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Jammu kashmir Coronavirus effect: 'थ्री ईडियट्स' की तरह मेडिकल टेक्नीशियन ने कराया प्रसव

Jammu kashmir Coronavirus effect थ्री ईडियट्स की तरह मेडिकल टेक्नीशियन ने कराया प्रसव गांदरबल में अस्पताल ले जाते समय महिला ने बच्ची को दिया जन्मजच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 02 May 2020 09:37 AM (IST)Updated: Sat, 02 May 2020 09:37 AM (IST)
Jammu kashmir Coronavirus effect: 'थ्री ईडियट्स' की तरह मेडिकल टेक्नीशियन ने कराया प्रसव
Jammu kashmir Coronavirus effect: 'थ्री ईडियट्स' की तरह मेडिकल टेक्नीशियन ने कराया प्रसव

श्रीनगर, जागरण संवाददाता।  बॉलीवुड फिल्म थ्री ईडियट्स का वह सीन याद होगा, जिनमें अभिनेता आमिर खान अपने इंजीनियर दोस्तों के साथ कॉलेज के प्रिंसिपल की बेटी का प्रसव कराते हैं वह भी अस्पताल से दूर। यह भी याद होगा कि आमिर ने किस तरह से पहले ऑनलाइन और फिर फोन पर डॉक्टर से दिशा-निर्देश लेकर यह सब सफलतापूर्वक किया।

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वह रील सीन है, लेकिन कश्मीर के गांदरबल में गत शुक्रवार की आधी रात को ऐसा रियल जीवन में हुआ। यहां अस्पताल जाते समय रास्ते में एंबुलेंस में एक पुरुष इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन ने डॉक्टरों से फोन पर मार्गदर्शन लेते हुए महिला की सफल डिलीवरी कराई है।

कश्मीर में 108 एंबुलेंस सेवा में यह पहला मामला है, जब इस तरह से किसी महिला का प्रसव कराया गया हो। 108 एंबुलेंस सर्विस के जोनल मैनेजर गांदरबल मुश्ताक अहमद ने बताया कि 30 अप्रैल की रात साढ़े 11 बजे गांदरबल जिले के मलशाहीबाग इलाके से उन्हें फोन कॉल आई कि इलाके में 27 वर्षीय रजिया बानो पति मोहम्मद अकरम को प्रसव पीड़ा हुई है। उसे अस्पताल पहुंचाना है।

सूचना मिलते ही एंबुलेंस पहुंचाई गई। वहां से महिला व उसके दो परिजनों को लेकर जिला अस्पताल के लिए निकले। रास्ते में महिला की प्रसव पीड़ा और बढ़ गई। इस पर एंबुलेंस में मौजूद इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन इरशाद अहमद ने 108 नंबर पर कॉल कर डॉक्टर से सलाह ली। इसके बाद डॉक्टर ने फोन पर ही सुझाव और दिशा-निर्देश देकर एंबुलेंस में ही महिला का सफलतापूर्वक प्रसव कराया। महिला ने बच्ची को जन्म दिया है और वह स्वस्थ है। फिलहाल, जच्चा-बच्चा जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है।

अस्पताल पहुंचने में हो जाती देर

मुश्ताक ने कहा कि महिला को प्रेगनेंसी कॉप्लीकेशंस पैदा हो गई थी। उसके घर से जिला अस्पताल 12 किलीमीटर दूर था। अस्पताल पहुंचने में देर हो जाती। इससे जच्चा-बच्चा को खतरे की आशंका थी। इसलिए डॉक्टरों की सलाह पर टेक्नीशियन को ही प्रसव कराना पड़ा। मुश्ताक ने बताया कि घाटी में गत महीने शुरू की गई इस 108 सेवा का यह पहला मामला है जब किसी महिला का एंबुलेंस में इस तरह प्रसव कराया गया हो।

108 नंबर की 58 एंबुलेंस दौड़ रही वादी में

इसी साल 24 मार्च को प्रशासन ने कश्मीर में 108 नंबर की 58 एंबुलेंस उपलब्ध कराई हैं। यह सेवा निशुल्क है। तमाम आधुनिक उपकरणों से लैस इन एंबुलेंस में इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन और पैरा मेडिकल स्टाफ मौजूद रहता है। ये सभी जरूरत पड़ने पर 108 पर कॉल कर डॉक्टरों से सलाह लेकर मरीज को फ‌र्स्ट एड देते हैं। दिन में महिला पैरामेडिकल स्टॉफ रहता है तो रात में अमूमन पुरुष स्टॉफ इन एंबुलेंस में रहता है। गांदरबल जिले में ऐसी तीन एंबुलेंस हैं।


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