जम्मू-कश्मीर में आम लोगों से सख्ती, खास से नरमी बरत रहा बिजली विभाग, देनदारी 2200 करोड़ पहुंची
बिजली विभाग की देनदारी की सूची में जम्मू कश्मीर के 125 से अधिक विभागों के नाम शामिल हैं। इन सरकारी विभागों पर देनदारी 2200 करोड़ से अधिक पहुंच गई है।
जम्मू, राहुल शर्मा। जम्मू कश्मीर की सरकार ने बिजली विभाग के घाटे को दूर करने के लिए सरकारी विभागों, नौकरशाहों व मंत्रियों को छोड़ आम जनता को तंग करना शुरू कर दिया है। इन दिनों बिजली विभाग ने राजस्व वसूली अभियान को जोरशोर से शुरू किया है। यह चेतावनी भी दी जा रही है कि जिस व्यक्ति पर 10 हजार से ऊपर बिल होगा, उसकी बिजली काट दी जाएगी।
वहीं, कई वर्षो से करोड़ों रुपये की देनदारी चुकता न करने वाले सरकारी विभागों पर बिजली विभाग मेहरबान नजर आ रहा है। इन पर कार्रवाई करने के बजाय जम्मू पावर डिस्ट्रीब्यूशन कारपोरेशन लिमिटेड (जेपीडीसीएल) उन्हें मार्च तक समय देने की बात कर रहा है। सरकारी विभागों, नौकरशाहों और पूर्व मंत्रियों पर बकाया करोड़ो रुपये का यह बिजली बिल चंद महीनों का नहीं बल्कि वर्षो से चला आ रहा है। बिजली विभाग की देनदारी की सूची में जम्मू कश्मीर के 125 से अधिक विभागों के नाम शामिल हैं। इन सरकारी विभागों पर देनदारी 2200 करोड़ से अधिक पहुंच गई है। आम जनता की बात करें तो उनकी देनदारी मात्र 200 से 250 करोड़ ही होगी।
उपराज्यपाल जीसी मुमरू ने बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की पहली बैठक में ही बिजली चोरी पर रोक लगाने और राजस्व वसूली को सुदृढ़ बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कमिश्नर सेक्रेटरी पावर हृदेश कुमार सिंह ने सभी डिवीजन इंचार्ज को टीमें गठित कर राजस्व वसूली अभियान को तेज बनाने के निर्देश दिए। दो दिनों में ही बिजली विभाग ने घरेलू व कमर्शियल उपभोक्ताओं से एक करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की है। डिवीजन इंचार्ज ने उम्मीद जताई है कि राजनीतिक हस्तक्षेप समाप्त होने के बाद चालू वित्त वर्ष की समाप्ति तक अधिक से अधिक देनदारी वसूल कर ली जाएगी, लेकिन सरकारी विभाग रोड़ा साबित हो रहे हैं। बजट में बिल की पुरानी अदायगी का प्रावधान न होने से ये बकायाजात हासिल करने में विभाग को परेशानी आ सकती है।
नोटिस किए गए हैं जारी
डिवीजन-3 के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर नीरज शर्मा और डिवीजन-2 गांधी नगर के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर पीडी सिंह ने कहा कि घरेलू व कमर्शियल उपभोक्ताओं के साथ-साथ देनदार सरकारी विभागों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं। बिजली विभाग अब सरकारी विभाग नहीं रहा है। उसे पावर डिस्ट्रीब्यूशन कारपोरेशन लिमिटेड का रूप दे दिया गया है। ऐसे में हरेक सरकारी विभागों को बकाया बिजली बिल चुकता करने होंगे। करोड़ों रुपये की इस देनदारी के बारे में चीफ इंजीनियर सुधीर गुप्ता ने भी सरकार को जानकारी दे दी है। मार्च तक इन विभागों ने देनदारी चुकता नहीं की तो कार्रवाई की जाएगी।
देनदारों में सेना, पुलिस व सुरक्षाबल भी शामिल
70 से अधिक सरकारी विभागों जिसमें सेना, सुरक्षाबल व पुलिस भी शामिल है, पर करोड़ों का बिजली बिल बकाया है। यह मुद्दा कई बार विधानसभा में गरमा चुका है, लेकिन बजट में बकायाजात का प्रावधान न होने से देनदारी बढ़ती ही गई। जम्मू संभाग में स्थित 70 विभागों के पास 1280.21 करोड़ का बकाया है। कश्मीर संभाग में 46 विभागों में 1002.63 करोड़ बिजली बिलों का बकाया है। लद्दाख में नौ विभागों पर 70668 रुपये बकाया है।
पूर्व मंत्रियों व नौकरशाहों पर 10 करोड़ से अधिक की देनदारी
जम्मू विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जम्मू कश्मीर के मौजूदा व सेवानिवृत्त नौकरशाहों, पूर्व मंत्रियों व विधायकों पर भी 10 करोड़ रुपये से अधिक की देनदारी है। राजनीतिक हस्तक्षेप व अधिकारियों के दबाव के कारण हर साल इनसे 15 से 20 फीसद वसूली ही हो पाती थी, लेकिन अब सुधार होने की संभावना है। उपराज्यपाल ने राजस्व वसूली व बकायाजात को हासिल करने के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। पहले चरण में सभी को नोटिस जारी कर दिए गए हैं। बिल अदायगी न करने वाले नौकरशाहों, पूर्व मंत्रियों व विधायकों की अधिक संख्या कश्मीर संभाग में है।
पीएचई विभाग की देनदारी सबसे अधिक
जम्मू संभाग में पीएचई पर सबसे अधिक 751.38 करोड़, मेडिकल विभाग पर 42.70 करोड़ व नगरपालिकाओं पर 193.34 करोड़ बकाया है। पुलिस विभाग पर 34.61 करोड़ बकाया है। कश्मीर संभाग में भी पीएचई पर सबसे अधिक 563.78 करोड़, गृह विभाग पर 106.81 करोड़, सेना पर 36.16 करोड़ रुपये, पर्यटन विभाग पर 12.37 करोड़ बकाया है। अगर बिजली खरीद की देनदारी की बात करें तो बिजली विभाग पर नेशनल पावर ट्रेङ्क्षडग कारपारेशन की देनदारी भी तीन हजार करोड़ से अधिक ही है। अगर सारे सरकारी विभाग बिलों की अदायगी समय पर कर दें तो बिजली खरीद की देनदारी भी कम करने में मदद मिलेगी।