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Fake Gun License Case: फर्जी गन लाइसेंस मामलों में ओजीडब्ल्यू सहित 9 गिरफ्तार

Fake Gun License Case रियासी के एसएसपी शैलेंद्र सिंह का कहना है कि एक ओजीडब्ल्यू सहित 9 लोग पकड़े गए जिनमें 8 शातिर अपराधी है। यह बदमाश शरीफ लोगों को डरा धमका कर उनसे पैसों की वसूली करते थे।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 09:16 AM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 09:16 AM (IST)
फर्जी लाइसेंसों को रद्द करने के लिए डिप्टी कमिश्नरों से सिफारिश की गई है।

जम्मू, जागरण संवाददाता: जम्मू कश्मीर में बहुचर्चित फर्जी गन लाइसेंस मामला परत दर परत खुलता जा रहा है।बीते 6 वर्ष में प्रदेश के अधिकांश जिलों के डिप्टी कमिश्नरों ने बांटे गए 2.78 लाख गन लाइसेंसों में से कुछ तो आतंकी संगठनों के लिए काम करने वाले ओजीडब्ल्यू को भी बांट दिए है।

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पुलिस ने जम्मू संभाग के रियासी जिलें में आतंकियों के लिए काम करने वाले एक ओवर ग्राउंड वर्कर ओजीडब्ल्यू सहित कुल 9 आपराधिक प्रवृति के लोगों को गिरफ्तार किया है।पुलिस ने बताया कि पकड़े गए लोगों में कुछ शातिर अपराधी और हिस्ट्रीशटर हैं।उनके पास बीते कई साल पहले से ऐसे हथियार है, जिन्हें आत्मरक्षा के लिए फर्जी गन लाइसेंस पर खरीदा गया है।

रियासी के एसएसपी शैलेंद्र सिंह का कहना है कि एक ओजीडब्ल्यू सहित 9 लोग पकड़े गए जिनमें 8 शातिर अपराधी है। यह बदमाश शरीफ लोगों को डरा धमका कर उनसे पैसों की वसूली करते थे।ओजीडब्ल्यू की पहचान मोहम्मद असगर के निवासी माहौर के रूप में हुई। ओजीडब्ल्यू मोहम्मद असगर ने ऊधमपुर जिले से वर्ष 1984 में फर्जी गन लाइसेंस बनावाया था।

माहौर पुलिस ने मोहम्मद असगर से उसकी गन और कारतूस जब्त कर लिए हैं।अन्य अपराधियों की पहचान मोहम्मद इस्माइल, रतन लाल, गुलशन कुमार उर्फ शिव ज्योति, जमान शाह और रमन कुमार निवासी रियासी के रूप में हुई है। एसएसपी ने बताया कि दो हिस्ट्री शीटर सचिन सिंह और मान सिंह के फर्जी लाइसेंसों को रद्द करने के लिए डिप्टी कमिश्नरों से सिफारिश की गई है।

यहां बता दे कि सीबीआइ जम्मू कश्मीर में फर्जी गन लाइसेंस मामलों की जांच कर रही है।बीते शनिवार को सीबीआइ ने सीबीआइ ने जम्मू कश्मीर के के छह जिलों और दिल्ली में कुल 40 ठिकानों पर एकसाथ छापेमारी की। इनमें दो भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) अधिकारी, छह एडीशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (एडीसी), कश्मीर प्रशासनिक सेवा (केएएस) से सेवानिवृत्त अधिकारी के आवास व कार्यालयों के अलावा कई गन डीलरों के यहां भी जांच की।


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