Jammu Kashmir: लापता युवकों के पिता ने दिया पाक के प्रोपेगेंडा का जवाब
दो साल पहले लापता दो युवकों के परिजनों ने पाकिस्तानी सेना के प्रोपेगेंडा का करारा जवाब देते हुए युवकों की रिहाई की मांग की है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। कश्मीर में अपने मंसूबों की नाकामी से हताश पाकिस्तान अब जम्मू कश्मीर से लापता युवकों को आधार बनाकर अपना प्रोपेगेंडा चला रहा है। गुरेज सेक्टर से दो साल पहले लापता दो युवकों के परिजनों ने पाकिस्तानी सेना के इस प्रोपेगेंडा का करारा जवाब देते हुए युवकों की रिहाई की मांग की है। परिजन दोनों को मरा मान रहे थे।
गौरतलब है कि पाकिस्तानी सेना ने गत रोज दो युवकों को मीडिया के सामने लाकर दावा किया था कि वह जासूसी के लिए पकड़े गए हैं ओर भारतीय सेना ने गिलगित बाल्टिस्तान भेजा था। दोनों युवक बांडीपोर जिले के एलओसी से सटे अछूरा गुरेज के रहने वाले हैं। इन युवकों के नाम मोहम्मद वानी और फिरोज अहमद लोन हैं। पाकिस्तानी सेना ने उनके पास से भारतीय करंसी बरामद करने का दावा किया है।
पाकिस्तानी सेना द्वारा पकड़े गए युवकों का वीडियो देख लोग हैरान हैं और वह उन्हें मरा मान रहे थे। फिरोज अहमद लोन के भाई जहूर लोन ने कहा कि मेरा भाई जासूस नहीं है। वह ग्रामीण विकास विभाग में ग्राम सेवक के तौर पर काम कर रहा था। वह 2018 में लापता होने पर उसकी गुमशुदगी रपट भी दर्ज कराई गई थी। एक महिला को पुलिस ने पकड़ा था जिसने दावा किया था कि मेरे भाई का कत्ल किया गया है और शव को दरिया में बहा दिया गया है।
फिरोज के पिता अब्दुल रहमान ने बताया कि पाकिस्तानी झूठा इल्जाम लगा रहे हैं। मैं अपील करता हूं कि हमारे लड़कों को वापस किया जाए। नूर मोहम्मद तो 2015 से घर से बाहर था। वह कहीं मजदूरी करता था। उसके मां-बाप की पहले ही मौत हो चुकी है। पाकिस्तानी सेना ने उनसे जबरन बयान दिलाया है।
इस बीच, पुलिस के एक अधिकारी ने कहा पाकिस्तान पुलिस की थ्योरी में ही कई पेंच हैं। यह पाकिस्तान कैसे पहुंचे, कहा नहीं जा सकता लेकिन अगर वह जासूसी के लिए जाते तो उनके पास पाकिस्तानी मुद्रा होती। पाकिस्तान जाकर हथियार उठाने वाले युवकों को अकसर इस तरह की प्रताड़ना झेलनी पड़ती है। उन्हें विभिन्न तरीकों से प्रताडि़त किया जाता है। इन युवकों के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ होगा।