668 संक्रमित थे। इनमें सक्रिय मामले 836 थे और 806 लोग स्वस्थ होकर घर लौट चुके थे। 1 जून को शाम आठ बजे तक कुल संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 26 सौ के पार पहुंच गया। इनमें एक्टिव मामलों की संख्या 1624 थी और 946 लोग ठीक हो चुके हैं। मौतों में भी करीब 35 फीसद काफी इजाफा हुआ है। 25 मई तक 23 लोग संक्रमण से जान गंवा चुके थे। 1 जून को मृतकों की संख्या बढ़कर 31 हो गई।
ज्यौड़ियां का एक गांव सीलः खौड़ ब्लाक के ज्योड़ियां में कोरोना पॉजिटिव आने पर गांव धौंचक को पुलिस ने सील कर दिया है। ज्यौड़ियां बजार में 10 से ज्यादा दुकानदार ज्यौड़ियां में अपनी दुकानें चलाते है और ज्यौड़ियां बाजार धौंचक गांव से एक किलोमीटर की दूरी पर है। कोरोना पॉजिटिव किस किस व्यक्ति के संपर्क में आया है। ज्यौड़ियां के नायब तहसीलदार मनोहर लाल ने दुकानदारों को हिदायत दी है।
राजौरी में सेना के दो जवान समेत तीन और संक्रमित पाए गएः राजौरी जिले में सोमवार को कोरोना पॉजिटिव तीन नए मामले सामने आए हैं। इनमें एक सुंदरबनी का है। सेना के दो जवान भी संक्रमित हुए हैं, जो पहले ही सैन्य अस्पताल राजौरी में क्वारंटाइन केंद्र में हैं। दोनों को विशेष वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। सुंदरबनी में व्यक्ति को कोरोना पॉजिटिव आने के बाद क्षेत्र को सील कर दिया गया है। वह कालाकोट के गरण क्षेत्र में अपने किसी रिश्तेदार के घर भी गया था। इसके बाद उक्त घर को भी क्वारंटाइन केंद्र में बदल दिया गया है। परिवार के सभी सदस्यों को क्वारंटाइन कर लिया गया है।
कटड़ा में 50 के करीब घोड़ा चालकों के साथ 50 घोड़ों के सैंपल टेस्ट किएः केंद्र सरकार की ओर से 8 जून से धाíमक स्थलों को खोले जाने की घोषणा के उपरांत श्री माता वैष्णो देवी श्रइन बोर्ड ने भी वैष्णो देवी यात्र आरम्भ करने को लेकर अपनी तैयारियां शुरू करने का निर्णय शायद कर लिया है। जिसके तहत नगर कटड़ा में मां वैष्णो देवी के प्रवेश मार्ग बाणगंगा क्षेत्र में चेतक भवन में मेडिकल कैंप शुरू कर दिया गया है। मेडिकल कैंप में 50 के करीब घोड़ा चालकों के साथ ही 50 घोड़ों के सैंपल टेस्ट किए गए। जिससे जैसे ही वैष्णो देवी यात्र शुरू की जा सके उस समय घोड़ा चालकों के साथ ही घोड़े पूरी तरह से स्वस्थ रह सकें। कोविड-19 यानी कोरोना महामारी को लेकर किसी भी तरह का संक्रमण ना हो। प्रशासन इसको लेकर पूरी सतर्कता बरत रहा है। श्री माता वैष्णो देवी श्रइन बोर्ड के मैनेजर राजेश शर्मा ने बताया कि मेडिकल कैंप निरंतर आगे भी जारी रहेगा। जिससे अधिक से अधिक घोड़ा चालकों के साथ ही घोड़ों के सैंपल लिए जा सकें। गौरतलब है कि वैष्णो देवी यात्र के दौरान भवन मार्ग भवन मार्ग पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कर रही 4500 घोड़ा चालक हैं। यह श्रद्धालुओं को वैष्णो देवी यात्र के दौरान अपनी सुविधाएं उपलब्ध करवाते हैं। घोड़ों व मालिकों को संक्रमण होने की सूरत में श्रद्धालुओं की समस्या बढ़ सकती है।
कोरोना से जान गंवाने वाले अन्य बीमारियों से भी थे पीड़ित : कोरोना से मरने वालों में डोडा का रहने वाला 72 वर्षीय वृद्ध और शोपियां का रहने वाला 45 वर्षीय व्यक्ति शामिल है। डोडा में संक्रमित बुजुर्ग राजकीय मेडिकल कॉलेज जम्मू में भर्ती था। मेडिकल सुपरिंटेंडेंट जीएमसी जम्मू डॉ. दारा सिंह ने बताया कि उसे सांस लेने में दिक्कत थी। वह 30 मई को जीएमसी में भर्ती हुआ था। सोमवार सुबह पॉजिटिव रिपोर्ट आई। यह बुजुर्ग मरीज सीओपीडी और हृदय रोग से भी पीड़ित था। श्रीनगर में सौरा स्थित स्किम्स अस्पताल में मरने वाला कोरोना संक्रमित 45 वर्षीय व्यक्ति शोपियां का था। स्किम्स के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट प्रो. फारूक जान ने बताया कि मरीज को 31 मई को भर्ती कराया गया था। छाती में तकलीफ दी। इससे वह सदमे में भी था। रविवार-सोमवार की मध्यरात्रि को उसकी मौत हो गई। नमूने लेकर शव को शवगृह में रखा गया। दोपहर दो बजे आई रिपोर्ट में वह संक्रमित पाया गया। अनंतनाग के डिप्टी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ मीर मुश्ताक ने बताया कि सोमवार सुबह 70 वर्षीय मरीज भर्ती की गई। इससे पहले कि इलाज शुरू होता, उसकी मौत हो गई। इसके बाद सैंपल लिए गए, जिसमें पॉजिटिव आई। शव को अभी परिवार को नहीं सौंपा गया है।