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Jammu Kashmir Lockdown Efect: लॉकडाउन में करोड़ों के विकास कार्य रुके, कब शुरू होंगे पता नहीं

कोराना महामारी से आम जनमानस बुरी तरह से प्रभावित हुआ है जिले में चल रही विकास की कई परियोजनाओं पर भी ब्रेक लग गई कब शुरू होंगे पता नहीं

By Preeti jhaEdited By: Published: Sun, 28 Jun 2020 08:14 AM (IST)Updated: Sun, 28 Jun 2020 08:14 AM (IST)
Jammu Kashmir Lockdown Efect: लॉकडाउन में करोड़ों के विकास कार्य रुके, कब शुरू होंगे पता नहीं

कठुआ, राकेश शर्मा। कोराना महामारी से आम जनमानस बुरी तरह से प्रभावित हुआ है, जिले में चल रही विकास की कई परियोजनाओं पर भी ब्रेक लग गई, इसके कारण तय समय पर पूरे होने वाले कई कार्य अब लंबित पड़ हो गए। आलम यह है कि अब अगले 6 महीने का और इंतजार करना पड़ सकता है। जिले में 200 करोड़ की सबसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य के क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज की इमारत के निर्माण पर भी कोरोना का ग्रहण लग गया है।

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इस इमारत का निर्माण 30 जून को पूरा करने का लोक निर्माण विभाग ने लक्ष्य रखा था, लेकिन गत मार्च से जारी लॉकडाउन की वजह से बंद कार्य पूरा नहीं हो पाया। अब इस कार्य को अगले 6 महीने में पूरा करने में लग सकते हैं वो भी अगर हालात सही रहे तो।

बता दें कि जिले में स्वास्थ्य के क्षेत्र में लोगों को यह बड़ी सुविधा इसी जून के अंत तक मिल जानी थी। मौजूदा समय में जीएमसी कठुआ की नई इमारत का निर्माण कार्य बंद पड़ा है, यह अब कब शुरू होगा, इस पर अधिकारी अभी कुछ भी नहीं कह रहे हैं। इमारत के अभाव में जीएमसी कठुआ को मौजूदा जिला अस्पताल के महात्मा गांधी जच्चा बच्चा अस्पताल में कक्षाएं चल रही हैं। इमारत का निर्माण होने पर कक्षाएं और प्रशासनिक ब्लॉक सहित अन्य विभाग वहां शिफ्ट हो जाएंगे।

जीएमसी कठुआ की इमारत का कार्य फिलहाल अगले चार महीने तक लंबित पड़ गया है। इमारत का कार्य 30 फीसद ही शेष रह गया है। इसमें प्रशासनिक एवं कक्षा रूम लगभग बन कर तैयार हैं, सिर्फ अंतिम चरण का कार्य बचा है। -राजन गुप्ता, कार्यकारी अभियंता, कठुआ।

रावी दरिया पर बन रहा पुल का निर्माण कार्य भी रुका एक और महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट

जम्मू- जालंधर रेलवे ट्रैक क दोहरीकरण का कार्य भी रावी दरिया पर लखनपुर के पास कोरोना संकट के कारण बंद पड़ा हुआ है। रेल यात्रियों के लिए ये महत्वपूर्ण परियोजना, जिसका करीब पांच साल से लोग इंतजार कर रहे हैं, लेकिन बार-बार रावी पर बन रहे पुल की कई डेड लाइन खत्म हो चुकी है, इस पुल का निर्माण वर्ष 2016 में शुरू होकर 2018 में पूरा किया जाना था, जिसकी अब अंतिम डेड लाइन मार्च 2021 रखी गई थी, लेकिन अब फिर कोरोना संकट के कारण बंद हुए निर्माण से आगे बढ़ने की उम्मीद है। ऐसे में इस रूट पर रेल यात्रा करने वाले यात्रियों को फिर सुगम यात्रा के लिए इंतजार करना पड़ सकता है, वहीं रेलवे विभाग के लिए भी जम्मू जालंधर के बीच ये परियोजना काफी महत्वपूर्ण है।

करीब 54 करोड़ की यह परियोजना को पूरी होने में रावी दरिया पर लखनपुर के पास माधोपुर को जोड़ने के लिए ब्रिज का काम है। जिसमें 34 करोड़ के पिल्लर का कार्य पूरा हो चुका है, जबकि 18 करोड़ के पटरी बिछाने का काम शेष है। इस ब्रिज के न बनने से आज तक जम्मू जालंधर के बीच रेलवे के दोहरीकरण नहीं हो पाया है, जबकि रेलवे ट्रैक हर जगह से डबल हो गया है, लेकिन जहां पर आज भी इस पुल के कारण सिंगल है। दरिया पर जारी रेलवे के पुल का निर्माण अभी भी अधूरा पड़ा है। अभी भी रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी निर्माण कब पूरा होगा, कुछ भी कहने को तैयार नहीं है।

बता दें कि इस परियोजना में रावी दरिया पर 20 पिल्लर बन चुके हैं, उस पर अब लोहे की पटरी बिछाई जानी है। ऐसे में अब रेलवे विभाग के लिए बने हालात के चलते मार्च 2021 तक भी पूरा करने की गारंटी नहीं रही है। जबकि लखनपुर के आगे माधोपुर से लेकर जालंधर तक रेल ट्रैक को डबल करने का कार्य कब से पूरा हो चुका है। करीब 200 किलोमीटर लंबे ट्रैक की इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट में अभी सिर्फ रावी दरिया पर पुल का निर्माण ही बचा है। इस पुल का निर्माण वर्ष 2016 में शुरू हुआ था दो साल में पूरा किया जाना था, लेकिन तीन साल अधिक समय लगने पर भी पूरा नहीं हो रहा है। इसके कारण आज भी जम्मू जालंधर के बीच खासकर जम्मू कठुआ के लोगों को एक समय ही एक दिशा में ट्रेन सुविधा का लाभ मिलता है।

 जुथाना पुल का निर्माण भी अधूरा

10 हजार आबादी प्रभावित कठुआ लोक निर्माण विभाग द्वारा जुथाना में बनने वाले 45 करोड़ के उज्ज दरिया पर पुल का निर्माण कार्य भी इसी बरसात से पहले पूरा हो जाना था, लेकिन वह भी लॉकडाउन के कारण प्रभावित हो गया। और स्थानीय लोगों को विशेषकर जुथाना के 10 हजार आबादी को इस बार भी बरसात के दौरान दरिया के बहते पानी से ही जान जोखिम डाल कर गुजरना पड़ेगा।

ऐसी ही एक महत्वपूर्ण परियोजना जम्मू कश्मीर परियोजना निर्माण निगम द्वारा हटली रोड की भी लॉकडाउन से प्रभावित हो चुकी है, उसका काम भी रुक गया है, इस परियोजना के पूरा होने से 50 हजार आबादी को आजादी के बाद बेहतर सड़क सुविधा का लाभ मिलना है, जिसका लोग दस साल से इंतजार कर रहे हैं। 


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