Jammu Kashmir Coronavirus: अब लापरवाही बरतने के मूड में नहीं स्वास्थ्य विभाग, ऑक्सीजन प्लांट लगाने की प्रक्रिया तेज
हमारा प्रयास है कि हर प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें। इसके लिए अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट के अलावा लिक्यूड ऑक्सीजन प्लांट भी लगाया जा रहा है। अभी भी मामले लगातार आ ही रहे हैं। लेकिन अगले दो तीन महीने अणिक चुनौती वाले हो सकते हैं।
जम्मू, रोहित जंडियाल: पिछले कुछ सप्ताह में जम्मू-कश्मीर में पहले की अपेक्षा कोविड 19 के मामलों में बेशक कमी आई हो लेकिन स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग अभी भी यह डर सता रहा है कि सर्दियों में फिर से मामले बढ़ सकते हैं। इस बार कोई परेशानी न आए, इसके लिए इस बार तैयारियां चल रही हैं। अस्पतालों में ऑक्सीजन जेनेरेशन प्लांट और लिक्यूड ऑक्सीजन प्लांट पर काम तेजी से चल रहा है।
जम्मू-कश्मीर में पहला मामला नौ मार्च को आया था। मगर तीस जून तक सिर्फ 7,497 लोगों में ही संक्रमण हुई। इस दौरान सिर्फ 101 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई। मगर इसके बाद मरीजों की संख्या बढ़ने लगी। जुलाई महीने में 12,862 कोरोना संक्रमण के मामले आने के साथ-साथ 276 मरीजों की मौत हो गई। अगस्त महीने में 17339 लोग संक्रमित हुए जबकि 326 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई। लेकिन काेरोना संक्रमण के मामले सितंबर महीने में तेजी के साथ बढ़े। सितंबर महीने में 37,373 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई।यही नहीं अब तक हुई कुल मौतों में बीस फीसद के करीब अर्थात 478 मरीजों की मौत भी इसी महीने हुई थी।
अच्छी बात यह रही कि अक्टूबर महीनेे में संक्रमण के मामले कम होने लगे। सितंबर महीने की अपेक्षा करीब आधे ही मरीज रहे। अक्टूबर महीने में 19,715 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई जबकि 297 मरीजों की मौत हुई। संक्रमित लोगों में 11,197 कश्मीर संभाग से थे जबकि 8518 जम्मू संभाग के थे। इसी तरह मरने वालों में 144 कश्मीर संभाग थे जबकि 153 जम्मू संभाग थे। अब नवंबर महीने के पहले दो दिनों में भी संक्रमितों की संख्या पांच सौ से भी कम हो गई है।
बावजूद इसके स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग को यह डर सता रहा है कि सर्दियों केमौसम में कोविड 19 फिर से चुनौती बन सकता है। इसी के चलते विभाग पूरी तैयारी कर रहा है। राजकीय मेडिकल कालेज में इसी सप्ताह के अंत तक लिक्यूड आक्सीजन प्लांट शुरू करने की तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है। वहीं गांधीनगर अस्पताल में भी आक्सीजन जेनेरेशन प्लांट का काम शुरू हो गया है। जम्मू-कश्मीर के बीस से अधिक अस्पतालों में तीन सौ करोड़ की लागत से आक्सीजन जेनरेशन प्लांट चल रहा है। पिछजे दिनों जम्मू में कोविड 19 के मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण ऑक्सीजन की कमी हो गई थी। इस से बारह मरीजों की मौत आक्सीजन सप्लाई न होने के कारण हुई थी। इसका काफी विवाद भी हुआ था।
इस बार भी स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अलावा स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारियों को डर सजा रहा है कि कहीं मरीजों की संख्या अचानक से फिर से न बढ़ जाए। जीएमसी की प्रिंसिपल डा. शशि सूदन का कहना है कि सर्दियों में कोविड 19 के मामले कभी भी बढ़ सकते हैं। हमारा प्रयास है कि हर प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें। इसके लिए अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट के अलावा लिक्यूड ऑक्सीजन प्लांट भी लगाया जा रहा है। अभी भी मामले लगातार आ ही रहे हैं। लेकिन अगले दो तीन महीने अणिक चुनौती वाले हो सकते हैं।
कोई अस्पताल अभी नहीं बदला: सरकार ने अभी कई अस्पतालों को कोविड अस्पताल बनाया है। कईग् जगहों को कोविड केयर सेंटर बनाया गया है। अभी इनमें से अधिकांश खाली पड़े हुए हें। गांधीनगर अस्पताल मं भी भी इस समय कोविड 19 का कोईभी मरीज नहीं है। लेकिन अभी यह पहले की तरह ही कोविड अस्पताल बने रहेंगे। इस अस्पताल की ओपीडी भी राजीव गांधी अस्पताल गंग्याल में हो रही है। इसी तरह सरस्वती धाम, वैष्णवी धाम, यात्री निवास में भी कोई मरीज नहीं है। यह भी कोविड केयर सेंटर बने हुए हैं।
टेस्ट पहले की तरह जारी: कोविड 19 के मामले कम होने के बावजूद अभी भी टेस्टों की संख्या में कोई कमी नहीं आई हे। पहले की तरह ही बीस हजार से अणिक टेस्ट नियमित रूप से हो रहे हें। वहीं रैपिड उंटीजन टेस्ट भी पहले की तरह ही हो रहे हें। सिर्फ जम्मू जिले में ही 1,87,011 मरीजों के टेस्ट हो चुके हें। इनमें दस हजार से अधिक संक्रमित आए हें। अन्य जिलों में भी इसी तरह टेस्ट हो रहे हैं।