राज्यपाल भी हो सकता है वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष, बशर्ते मुस्लिम हो
मुस्लिम समुदाय के धार्मिक स्थलों और उसकी संपत्तियों की देखरेख का जिम्मा मुस्लिम वक्फ बोर्ड के पास रहता है। राज्यपाल शासन लागू होने के बाद बोर्ड का कामकाज प्रभावित हो रहा है।
जम्मू, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर मुस्लिम वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष अब राज्यपाल भी हो सकता है बशर्ते वह मुस्लिम हो। अगर वह गैर मुस्लिम है तो वह अपने ही किसी मुस्लिम सलाहकार या गणमान्य मुस्लिम नागरिक को भी बोर्ड का अध्यक्ष बना सकते हैं।
बोर्ड के संविधान के मुताबिक अभी तक राज्य का मुख्यमंत्री ही मुस्लिम वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष होता है। कोई भी गैर मुस्लिम व्यक्ति बोर्ड का सदस्य नहीं हो सकता।
अब ऐसा नहीं होगा। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बोर्ड के प्रावधान में संशोधन के इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। हालांकि इस आदेश के बाद राज्यपाल राजनीतिक दलों के निशाने पर आए हैं। वह इसे उनके महजबी मामलों में हस्तक्षेप करार दे रहे हैं।
मुस्लिम समुदाय के धार्मिक स्थलों और उसकी संपत्तियों की देखरेख का जिम्मा मुस्लिम वक्फ बोर्ड के पास रहता है। दरअसल 19 जून को राज्य में पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के भंग होने के बाद बोर्ड का कोई भी अध्यक्ष नहीं है। पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के सत्ता में रहते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती बोर्ड की अध्यक्ष थी।
राज्यपाल शासन लागू होने के बाद बोर्ड में अध्यक्ष का पद खाली है। इससे संबंधित कामकाज प्रभावित हो रहा है। बोर्ड के कामकाज को बेहतर बनाने के लिए ही राज्यपाल प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर मुस्लिम वक्फ बोर्ड में गत दिनों इस संशोधन को मंजूरी दी।
इस संशोधन के बाद राज्य में यदि राज्यपाल शासन लागू होता है और वह मुस्लिम समुदाय से संबंधित है तो वे भी बोर्ड का अध्यक्ष बन सकता है। यदि ऐसा नहीं है तो राज्यपाल अपने किसी मुस्लिम सलाहकार को बोर्ड अध्यक्ष नियुक्त कर सकता है।