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परिहार बंधुओं, आरएसएस नेता की हत्या में भी शामिल पांच लाख का इनामी लश्कर आतंकी जमालदीन दबोचा Jammu News

जमालदीन की गिरफ्तारी को किश्तवाड़ डोडा और रामबन में फिर से अपना नेटवर्क मजबूत करने में जुटे आतंकियों के लिए एक बड़ा झटका बताया जा रहा है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 25 Jul 2019 11:15 AM (IST)Updated: Thu, 25 Jul 2019 11:15 AM (IST)
परिहार बंधुओं, आरएसएस नेता की हत्या में भी शामिल पांच लाख का इनामी लश्कर आतंकी जमालदीन दबोचा Jammu News
परिहार बंधुओं, आरएसएस नेता की हत्या में भी शामिल पांच लाख का इनामी लश्कर आतंकी जमालदीन दबोचा Jammu News

राज्य ब्यूरो, जम्मू : सुरक्षाबलों ने बुधवार को ठाठरी (डोडा) के निकट फागसू जंगल में एक तलाशी अभियान चलाकर पांच लाख के इनामी लश्कर आतंकी जमालदीन गुज्जर उर्फ अबु बकर को गिरफ्तार कर लिया। जमालदीन सितंबर 2017 को आतंकी बना था और किश्तवाड़ में सक्रिय सात मोस्ट वांटेड आतंकियों में एक था। हालांकि सूत्र दावा कर रहे हैं कि आतंकी जमालदीन घायल व बीमारी की हालत में जंगल में छिपा बैठा था और मौत के डर से उसने आत्मसमर्पण किया है। फिलहाल, पुलिस की कड़ी निगरानी में उसका उपचार चल रहा है।

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आतंकी जमालदीन जिला किश्तवाड़ के पठना केशवान का रहने वाला है। उसकी गिरफ्तारी को किश्तवाड़, डोडा और रामबन में फिर से अपना नेटवर्क मजबूत करने में जुटे आतंकियों के लिए एक बड़ा झटका बताया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि आतंकी जमालदीन नवंबर 2018 में किश्तवाड़ में भाजपा नेता अनिल परिहार और उनके भाई की हत्या व उसके बाद इसी साल अप्रैल माह में आरएसएस नेता चंद्र प्रकाश व उनके अंगरक्षक की हत्या में भी कथित तौर पर शामिल रहा है। गत माह 22 जून को किश्तवाड़ के सरवां जंगल में जमालदीन अपने साथियों संग सुरक्षाबलों की घेराबंदी में फंस गया था, लेकिन मुठभेड़ में जख्मी होने के बावजूद वह बच निकला था। उसके बाद वह डोडा की तरफ चला गया और ठाठरी के निकट एक जंगल में छिपकर अपना इलाज कराने लगा, लेकिन आवश्यक दवाओं और उचित चिकित्सा के अभाव में उसकी हालत लगातार बिगड़ रही थी। अपनी मौत को सामने देख उसने किसी तरह सुरक्षा एजेंसियों से संपर्क करते हुए आत्मसमर्पण कर दिया।

सूत्रों ने बताया कि जमालदीन का बड़ा भाई हबीब गुज्जर भी लश्कर का नामी कमांडर था, जो चार अक्तूबर 2011 में नागनीगढ़ में हुई मुठभेड़ में मारा गया था। जमालदीन ने अपने भाई हबीब के साथ मिलकर राज्य पुलिस में सब इंस्पेक्टर कासिमदीन की मां की वर्ष 2010 में हत्या कर दी थी।

इस मामले में जमालदीन पकड़ा गया और उसके खिलाफ अदालत में आरोप पत्र भी दायर हुआ है, लेकिन वह दो साल बाद जमानत पर रिहा हो गया था। जमालदीन जेल से रिहा होने के बाद बतौर ओवरग्राउंड वर्कर आतंकी संगठन के लिए काम करता रहा। वर्ष 2015 में स्वतंत्रता दिवस से कुछ दिन पहले किश्तवाड़ में वह और उसका एक अन्य भाई बुर्का व औरतों के कपड़े पहन रहस्यमय परिस्थितियों में घूमते हुए पकड़े गए थे। उन्होंने बताया कि जमालदीन गत वर्ष दोबारा आतंकी बना और उसके बाद वह किश्तवाड़ में सुरक्षाबलों के लिए एक चुनौती बन गया था।

अलबत्ता, पुलिस ने देर शाम एक बयान जारी कर बताया कि जिला डोडा में ठाठरी के साथ सटे फगसू जंगल में जिला पुलिस डोडा व 26 आरआर के जवानों के एक संयुक्त कार्यदल ने आतंकियों के छिपे होने की सूचना पर तलाशी अभियान चलाया। इस अभियान के दौरान सुरक्षाबलों ने जंगल में छिपे लश्कर के आतंकी जमालदीन को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से एक एसाल्ट राइफल, एक मैगजीन, एक पाउच और कुछ खाने पीने का सामान भी मिला है।


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