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अब खादी में दिखेंगे सरकारी बाबू, बोर्ड ने ड्यूटी के दौरान खादी ड्रेस की अनिवार्य

डॉ. हिना शफी भट्ट ने इस आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खादी के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने का जो प्रयास शुरू किया था उसे ही आगे बढ़ाते हुए उन्होंने यह आदेश जारी किया।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 14 Mar 2019 11:33 AM (IST)Updated: Thu, 14 Mar 2019 11:33 AM (IST)
अब खादी में दिखेंगे सरकारी बाबू, बोर्ड ने ड्यूटी के दौरान खादी ड्रेस की अनिवार्य
अब खादी में दिखेंगे सरकारी बाबू, बोर्ड ने ड्यूटी के दौरान खादी ड्रेस की अनिवार्य

जम्मू, जागरण संवाददाता। अगर आप सोमवार के बाद जम्मू-कश्मीर खादी एंड विलेज इंडस्ट्रीज बोर्ड के कार्यालय में जाए और वहां पर अधिकारियों से लेकर क्लर्क तक अगर आपको खादी के कपड़े पहने दिखें तो हैरान न हो। बोर्ड ने अपने सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को कार्यालय में ड्यूटी के समय खादी ड्रेस पहनने का निर्देश दिया है। बोर्ड को उम्मीद है कि इससे खादी को प्रोत्साहन मिलेगा और खादी से जुड़े कारीगरों व ग्रामीण उद्योग को विकसित करने में मदद मिलेगी।

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बोर्ड की वाइस चेयरपर्सन डाॅ. हिना शफी भट्ट ने यह आदेश जारी किया है जिसके बाद गत दिवस एक सर्कुलर जारी कर बोर्ड के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को 18 मार्च से ड्यूटी के समय खादी की अधिकारिक ड्रेस पहनने का हिदायत दी है।

खादी को प्रोत्साहित करने के लिए लिया फैसला

डॉ. हिना शफी भट्ट ने इस आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खादी के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने का जो प्रयास शुरू किया था, उसे ही आगे बढ़ाते हुए उन्होंने यह आदेश जारी किया। इसका एकमात्र उद्देश्य खादी को बढ़ावा देना। बोर्ड के अधिकारी व कर्मचारी जब कार्यालय में काम करते समय खादी के कपड़े पहनेंगे तो उनके पास आने वाले लोग भी उन्हें देख प्रभावित होंगे। भट्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपनी मन की बात में भी खादी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने पर बल दिया और उनकी इस अपील के बाद देश में खादी की बिक्री में नब्बे फीसद तक वृद्धि हुई। कार्यस्थलों पर खादी पहनने से प्रधानमंत्री के प्रयास को बल मिलेगा।

त्वचा के लिए फायदेमंद है खादी

भट्ट ने कहा कि खादी एक प्राकृतिक फैबरिक है जो त्वचा के लिए भी फायदेमंद है। खादी के वस्त्र चूंकि मौसम के लिहाज से बर्ताव करते हैं, लिहाजा त्वचा के लिए भी ये दोस्त साबित होते हैं। त्वचा तक इनके मध्यम से हवा पहुंच सकती है तथा पसीना सोखने में मदद मिलती है। इसके कारण शरीर में नमी इकट्ठी होने के चांस कम हो जाते हैं और इन्फेक्शन या त्वचा सम्बन्धी दिक्कतें भी कम परेशान करती हैं। यही नहीं यह शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में भी मदद करता है। यही नहीं इसके इस्तेमाल से खादी से जुड़ी लघु इकाईयों को फायदा मिलेगा जिससे ग्रामीण स्तर पर रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

परिधान के अलावा लाभ

खादी का उपयोग गांधीजी के समय में तो लोग करते ही थे आज भी दुनियाभर में यह अपने गुणों के कारण प्रसिद्द है। इसे बच्चों से लेकर बड़ों के कपड़े बनाने के अलावा चादर, तकियों की खोल आदि बनाने में भी काम में लिया जाता था। इस मामले में भी यह स्वास्थ्य से जुड़ती थी क्यूंकि सर्द मौसम में तो इसका गर्म रहने का गुण चादर के रूप में ठंड को शरीर तक पहुंचने से रोकता ही था गर्मी के दिनों में यह सोते समय भी दिमाग और शरीर दोनों को शांति का अनुभव कराता था।


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