Jammu Kashmir : बिजली विभाग के डिजिटल लेनदेन में 278 फीसद की वृद्धि, कागज रहित बिलिंग की ओर बढ़ रहा विभाग
पीडीडी के अधिकारियों को लोगों को कागज के बिलों से बाहर निकलने और पूरी तरह से ई-बिल की ओर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने का निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इससे न केवल तेजी से बिलिंग प्रक्रिया सुनिश्चित होगी बल्कि अधिक पारदर्शिता और बेहतर शिकायत समाधान भी सक्षम होगा।
जम्मू, जागरण संवाददाता : केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कमीर का बिजली विभाग का डिजिटल लेनदेन बीते 3 वर्ष में 278 फीसद वृद्धि के साथ देश में शीर्ष 3 में शामिल हो गया है।इससे प्रदेश पूरी तरह से कागज रहित बिलिंग की ओर बढ़ रहा है।यह दावा प्रमुख सचिव रोहित कंसल ने बिजली विभाग की श्रीनगर बेमिना स्थित डाआ सेंटर में आईटी एवं संचार सेवाओं की रविवार को समीक्षा बैठक के दौरान किया।
कसंल ने कहा कि बिजली विभाग में डिजिटल लेनदेन में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में चालू वर्ष की पहली तिमाही में 278.77 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई। अकेले जुलाई 2021 में कुल 3.08 लाख डिजिटल लेनदेन दर्ज किया गया।उपभोक्ताओं से डिजिटल मोड के माध्यम से 35.04 करोड़ रुपये एकत्र किए गए।
बैठक में जम्मू कश्मीर पॉवर डवेल्पमेंट कारपोरेशन में सूचना प्रौद्योगिकी के कार्यान्वयन से संबंधित विभिन्न पहलुओं और मुद्दों पर चर्चा की गई।जिनमें आरएपीडीआरपी, स्काडा, आरटी-डीएएस के तहत विभिन्न चल रही परियोजनाओं में स्थिति और प्रगति, स्मार्ट मीटरिंग की स्थापना, फीडर मीटरिंग, वितरण ट्रांसफार्मर के यूआईडी, बिलिंग और संग्रह, कस्टमर केयर आदि जैसे मुद्दो पर चर्चा हुई।कंसल ने ग्राहकों की सभी श्रेणियों में ई बिल को अपनाने का आह्वान किया।
उन्होंने पीडीडी के अधिकारियों को लोगों को कागज के बिलों से बाहर निकलने और पूरी तरह से ई-बिल की ओर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने का निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इससे न केवल तेजी से बिलिंग प्रक्रिया सुनिश्चित होगी, बल्कि अधिक पारदर्शिता और बेहतर शिकायत समाधान भी सक्षम होगा। उन्होंने डिस्कॉम्स को निर्देश दिया कि कागज रहित बिलों और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए सभी वेबसाइटों और बिलिंग प्लेटफार्मों पर एक विशेष अभियान चलाया जाना चाहिए ताकि उपभोक्ताओं को कागज रहित बिल अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि बिलिंग प्रक्रिया को और आसान बनाने के लिए, एक एकल खाता बनाने की आवश्यकता है ताकि जो ग्राहक डिजिटल माध्यमों का उपयोग नहीं करते हैं वे काउंटर पर बैंक की किसी भी शाखा में अपने मासिक बिलों का भुगतान करते हैं।