Jammu Kashmir: घाटे का सौदा साबित हो रहा जैकफेड बंद, सरकार ने कब्जे में ली सारी संपत्ति
जम्मू कश्मीर कोआपरेटिव सोसायटी एक्ट 1989 के तहत बना सहकारिता क्षेत्र का एक प्रमुख संस्थान था। यह फेडरेशन रसोई गैस खाद व निर्माण सामग्री की सप्लाई करता था।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। घाटे का सौदा बन गए जम्मू कश्मीर कोआपरेटिव सप्लाई एंड मार्केटिंग फेडरेशन (जैकफेड) को बंद करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। रजिस्ट्रार कोआपरेटिव सोसायटी जम्मू कश्मीर ने बुधवार को जैकफेड को समेटने के आदेश जारी किए।
यह फैसला धारा 47 की उपधारा के तहत सोसायटी को मिले अधिकारों के तहत लिया गया। राज्य प्रशासनिक परिषद ने इस साल जून में घाटे में चल रहे जैकफेड का बंद करने को मंजूरी दी थी। इसी बीच, जैकेफेड में काम कर रहे 224 कर्मचारियों के हितों के संरक्षण पर भी गौर किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार उनके लिए सरकार स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना भी ला सकती है। जैकफेड बंद होने से कर्मचारियों के लिए वित्तीय मुश्किलें पैदा हो जाएंगी। ऐसे में उनके हितों के संरक्षण की दिशा में कार्रवाई संभव है।
अब जैकफेड की सारी संपत्ति सरकार के कब्जे में आ जाएगी। इसके लिए सरकार जैकफेड की वित्तीय संकल्पों के प्रति भी जिम्मेदार होगी। सहकारिता विभाग जैकफेड की परिसंपत्तियों को बेचकर वित्तीय जिम्मेदारियों को निर्वाह करेगी। इसके लिए सरकार कोई वित्तीय जिम्मेदारी नही लेगी। राज्य में जैकफेड की कुल संपत्ति 200 करोड़ रुपये है।
जम्मू कश्मीर कोआपरेटिव सोसायटी एक्ट 1989 के तहत बना सहकारिता क्षेत्र का एक प्रमुख संस्थान था। यह फेडरेशन रसोई गैस, खाद व निर्माण सामग्री की सप्लाई करता था। पहले यह लाभ कमाने वाला संस्थान था। बाद में घोटालों व कुप्रबंधन के कारण यह संस्थान घाटे में चला गया। ऐसे में जैकफेड के घोटालों की जांच उच्च स्तरीय पिल्लई कमेटी व विधान परिषद के ज्वाइंट कमेटी ने भी की।
जांच के दौरान पाया गया कि हर वर्ष जैकफेड को पौने तीन करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है। जैकफेड की देनदारी 67 करोड़ रुपये से भी ज्यादा हो गई है। जैकफेड ने विभिन्न सरकारी विभागों से 19 करोड़ रुपये लेने हैं। ऐसे में जैकफेड के हालात पर चर्चा के बाद पाया गया कि इसे बंद करने में ही भलाई होगी। जैकफेड के लिए अपने सेवानिवृत्त कर्मियों का भुगतान व कर्मचारियों को वेतन देना मुश्किल हो गया था।
जैकफेड ने कर्मचारियों को करीब 25 करोड़ रुपये का भुगतान करना है। यह मामला न्यायालय में पहुंचने के बाद हाल ही में हाईकोर्ट ने जैकफेड से सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों व मौजूदा कर्मचारियों को राहत प्रदान करते हुए वित्त विभाग को तत्काल 25 करोड़ रुपये जैकफेड को देने के निर्देश दिए थे।