Jammu kashmir Coronavirus effect:मस्जिद में जमात सदस्यों को गले लगाने से संकट में आया मासूम
मस्जिद में जमात सदस्यों को गले लगाने से संकट में आया मासूम 24 मार्च को श्रीनगर में हुआ था कार्यक्रम मंगलवार को आई रिपोर्ट
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। शेर-ए-कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान (सौरा) में भर्ती 10 वर्षीय मासूम के परिजन परेशान हैं। मंगलवार सुबह ही उनके लाडले की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई है। उनका कहना है कि उन्हें नहीं पता था कि मजहबी मजलिस में शामिल कुछ लोगों को गले लगाना उनके परिवार के लिए संकट का कारण बन जाएगा।
मस्जिद में आए तब्लीगी जमात के तीन सदस्यों में भी कोरोना संक्रमित होने का दावा किया जा रहा है और तीनों उपचाराधीन हैं।उसके मामा ने बताया कि रथपोरा ईदगाह में 24 मार्च को तब्लीगी जमात ने एक मजहबी मजलिस का आयोजन किया था। मासूम ने वहां मजलिस में आए उलेमाओं और मौलवियों से बातचीत की, इसी दौरान उसने कुछ उलेमाओं को गले भी लगाया। इससे वह बहुत खुश था।
मामा की मानें तो उसके बाद से बच्चे की तबीयत खराब चल रही थी और उसे बुखार भी आया। शनिवार को तबीयत बिगड़ गई और उसे एसएमएचएस अस्पताल ले गए। फिर सीडी अस्पताल भेजा गया। काफी मशक्कत के बाद शौरा में डाक्टरों ने दवा देकर एकांत में रखने की नसीहत के साथ घर भेज दिया। इसी क्रम में बच्चे की मां और पिता में भी लक्षण दिखे। इसी बीच उप राज्यपाल के सलाहकार से संपर्क करने के बाद चिकित्सकों की टीम पहुंची और जांच करवाई गई। उसके बाद मंगलवार को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
कश्मीर में दो गुटों में बंटी है तब्लीगी जमात
कश्मीर घाटी में तबलीगी जमात के सदस्यों की संख्या हजारों में है। यह देवबंदी विचारधारा का संगठन है। जम्मू कश्मीर विशेषकर कश्मीर घाटी में यह संगठन वर्ष 2019 में दो गुटों में बंट गया था। एक गुट का नेतृत्व बारामुला के रहने वाले आमिर अहमद खान उर्फ परवेज कर रहे हैं। उनका मुख्यालय डाउन-टाउन में स्थित रंगर मस्जिद में है।
दूसरे गुट का नेतृत्व कोरोना वायरस के संक्रमण से मारे गए सोपोर निवासी जो बीते कुछ सालों से यहां श्रीनगर में रह रहे था, करते था। उनका मुख्यालय श्रीनगर के बेमिना में स्थित बैतुल करीम मस्जिद में है।
जमात से जुड़ी मस्जिदें बनीं प्रशासकीय क्वारंटाइन केंद्र :
कश्मीर में तब्लीगी जमात के सदस्यों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए प्रशासन ने ऐसी सभी मस्जिदों को प्रशासकीय क्वारंटाइन केंद्र घोषित कर दिया है, जहां जमात के सदस्य रुके थे।