Coronavirus in Jammu Kashmir: कोरोना महामारी को थामने में नाकाम हो रहा प्रशासन : भाजपा
युद्धवीर सेठी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में रोजाना चार हजार के करीब नए मामले आ रहे हैं जोकि काफी चिंताजनक है। सरकार को चाहिए कि सरकारी इमारतों को अस्थायी अस्पतालों में परिवर्तित करें और मेडिकल व पैरा-मेडिकल की ट्रेनिंग करने वाले बेरोजगार युवाओं की सेवाएं ली।
जम्मू, जागरण संवाददाता: जम्मू-कश्मीर प्रशासन पर कोरोना महामारी की दूसरी लहर पर नियंत्रण करने में पूरी तरह से विफल रहने का आरोप लगाते हुए प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने समय रहते उचित प्रबंध नहीं किए, जिसके चलते आज लोगों को अपनी जान गवानी पड़ रही है। प्रदेश प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को आड़े हाथ लेते हुए प्रदेश भाजपा ने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग अभी भी स्थिति को सहीं ढंग से नहीं संभाल रहा और विभाग के उच्च पदों पर बैठे लोगों के गलत फैसलों से हर रोज जानें जा रही है।
प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष एवं पार्टी के कोविड मैनेजमेंट प्रभारी युद्धवीर सेठी ने वीरवार को त्रिकुटा नगर स्थित भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य विभाग पर लोगों की जान से खेलने के संगीन आरोप लगाए। इस मौके पर पार्टी के मीडिया प्रभारी डा. प्रदीप मोहत्रा, भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष अरूण प्रभात व भाजपा के हेल्थ सेल के संयोजक पुनीत महाजन व प्रदेश कार्यकारी सदस्य नीतिश महाजन भी मौजूद रहे और इन सभी नेताओं ने प्रशासन पर कोविड-19 मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया।
बख्शी नगर स्थित सीडी अस्पताल को कोरोना मरीजों के लिए सबसे पहले स्क्रीनिंग केंद्र बनाने के प्रशासनिक फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए कहा युद्धवीर सेठी ने कहा कि प्रशासन की यह सबसे बड़ी भूल है। इससे मरीजों का समय बर्बाद होता है और उनकी जान को खतरा बढ़ता है। सेठी ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर काफी घातक है और मरीज को तत्काल इलाज की जरूरत होती है लेकिन प्रशासन ने जो प्रबंध किए है, उसके तहत पहले मरीज को लेकर सीडी अस्पताल लाना पड़ता है और फिर वहां से उसे शिफ्ट किया जाता है। सेठी ने कहा कि सीडी अस्पताल में ऑक्सीजन का भी कोई प्रबंध नहीं और ऐसे में मरीजों को पहले यहां बुलाना प्रशासन की सबसे बड़ी भूल है।
सेठी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में रोजाना चार हजार के करीब नए मामले आ रहे हैं जोकि काफी चिंताजनक है। सरकार को चाहिए कि सरकारी इमारतों को अस्थायी अस्पतालों में परिवर्तित करें और मेडिकल व पैरा-मेडिकल की ट्रेनिंग करने वाले बेरोजगार युवाओं की सेवाएं ली। ऐसे अस्थायी अस्पतालों में उन मरीजों को रखा जा सकता है जिनमें बीमारी के हल्के लक्षण हो। ऐसा करने से मरीजों की हालत नहीं बिगड़ेगी। मौजूदा समय में मरीजों को अस्पतालों में बैड नहीं मिल रहे और घरों में ही उनकी हालत गंभीर हो जाती है। सेठी ने इस मौके पर ऑक्सीजन सिलेंडरों, ऑक्सीमीटर व दवाईयों की कालाबाजारी पर रोष प्रकट करते हुए कहा कि बड़े दुख की बात है कि प्रदेश प्रशासन इससे आंखें मूंद कर बैठा है।
सेठी ने कहा कि अब कोरोना महामारी की तीसरी लहर फैलने की आशंका जताई जा रही है, ऐसे में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की जिम्मेदारी बनती है कि वो समय रहते उचित कदम उठाए और जम्मू-कश्मीर के लोगों के जीवन की रक्षा करें।