Jammu Kashmir: डीडीसी चुनावों में कांग्रेस के प्रचार से आजाद गायब, अब रजनी ही सहारा
पार्टी हाईकमान ने कुछ समय पहले आजाद को महासचिव पद से हटा दिया था। अंबिका सोनी के साथ आजाद जम्मू का दौरा करते थे। रजनी पाटिल के प्रभारी बनने के बाद आजाद का जम्मू कश्मीर में कोई दौरा नहीं हुआ है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: जम्मू कश्मीर में जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनावों में प्रदेश कांग्रेस को चुनाव प्रचार में दिग्गजों की कमी खल रही है। यहां तक कि वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद भी चुनाव प्रचार से अब तक गायब हैं। हालांकि, कांग्रेस नेतृत्व अब पार्टी की जम्मू कश्मीर मामलों की प्रभारी रजनी पाटिल को आठ दिसंबर से तीन दिन के लिए भेज रही है, लेकिन ये दौरा कितना लाभकारी होगा इसका गुणा-भाग में अब स्थानीय नेता भी माथा-पच्ची नहीं करना चाहते हैं।
दरअसल, जिला विकास परिषद चुनाव के आठ चरणों में से सोमवार तक चार चरण के चुनाव हो चुके हैं। इसलिए पाटिल के दौरे के बहुत बड़े मायने नहीं निकाले जा रहे हैं। अलबत्ता, पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद की कमी प्रदेश कांग्रेस में जरूर महसूस की जा रही है। जब अंबिका सोनी जम्मू कश्मीर मामलों की पार्टी प्रभारी थीं तब आजाद के नियमित दौरे होते थे। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार हो रहे इतने महत्वपूर्ण चुनावों से आजाद पूरी तरह गायब रहे। हालांकि, उनकी गैरमौजूदगी के बारे में प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि कोरोना संक्रमित होने के चलते वह नहीं आ पाए हैं। वह बिहार चुनाव में भी प्रचार करने नहीं जा पाए थे।
जिला विकास परिषद के चुनावों में कांग्रेस शुरू से ही ऊहापोह की स्थिति में ही है। हां-ना के बीच लंबे समय तक झूलने के बाद अंतत: वह पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकार डिक्लरेशन के साथ खड़ी हो गई। इस एलायंस में सीटों के बंटवारे में कांग्रेस कहां खड़ी थी, इस पर भी उसके कार्यकर्ताओं में असमंजस अब तक है। कितनी सीटों पर पार्टी ये चुनाव लड़ रही है और कितने प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, इसके बारे में पार्टी के प्रदेश नेतृत्व तक को पता नहीं है। प्रत्याशियों की सूची तक जारी नहीं हुई। इससे कांग्रेस से टिकट पाने वालों से लेकर कार्यकर्ता तक उदास रहे। इन्हीं सबके बीच आजाद की कमी महसूस की जा रही थी। पार्टी हाईकमान ने कुछ समय पहले आजाद को महासचिव पद से हटा दिया था। अंबिका सोनी के साथ आजाद जम्मू का दौरा करते थे। रजनी पाटिल के प्रभारी बनने के बाद आजाद का जम्मू कश्मीर में कोई दौरा नहीं हुआ है। वह जम्मू के साथ डोडा, भद्रवाह, किश्तवाड़, रामबन भी जाते थे। कार्यकर्ताओं में उनकी अच्छी पैठ है।
पूर्व एमएलसी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी मोंगा का कहना है कि भाजपा ने जिला विकास परिषद के चुनाव को कुछ ज्यादा ही बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है। भाजपा के राष्ट्रीय स्तर के नेता और केंद्रीय मंत्री इन चुनावों में ताकत लगा रहे हैं। चूंकि यह चुनाव स्थानीय स्तर के हैं, इसलिए इसमें स्थानीय स्तर के नेताओं को ही जिम्मेदारी दी गई है। जम्मू कश्मीर में गुलाम नबी आजाद के नहीं आने का कोई दूसरा कारण नहीं है। अगर विधानसभा या लोकसभा चुनाव होते तो वह जरूर आते। आजाद के दिल में जम्मू कश्मीर बसता है।
कार्यकर्ता मान रहे कांग्रेस ने हल्के में लिया चुनाव: कार्यकर्ता ही नहीं, बल्कि नेता भी मानते हैं कि कांग्रेस ने इन चुनावों को हल्के में लिया है। इतना ही नहीं पार्टी के प्रदेश प्रधान जीए मीर भी प्रचार करते दिखाई नहीं दे रहे हैं। चार चरण के चुनाव होने के बाद अब रजनी पाटिल आठ से दस दिसंबर तक डोडा और किश्तवाड़ में चुनाव प्रचार करेंगी। इस दौरे से पार्टी कार्यकर्ताओं को महज यह संदेश देना चाहती है कि वह चुनावों को लेकर गंभीर है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रङ्क्षवद्र शर्मा का कहना है कि चूंकि चुनाव स्थानीय है इसलिए स्थानीय नेता ही प्रचार कर रहे हैं।
- गुलाम नबी आजाद कोरोना से संक्रमित थे। वह बिहार विधानसभा चुनाव में भी प्रचार करने के लिए नहीं जा पाए थे। जम्मू कश्मीर में भी इसलिए नहीं आ पाए। जम्मू कश्मीर में जिला विकास परिषद के चुनाव स्थानीय स्तर पर हो रहे हैं। इसमें स्थानीय नेता ही प्रचार कर रहे हैं। -रविंद्र शर्मा, मुख्य प्रवक्ता, प्रदेश कांग्रेस