पाकिस्तान का कश्मीर मेें लगाया गया आतंकवाद का पौधा लगभग कट चुका है: डीजीपी दिलबाग सिंह
कश्मीर में कोविड-19 के बाद मिली राहत के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना द्वारा आयोजित करवाए गए विभिन्न खेलों में 30 हजार से अधिक नौजवानों ने उसमें हिस्सा लिया। इससे उम्मीद जताई जा सकती है कि आने वाले समय में जम्मू-कश्मीर मेें अमन और शांति होगी।
कठुआ, जागरण संवाददाता: पाकिस्तान ने कश्मीर में जो आतंकवाद का पौधा बोया था उसे हमारे जांबाज सुरक्षाबलों ने तराश-तराश कर काफी कम कर दिया है। जो थोड़ा बहुत बच गया है, उसे भी जल्द काट दिया जाएगा। जब तक जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद का सफाया नहीं होता जम्मू-कश्मीर पुलिस, सुरक्षाबला का प्रत्येक जवान चैन की सांस नहीं लेगा। हमारे जवानों ने जिस तरह आतंकवाद पर शिकंजा कसा हुआ है, वहां पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठनों के आकाओं का दम घुटने लगा है। बहुत जल्द कश्मीर में सक्रिय सभी आतंकवादी संगठनों को समाप्त कर दिया जाएगा और एक बार फिर जम्मू-कश्मीर में अमन-चैन व शांति की बयार बहेगी।
ये बात जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने पुलिस मार्टिमर्स मेमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल मैच के दौरान पत्रकारों से कही। उन्होंने कहा कि पाक के बहकावे में आए कश्मीर के भटके युवा भी पुलिस के प्रयास से अपने घरों को वापस लौट रहे हैं। यह हमारे प्रयासों का ही नतीजा है कि कई भटके हुए स्थानीय युवाओं ने उनकी अपील के बाद चलती मुठभेड़ में हथियारों सहित आत्मसमर्पण किया। कश्मीर में ऐसे 10 बड़े उदाहरण सामने आए है।
यही नहीं कश्मीरी युवा भी यह बात समझ चुके हैं कि पाक प्रोयोजित आतंकवाद उन्हें सिर्फ बर्बादी के रास्ते पर ले जाएगा। वो अब बर्बादी से मुख्यधारा में लौटने लगे हैं। वहां का नौजवान अपनी जिंदगी जीना चाहता है। उन्होंने बताया कि कश्मीर में कोविड-19 के बाद मिली राहत के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना द्वारा आयोजित करवाए गए विभिन्न खेलों में 30 हजार से अधिक नौजवानों ने उसमें हिस्सा लिया। इससे उम्मीद जताई जा सकती है कि आने वाले समय में जम्मू-कश्मीर मेें अमन और शांति होगी।
डीजीपी ने कहा कि जब हम ऐसे आयोजन करवाते हैं तो हमारी आंखे नम होती हैं। इस साल भी कश्मीर में शांति बहाली के लिए जम्मू-कश्मीर के 15 जवानों जबकि 46 अर्ध सैनिकबलों के जवानों ने अपनी शहादत दी। लेकिन हमें इस बात पर गर्व भी है कि ये शहादतें हमारे कामकाज का हिस्सा है, जो इस प्रदेश में अमन लाने के लिए काम आए, आगे भी ऐसे ही जाबांजी से अपने ड्यूटी करते रहेंगे। आज जम्मू-कश्मीर अगर शांति की ओर बढ़ रहा है तो ये शहीद जवानों द्वारा दी गई कुर्बानियों से संभव हुआ है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष हमारे जवानों ने 225 आतंकवादी अलग-अलग मुठभेड़ में मारे। इसके अलावा 50 आतंकी और 600 ओजीडब्ल्यू पकड़े। जिनके खिलाफ मामले दर्ज किए हैं।