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Jammu Kashmir: प्रदेश के अस्थायी कर्मचारियों में स्थायी होने की आस जगी, सरकार के भरोसे पर विश्वास

जम्मू कश्मीर प्रदेश में विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत दैनिक वेतनभाेगी और संविदात्मक कर्मी अपनी सेवाओं को नियमित किए जाने की बाट जोह रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इनकी कुल तादाद करीब एक लाख के करीब है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 15 May 2021 02:55 PM (IST)Updated: Sat, 15 May 2021 06:09 PM (IST)
Jammu Kashmir: प्रदेश के अस्थायी कर्मचारियों में स्थायी होने की आस जगी, सरकार के भरोसे पर विश्वास
महाप्रशासनिक विभाग, वित्त विभाग और अन्य संबधित विभागों द्वारा इस संदर्भ में एक कार्ययोजना को तैयार किया जा रहा है।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। जम्मू कश्मीर में विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत दैनिक वेतनभाेगी और संविदात्मक कर्मी अपनी सेवाओं को नियमित किए जाने की बाट जोह रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इनकी कुल तादाद करीब एक लाख के करीब है। इनमें से कई नियमित कर्मियों की सेवानिवृत्ति की आयु सीमा तक भी पहुंच गए हैं। सभी उम्मीद जता रहे हैं कि अगले चंद दिनों में सरकार उनकी सेवाएं भी नियमित करने का एलान कर सकती है।

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प्रदेश सरकार के अधीनस्थ शायद ही कोई ऐसा विभाग होगा जिसमें दैनिक वेतनभोगी, आवश्यक्तानुरुप नियुक्त अस्थायी कर्मी और संविदा कर्मी न हों।। जम्मू पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड कारपोरेशन, जल शक्ति विभाग, स्वास्थ्य विभाग ऐसे में जहां काम कर रहे कर्मियों को पिछले कई वर्षों से नियमित वेतन भी नहीं दिया जा रहा है। कोरोना महामारी के बीच लोगों को असुविधा न हो इसी वजह से ये कर्मी अपनी परेशानियों को नजरंदाज कर दिन रात लोगों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने में जुटे हुए हैं।

वरिष्ठ प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि कई दैनिक वेतनभोगियों और संविदा या फिर आवश्यक्तानुरुप नियुक्ति अस्थायी कर्मियों को बिना प्रशासनिक अनुमति नियुक्त किया गया है। वित्त एवं योजना विभाग से अनुमति नहीं ली गई है। इसके अलावा प्रदेश सरकार ने कुछ वर्ष पूर्व ऐसी नियुक्तियों पर पूर्ण रुप से रोक लगाई थी आैर उसके बाद भी बड़ी संख्या में ऐसे लोगों की नियुक्तियां हुई हैं। इस कारण इनकी सेवाओं को नियमित बनाने में कई रुकावटें हैं। इसके अलावा सरकारी खजाने पर भी अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

जलशक्ति विभाग में कार्यरत संजीव कुमार नामक एक कर्मी ने कहा कि हम लोग नियमित कर्मियों से कहीं ज्यादा काम करते हैं। हड़ताल हो, कर्फ्यू हो या कोई अन्य परिस्थिति हम लोग हमेशा अपने काम पर डटे रहते हैं। बिजली विभाग में हमारी तरह कई दैनिक वेतनभोगी और संविदाकर्मी बिजली की तारों काे ठीक करते हुए अपनी जान गंवा चुके हैं या फिर जिंदगी भर के लिए अपंग हो चुके हैं। हमारे कई साथियों को 20-20 वर्ष हो गए काम करत हुए, लेकिन हमारी सेवाएं नियमित नहीं हुई है। जो भी सरकार यहां बनी, उसने हमेशा हमारी सेवाओं को नियमित करने का यकीन दिलाया। बीच में एक बार यह प्रक्रिया भी शुरु हुई अौर बाद में अधर में लटक गई।

हमने पूर्व राज्यपाल और मौजूदा उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के संज्ञान में भी अपनी मांगों को लाया है। सभी ने हमें हमारी मांग पूरी करने का यकीन दिलाया है,लेकिन आज तक हमारी मांग पूरी नहीं हुई है। अब फिर कहा जा रहा है कि सभी विभाग ऐसे लोगों को सूची तैयार कर रहे हैं जो 10 साल का सेवाकाल पूरा कर चुके हैं। उम्मीद करते हैं कि इस बार हम सभी की सेवाएं नियमित हो जाएंगी।


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