वित्त विभाग ने 95666.97 करोड़ के बजट का पचास प्रतिशत जारी
द्राबू ने कहा कि हमने जो नया तरीका निकाला है उससे खर्च में पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।
राज्य ब्यूरो, जम्मू : वित्त विभाग ने अगले वित्त वर्ष 2018-19 के वार्षिक बजट की पचास फीसद धनराशि को जारी कर दिया है। इसकी घोषणा वित्त मंत्री हसीब द्राबू ने ग्यारह फरवरी को अपने बजट भाषण में की थी। जिस पर वित्त विभाग ने अमल करते हुए 95666.97 करोड़ के बजट की पचास प्रतिशत धनराशि को प्रशासनिक विभागों को जारी कर दिया है।
वित्त मंत्री ने बताया कि हमने शुक्रवार को अगले वित्त वर्ष के बजट की पचास प्रतिशत धनराशि को बजट एस्टीमेंशन, एलोकेशन एंड मोनटि¨रग सिस्टम (बीईएएमएस) के जरिए जारी कर दिया है। अगले चार सप्ताह में प्रशासनिक विभाग अपने अधीन आने वाले फील्ड विभागों को यह धनराशि जारी कर देंगे। विभाग ने बजट जारी करने के ऑनलाइन तरीका बीईएएमएस को लांच किया था ताकि इससे पारदर्शिता आए और कंप्यूटरीकृत तरीके से काम हो। समय से पहले धनराशि जारी करने का फायदा यह होगा कि विभाग निर्धारित समय पर योजनाएं बनाकर विकास करवा सकेंगे। इससे पहले वित्त विभाग नए वित्त वर्ष के शुरू होने पर अप्रैल में धनराशि को जारी करता था। उसके बाद प्रशासनिक विभाग जुलाई अगस्त में इसे आगे भेजते थे। इससे राज्य के कई इलाकों में विकास पर फर्क पड़ता था। द्राबू ने कहा कि बीईएएमएस से प्रशासनिक विभाग अपनी काम करने वाली एजेंसियों को ऑनलाइन सही समय पर धनराशि जारी कर सकते हैं। इससे सारे खर्च की जांच हो सकेगी और मासिक नकद धनराशि का बहाव ठीक रहेगा। विकास के लक्ष्य हासिल हो पाएंगे। वर्ष 2011-12 के दौरान जन खर्च पर निवेश का प्रतिशत राज्य के कुल सकल घरेलू उत्पाद पर 6.80 प्रतिशत था जो अब बढ़कर 10.02 प्रतिशत को पार कर गया है। राज्य के इतिहास में पहली बार वित्त मंत्री ने विनियोग बिल में खर्च सुधारों में काम किया। यह सुनिश्चित किया गया कि खर्च निर्धारित समय के भीतर किया जाए ताकि विकास कार्यो में कोई विघन न पड़े। नए कानून के तहत योजना, विकास और निगरानी विभाग को दो सप्ताह के भीतर राजस्व व पूंजी बजट को प्रशासनिक विभागों को भेजना होगा। विनियोग बिल पांच फरवरी को विधान परिषद में पास हुआ था। यह पहले ही आदेश जारी किए जा चुके है कि प्रशासनिक विभाग जब धनराशि जारी करे तो संबधित एजेंसियां योजना या कार्य का नाम व अन्य संबधित सारी जानकारी उपलब्ध करवाएं। खर्च के हेड से एक अपै्रल से कोई भी ट्रेजरी या पब्लिक एकाउंट आफिसर पेमेंट नहीं करेगा। अगर बीईएएमएस को नजरअंदाज किया गया तो इसके लिए संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होंगे। योजना व विकास विभाग अपनी वेब साइट पर योजना, कार्य या प्रोजेक्ट का नाम लिखेगा और साथ में जारी धनराशि की जानकारी भी देगा।
द्राबू ने कहा कि हमने जो नया तरीका निकाला है उससे खर्च में पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा। इस बार बजट पिछले वर्ष के मुकाबले में बीस प्रतिशत अधिक है। पिछले वित्त वर्ष में बजट 79472 करोड़ का था। यह सुनिश्चित बनाया कि आखिरी तिमाही में खर्च किसी भी हाल में तीस प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। अगर अधिक खर्च होता है तो इसके लिए संबधित विभाग जिम्मेदार होंगे।