Jammu Kashmir Terrorists attack: पुलवामा में सुरक्षाबलों के दल पर आतंकी हमला, CRPF जवान घायल
हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के दो जवान जवान घायल हो गया है। सुरक्षाबलों के दल पर हमला पुलवामा में गंगू इलाके में हुआ है। फिलहाल ये नहीं पता चला पाया है हमला करने वाले आतंकी किस संगठन के थे।
श्रीनगर, एएनआइ। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षाबलों के संयुक्त दल पर आतंकी हमला किया गया है। पुलवामा में सुरक्षाबलों पर आतंकवादियों ने सोमवार (19 अक्टूबर) की सुबह हमला किया गया। हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के दो जवान जवान घायल हो गया है। सुरक्षाबलों के दल पर हमला पुलवामा में गंगू इलाके में हुआ है। फिलहाल ये नहीं पता चला पाया है हमला करने वाले आतंकी किस संगठन के थे। एक जवान के घायल होने के अलावा बात अभी सामने नहीं आई है। अधिक जानकारी के लिए फिलहाल इतंजार है।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में पुलिस और सीआरपीएफ की टीम पर आतंकियों ने हमला किया है। यह हमला गंगू में हुआ है। पूरे इलाके को घेर लिया गया है। बताया जा रहा है कि कुछ मोटर साईकिल सवार आतंकियों ने सुरक्षाबलों की ज्वॉइन्ट टीम पर अंधाधुंध फायरिंग की। इस फायरिंग में सीआरपीएफ के दो जवान घायल हो गए हैं। पुलिस ने कहा, इस गोलीबारी में सीआरपीएफ का एक जवान घायल हो गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस इलाके को तलाशी के लिए सील कर दिया गया है।
इससे पहले रविवार को सीआरपीएफ का एक सहायक उप-निरीक्षक त्राल शहर में आतंकवादी हमले में घायल हो गया था। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लगभग 200 आतंकवादी अभी भी कश्मीर में सक्रिय हैं और इनमें से अधिकांश पाकिस्तान से संबंधित गैर स्थानीय लोग हैं।
गोलीबारी से प्रभावित सीमावर्ती ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं
भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रेमनाथ डोगरा के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं की एक टीम रविवार को गोलीबारी से प्रभावित मनियारी, कडियाला, गुज्जर चक, चक चंगा, छनटाडा आदि गावों का दौरा कर लोगों की समस्याएं सुनीं। इस दौरान लाजू राम, अनिल कुमार, बनारसी दास व मदनलाल ने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से हो रही गोलीबारी से गावों में दहशत का माहौल है। ग्रामीण अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित है। खेती भी प्रभावित हो रहा है। सरकार को गोलीबारी बंद करवाने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए। ग्रामीणों ने बताया कि शाम नौ बजे के बाद गावों में गोलीबारी शुरू हो जाती है और धमाकों की वजह से ग्रामीण सारी रात सो नहीं पाते। विकास के लिहाज से भी सीमा से सटे गाव काफी पिछड़ा हुआ है।