जम्मू-कश्मीर सरकार ने कहा झूठ बोल रहे पाकिस्तानी पीएम इमरान, कश्मीर में सब सामान्य है
वादी के कुछ एक इलाकों में ही किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए स्थानीय प्रशासन ने कुछ पाबंदियां लगाई थीं और इन्हें भी एक सप्ताह के भीतर हटा लिया गया है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। राज्य सरकार ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा गत सप्ताह संयुक्त राष्ट्र महासभा में जम्मू कश्मीर के हालात पर दिए गए बयान को झूठ का पुलिंदा करार दिया। सरकार की ओर से कहा गया कि अगस्त में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद राज्य में स्थिति लगभग सामान्य हो चुकी है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का दावा सच्चाई से कोसों दूर है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने आधा अधूरा सच और झूठ का सहारा लिया। इमरान खान ने जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को अपना समर्थन देने और पाकिस्तान में मानवाधिकारों की दयनीय स्थिति से दुनिया का ध्यान हटाने की एक नाकाम कोशिश की है। कश्मीर में कफ्र्यू, संचार सेवाओं के ठप होने, आम लोगों की आवाजाही पर रोक का इमरान खाना का दावा सही नहीं है। वादी के कुछ एक इलाकों में ही किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए स्थानीय प्रशासन ने कुछ पाबंदियां लगाई थीं और इन्हें भी एक सप्ताह के भीतर हटा लिया गया है। इस समय पूरे राज्य में कहीं कोई प्रशासनिक पाबंदियां नहीं हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि पूरे जम्मू कश्मीर में कोई भी कहीं भी आ जा सकता है। स्थानीय लोग हों या पर्यटक या फिर मीडियाकर्मी सभी कहीं भी आने जाने को स्वतंत्र हैं। सड़कों पर वाहनों की आवाजाही, हवाई जहाज के जरिए कश्मीर में आने जाने वाले लोगों की तादाद, सड़कों पर ट्रैफिक जाम, अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की पूरी तरह बहाली, आवश्यक नागरिक सेवाओं की नियमित आपूर्ति पाकिस्तान के दावों को नकारने के लिए पर्याप्त हैं। कश्मीर में हालात पूरी तरह शांत और सामान्य हैं। बीते दो माह के दौरान वादी में सुरक्षाबलों को कहीं भी एक भी गोली नहीं चलानी पड़ी है।
सभी हाइवे खुले, रोजाना एक हजार ट्रक आ-जा रहे :
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि श्रीनगर को जम्मू समेत पूरे देश से जोडऩे वाला हाईवे और श्रीनगर-करगिल-लेह हाईवे पूरी तरह खुला है। रोजाना इस हाईवे पर खाद्यान्न, ईंधन, दवाएं, फल-सब्जियां व अन्य साजो सामान के करीब एक हजार ट्रक कश्मीर, कारगिल और लेह तक जाते हैं। इसी तरह कश्मीर से रोजाना सेब, दस्तकारी व अन्य सामान को लेकर ट्रक जम्मू समेत देश के अन्य भागों के लिए रवाना होते हैं।
200 पत्रकार स्वतंत्रता के साथ काम कर रहे :
कश्मीर में करीब 200 से ज्यादा देशी-विदेशी पत्रकार पूरी स्वतंत्रता के साथ अपना काम कर रहे हैं। इनमें बीबीसी, एएफपी, एपी, अल जजीरा, प्रेस टीवी, वाङ्क्षशगटन पोस्ट के पत्रकार भी हैं। कश्मीर में इस समय सक्रिय बहुत से ऐसे मीडियाकर्मी हैं जो सरकार की नीतियों से असहमत हैं और उनके खिलाफ लिखतें हैं, लेकिन उन पर कोई रोक नहीं है।
सभी जानते हैं कौन लोगों को दुकानें खोलने से रोक रहा :
प्रवक्ता के मुताबिक, पाकिस्तान ने कश्मीर में सुरक्षाबलों की मौजूदगी और मानवाधिकारों के हनन से जुड़े मुद्दों को उठाकर जानबूझकर एक गलत संदेश देने का प्रयास किया है। यहां सभी को पता है कि किस तरह से आम लोगों को डरा धमका कर उन्हें अपनी दुकानें खोलने और कारोबार शुरू करने से रोका जा रहा है। एक चार साल की मासूम बच्ची को सिर्फ इसलिए गोली मारी जाती है, क्योंकि उसका परिवार अपना कारोबार शुरू करना चाहता है। एक 65 वर्षीय दुकानदार की इसलिए हत्या हो जाती है कि वह अपने परिवार की रोजी रोटी चलाने के लिए दुकान खोलना चाहता था।
आतंकियों के लिए आवाज उठा रहा पाक पर कश्मीरियों के लिए मौन :
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान के विपरीत भारत एक धर्म निरपेक्ष राज्य है, जहां कानून का राज है। दुर्भाग्य की बात है कि पाकिस्तान आतंकियों के लिए आवाज उठा रहा है, लेकिन वह उन मासूम कश्मीरियों के बारे में पूरी तरह मौन हैं, जिन्हें पाकिस्तान द्वारा पाले गए आतंकियों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है।