Jammu Lockdown-4.0: पर्यटकों के बिना नहीं दौड़ सकी टैक्सियां, ऑटो चालकों को राहत मिली
चेयरमैन अंचल सिंह ने बताया कि जिला में 1500 के करीब टैक्सियां हैं लेकिन इनका कारोबार पूरी तरह से बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों पर निर्भर करता हैं।
जम्मू, जागरण संवाददाता। जिला ऑरेंज जोन में आने के बावजूद प्रशासन की ओर से टैक्सियों और आॅटो रिक्शा जिला के बीच में ही दौड़ाने की छूट मिल गई है लेकिन पर्यटकों नहीं होने की वजह से टैक्सियों के पहिये थमे ही रहे। हालांकि ऑटो रिक्शा चालकों ने इस छूट को मिलने से राहत की सांस ली है। बुधवार को शहर के विभिन्न सड़कों पर आॅटो रिक्शा दौड़ते हुए नजर आए।
जिला के विभिन्न क्षेत्रों और बाजारों में मौजूदा आॅटो स्टैंड पर चालक अपने ऑटो लेकर पहुंच गए। आज सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक ऑटो रिक्शा दौड़ते सवारियों को लेकर दौड़ते रहे जबकि इस दौरान अधिकतर आटो चालकों ने शारीरिक दूरी का अनुपालन किया। सवारियां आटो चालकों को कम मिली लेकिन उनमें इस बात का संतोष रहा कि कम से कम दो महीने के उपरांत वे कुछ तो कमा सकेंगे। प्रशासन की ओर से आॅटो रिक्शा में एक समय में केवल दो सवारियां को लेकर जाने की अनुमति है जबकि कुछ नाकों पर पुलिस ने कुछ ऐसे आॅटो रिक्शा चालकों को भी रोका जिनमें बच्चे अपने अभिभावकों संग सवार थे। पुलिस ने ऐसे ऑटो चालकाें को चेतावनी देकर छोड़ दिया।
ऑल जम्मू ऑटो आपरेटर यूनियन के अध्यक्ष शांति स्वरूप गुप्ता ने बताया कि जिला में 2600 के करीब आटो रिक्शा हैं। शुक्र है कि आज से प्रशासन की ओर से सड़कों पर नियमों के साथ ऑटो रिक्शा दौड़ाने की छूट मिली है। उन्होंने अफसोस जताया कि ऑटो रिक्शा के सैकड़ों परिवार लॉकडाउन के दौरान काफी प्रभावित हुए लेकिन सरकार की ओर से उनकी जरा भी सुध नहीं ली गई। न ही कोई राहत पैकेज मिला है। कुछ स्वयंसेवी संगठनों ने कई आॅटो रिक्शा चालकों की सुध ली है जिनके वे सदैव आभारी रहेंगे।
जम्मू प्रोविंस टूरिस्ट टैक्सी आपरेटर फेडरेशन के चेयरमैन अंचल सिंह ने बताया कि जिला में 1500 के करीब टैक्सियां हैं लेकिन इनका कारोबार पूरी तरह से बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों पर निर्भर करता हैं। चूंकि रेल और वायु सेवा पूरी तरह से बंद है और अभी पर्यटन क्षेत्र भी प्रभावित हुआ है। अमरनाथ यात्रा और माता वैष्णो देवी यात्रा बहाल होने बारे कोई भी उम्मीद अभी नहीं दिख रही है इसलिए आज एक भी टूरिस्ट टैक्सी सड़कों पर नहीं दौड़ सकी। उन्होंने केंद्र शासित सरकार से ट्रांसपोर्टराें को विशेष आर्थिक पैकेज देने की अपील की है ताकि रोज कमाकर खाने वाले ट्रांसपोर्टरों के सैक्ड़ों परिवारों का लालन पोषण तो सके।