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ट्रैकिंग के शौकीन हो जार्इए तैयार, जम्मू के पहाड़ों में पगडंडियों की सैर करवाएगा पर्यटन विभाग

जगटी-कटड़ा ट्रेकिंग रूट और सनासर-शंकपाल मंदिर की खोज की है जिसे आने वाली दिनों में पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sun, 12 May 2019 01:10 PM (IST)Updated: Sun, 12 May 2019 01:12 PM (IST)
ट्रैकिंग के शौकीन हो जार्इए तैयार, जम्मू के पहाड़ों में पगडंडियों की सैर करवाएगा पर्यटन विभाग
ट्रैकिंग के शौकीन हो जार्इए तैयार, जम्मू के पहाड़ों में पगडंडियों की सैर करवाएगा पर्यटन विभाग

जम्मू,  [ ललित कुमार ]। आमतौर पर श्री माता वैष्णो देवी यात्रा व वार्षिक श्री बाबा अमरनाथ यात्रा पर निर्भर जम्मू के पर्यटन उद्योग को नई दिशा देने के उद्देश्य से पर्यटन विभाग जम्मू ने अब चुनौतीपूर्ण खेलों के आयोजन की ओर रूख किया है। स्थानीय युवाओं के साथ बाहरी राज्यों से आने वाले युवाओं के लिए विभाग नए-नए ट्रेकिंग रूट विकसित कर रहा है। इसी दिशा में जगटी-कटड़ा ट्रेकिंग रूट और सनासर-शंकपाल मंदिर की खोज की है जिसे आने वाली दिनों में पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा।

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इन दोनों ट्रैक पर ट्रेकिंग की संभावनाओं का आंकलन करने के लिए विभाग के निदेशक ओपी भगत के निर्देश पर डिप्टी डायरेक्टर अंसुया जम्वाल की अगुआई में विभागीय अधिकारियों की टीम ने स्वयं इस रूट पर ट्रेकिंग की। मध्यम चुनौतियों भरे जगटी-कटड़ा ट्रेकिंग रूट 24 किलोमीटर ट्रेक की शुरूआत नगरोटा तहसील के शिव मंदिर मढ़ से हुई और इसका समापन नौलगढ़ टॉप पर हुआ। टीम पहाड़ियों में पगड़डियों से गुजरते हुए स्थानीय लोगों के लिए दिव्य महत्व की एक शिला संरचना वाले स्थल कालका टॉप पर पहुंची। वहां से खड़ी ढलानो से गुजरते हुए टीम नौलगढ़ पहुंची। विभागीय टीम ने मास्टर जगदीश राज शर्मा के मार्ग दर्शन में यह ट्रेकिंग पूरी की। विभाग ने इस रूट को ट्रेकिंग के लिए हरी झंडी देते हुए अब आगामी सर्दियों के सीजन तक इसे पर्यटकों के लिए तैयार करने का फैसला किया है।

प्राकृतिक सौंदर्य से भरा है यह ट्रेक

जगटी-कटड़ा ट्रेकिंग रूट प्राकृतिक सौंदर्य से भरा पड़ा है। यहां पर छोटीे-छोटी धाराओं के साथ संकरे रास्ते और खड़ी ढलानें किसी को भी राेमांचित कर सकती है। नौलगढ़ पहाड़ी पर प्राकृतिक पत्थर सिंहासनों के अलावा कालका देवी का एक छोटा सा मंदिर है। पूरे क्षेत्र का दृश्य काफी मनमोहक है। विभिन्न प्रजातियों की वनस्पतियों, गर्मियों में भी शीतल हवाओं का एहसास किसी भी ट्रेकर के लिए यादगार अनुभव बन सकता है।

माहौरगढ़ में हो चुका है सफल प्रयोग

जम्मू से करीब 48 किलोमीटर दूर मानसर से माहौरगढ़ के लिए हेरिटेज ट्रैकिंग का सफल आयोजन किया जा चुका है। मानसर-सुरुईंसर डेवलपमेंट अथारिटी ने नवंबर 2018 में पहली बार मानसर से माहौरगढ़ तक के पारंपरिक रूट को ट्रैकिंग के रूप में पेश किया था और इसमें काफी संख्या में युवाओं ने भाग लिया। इससे पूर्व मानसर तक जो लोग भी पहुंचते थे, वो ज्यादा से ज्यादा झील का भ्रमण कर लौट आते थे लेकिन अथारिटी ने पर्यटकों के लिए एक नया विकल्प खोला। मानसर झील से माहौरगढ़ तक का ट्रैक पांच किलोमीटर का है। पूरा रास्ता प्राकृतिक सौंदर्य से भरा पड़ा है और ऊंचाई से क्षेत्र की खूबसूरती निहारी जा सकती है।

अद्भुत है सनासर-शंकपाल ट्रैक

सनासर से करीब चौदह किलोमीटर दूर शंकपाल मंदिर समुंद्र तल से 2897 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस खूबसूरत ट्रेक में 360 डिग्री में प्राकृतिक नजारों का लुत्फ उठाया जा सकता है। मंदिर पहुंचने पर वहां से ऊधमपुर, डोडा, बटोत, रामबन व पत्नीटाप का खूबसूरत नजारा दिखता है। स्थानीय लोगों के अनुसार शंकपाल मंदिर का निर्माण करीब 400 साल पहले हुआ था। मंदिर निर्माण में किसी तरह के गारे का इस्तेमाल नहीं किया गया है और पूरी तरह से पत्थरों से मंदिर निर्माण किया गया है। यह क्षेत्र तक अनछुआ है और आज तक इसके बारे में लोगों को अधिक जानकारी भी नहीं थी। विभाग को उम्मीद है कि बाहरी राज्यों के युवाओं के इस ट्रेकिंग में हिस्सा लेने से दूसरे राज्यों के लोगों को भी इस खूबसूरत ट्रेक बारे जानकारी मिलेगी।

जम्मू व आसपास के इलाकों में ट्रेकिंग ढूंढने व उन्हें प्रमोट करने का फैसला लिया

हमने जम्मू व आसपास के इलाकों में ट्रेकिंग ढूंढने व उन्हें प्रमोट करने का फैसला लिया है। इससे एक नया वर्ग जुड़ेगा। जम्मू में धार्मिक पर्यटक तो आते ही हैं, चुनौतीपूर्ण खेलों के माध्यम से युवाओं को जम्मू की ओर आकर्षित करने का प्रयास किया जा रहा है। मानसर-माहौरगढ़ में सफल ट्रेकिंग अभियान चलाने के साथ जम्मू से सुरुईंसर के रास्ते मानसर तक साइकिल रैली भी आयोजित की गई थी। इनमें काफी युवाओं ने हिस्सा लिया। अब जगटी-कटड़ा ट्रेक सर्दियों तक खोलने की योजना है।

-ओपी भगत, निदेशक पर्यटन विभाग जम्मू

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