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Kishtwar Terror Attack: पुलिस को किश्तवाड़ हत्याकांड में मिले अहम सुराग

चंद्रकांत और उनके अंगरक्षक की हत्या के बाद भी ओसामा का ही नाम सामने आ रहा है। चश्मदीद के मुताबिक आरोपित का कद-काठी और हुलिया ओसामा से ही मिलता जुलता है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 12 Apr 2019 12:03 PM (IST)Updated: Fri, 12 Apr 2019 12:03 PM (IST)
Kishtwar Terror Attack: पुलिस को किश्तवाड़ हत्याकांड में मिले अहम सुराग
Kishtwar Terror Attack: पुलिस को किश्तवाड़ हत्याकांड में मिले अहम सुराग

जेएनएन, किश्तवाड़/जम्मू : आरएसएस के प्रांत सह सेवा प्रमुख चंद्रकांत शर्मा की मंगलवार हत्या के बाद तनाव को देखते हुए कफ्र्यू में वीरवार तीसरे दिन भी कोई ढील नहीं दी गई। इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (आइजीपी) जम्मू एमके सिन्हा ने हत्या से जुड़े अहम सुराग जुटाने का दावा किया। हत्या के सिलसिले में आतंकियों के कुछ ओवरग्राउंड वर्करों को पकड़ा है। उनसे कुछ सुराग भी मिले हैं। किश्तवाड़ में हालात तनावपूर्ण हैं। इसलिए कफ्यरू को जारी रखा है। उम्मीद है कि एक-दो दिन में स्थिति सामान्य हो जाएगी।

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डोगरा स्वाभिमान संगठन के अध्यक्ष चौधरी लाल सिंह को हिरासत में लेने पर आइजीपी ने कहा कि हमने लाल सिंह को हिरासत में नहीं लिया था बल्कि उन्हें रोका था। वहां उस समय एक दूसरा गुट भी मौजूद था। हमें आशंका थी कि वहां ङ्क्षहसा हो सकती है। इसलिए हमने एहतियात के तौर पर कुछ देर के लिए लाल सिंह को रोका और जब दूसरे लोग वहां से निकले तो हमने उन्हें भी दिवंगत के घर जाने की इजाजत दे दी, लेकिन वह नहीं गए। हमारा मकसद वहां कानून व्यवस्था बनाए रखना था। कफ्यरू के कारण किसी को भी घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी गई। जिन लोगों को कफ्र्यू पास जारी किए गए थे, उनमें से भी कई लोगों को बाहर निकलने से रोका गया। पत्रकारों को भी जाने की अनुमति नहीं दी गई। कोई भी वाहन किश्तवाड़ की तरफ न तो आया और न ही गया।

परिहार बंधु हत्याकांड से जुड़ रहे हत्या के तार : प्रदेश भाजपा सचिव अनिल परिहार और उनके बड़े भाई अजीत कुमार परिहार की आतंकियों ने एक नवंबर 2018 को घात लगाकर हत्या कर दी थी। जांच के दौरान पाया गया था कि हत्या करने वाले दो लोग हो सकते हैं। उसमें भी पिस्टल का इस्तेमाल किया था। हत्यारे के पास एके 47 राइफल होने के भी सुराग मिले थे। जांच के दौरान जो सुराग मिले थे, उससे इलाके में सक्रिय ओसामा बिन जावेद जो हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकी है, पर शक हो रहा था। अब चंद्रकांत और उनके अंगरक्षक की हत्या के बाद भी ओसामा का ही नाम सामने आ रहा है। चश्मदीद के मुताबिक आरोपित का कद-काठी और हुलिया ओसामा से ही मिलता जुलता है।

अस्पताल के अंदर का कैमरा पहले से ही पुलिस के पास था

चंद्रकांत और उनके अंगरक्षक की हत्या के बाद पुलिस अस्पताल के अंदर और बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगालने में जुटी है, लेकिन घटनास्थल के सामने जो कैमरा लगा है, उससे छेड़छाड़ की गई थी। हत्या के समय वह काम नहीं कर रहा था। दूसरा कैमरा इमरजेंसी वार्ड के बाहर लगा था, जिसे पुलिस पहले ही कब्जे में ले चुकी थी। एक माह पहले अस्पताल के पीछे तीन नवजात शिशुओं के शव मिलने से सनसनी फैल गई थी। पुलिस ने वह कैमरा भी ले लिया था। पुलिस को सुराग मिले थे कि नवजात बच्चों के शव किसने फेंके थे। तहकीकात के बाद पुलिस ने कैमरा लगा दिया होता तो चंद्रकांत के हत्यारों का सुराग मिल जाता।

सेना व पुलिस ले रही तलाशी

चंद्रकांत की हत्या के बाद आतंकी उनके अंगरक्षक का भी हथियार ले गए थे, जिसका कोई सुराग नहीं मिला है। बुधवार को सेना व पुलिस चंद्रकांत के अंतिम संस्कार में व्यस्त रही, लेकिन रात से हर मुहल्ले में घर-घर तलाशी ली जा रही है। कहा जा रहा है कि आतंकी ने चंद्रकांत और उसके अंगरक्षक को गोली मारने के बाद अपने हथियार छुपा दिए थे और खुद हथियार के बिना लापता हो गया था। 


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