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गृह मंत्री से मिल पंच और सरपंचों के हौसले बुलंद, कहा गांवों में विकास की नई इबारत लिखने का भरोसा मिला

गृह मंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि जम्मू कश्मीर में मध्य अक्टूबर में ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल (बीडीसी) के चुनाव हो जाएंगे। अभी तक जम्मू कश्मीर में कभी भी बीडीसी के चुनाव नहीं हुए हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 04 Sep 2019 09:15 AM (IST)Updated: Wed, 04 Sep 2019 09:50 AM (IST)
गृह मंत्री से मिल पंच और सरपंचों के हौसले बुलंद, कहा गांवों में विकास की नई इबारत लिखने का भरोसा मिला
गृह मंत्री से मिल पंच और सरपंचों के हौसले बुलंद, कहा गांवों में विकास की नई इबारत लिखने का भरोसा मिला

जम्मू, राज्य ब्यूरो। जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के फैसले से उत्साहित पंचायत प्रतिनिधियों का हौसला केंद्र गृहमंत्री अमित शाह से भेंट करने के बाद और बुलंद हो गया है। अनुच्छेद 370 हटने के साथ ही जम्मू कश्मीर में संविधान के 73वें व 74वें संशोधन को प्रभावी बनाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

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पंचों व सरपंचों ने जम्मू कश्मीर में ग्रामीण लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी है। अब गृहमंत्री से बैठक करने के बाद उनका कहना है कि गांवों के बेहतर भविष्य के प्रति केंद्र सरकार की गंभीरता विकास की नई इबारत लिखेगी। जम्मू कश्मीर में ग्रामीण लोकतंत्र शुरू से नजरअंदाज होता आया है। पंचों, सरपंचों के संगठन के प्रधान अनिल शर्मा का कहना है कि ग्रामीण विकास के लिए जम्मू कश्मीर में एक नए युग का आरंभ होने जा रहा है। 14वें वेतन आयोग के 3700 करोड़ के अलावा केंद्रीय मंत्री ने अतिरिक्त 1500 करोड़ रुपये देने का फैसला किया है। इससे ग्रामीण विकास को तेजी मिलेगी।

गृह मंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि जम्मू कश्मीर में मध्य अक्टूबर में ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल (बीडीसी) के चुनाव हो जाएंगे। अभी तक जम्मू कश्मीर में कभी भी बीडीसी के चुनाव नहीं हुए हैं। इसके साथ ही हर गांव में पांच युवाओं को सरकारी नौकरी देने का गृहमंत्री का फैसला भी अहम है। गांवों में बेरोजगारी की समस्या विकराल रूप लेती जा रही है।

श्रीनगर के सरपंच जुनैद मीर का कहना है कि जम्मू कश्मीर के विकास के लिए अनुच्छेद 370 का हटना सही है। इससे ग्रामीण लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी। इसका अंदाजा गृहमंत्री की बैठक में हो गया। हमने कश्मीर के पंचों, सरपंचों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया था। गृहमंत्री ने इस पर गंभीरता दिखाते हुए विश्वास दिलाया है कि इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। विकास की दृष्टि से भी गृहमंत्री ने हमारे साथ बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं।

आरएसपुरा के सरपंच योगराज सिंह का कहना है कि अनुच्छेद 370 के रहते ग्रामीण लोकतंत्र को मजबूत करना आसान नहीं था। अब केंद्र सरकार ने सब कुछ अपने हाथ में लेकर ग्रामीण विकास को तेजी देने की मुहिम छेड़ दी है।


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