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Jammu Kashmir: कश्मीर के छह मुगलकालीन बागों को यूनेस्को की सूची में शामिल कराने की तैयारी

नियाज अहमद बट नामक व्यक्ति ने कहा कि अगर हमारे मुगलकालीन बाग यूनेस्को की सूची में शामिल होते हैं तो उसका बहुत फायदा होगा।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 08 Sep 2020 02:43 PM (IST)Updated: Tue, 08 Sep 2020 02:43 PM (IST)
Jammu Kashmir: कश्मीर के छह मुगलकालीन बागों को यूनेस्को की सूची में शामिल कराने की तैयारी
Jammu Kashmir: कश्मीर के छह मुगलकालीन बागों को यूनेस्को की सूची में शामिल कराने की तैयारी

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो: जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कश्मीर के छह ऐतिहासिक मुगलकालीन बागों को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल सूची में शामिल कराने के लिए डोजियर तैयार करना शुरू कर दिया है। पर्यटन जगत से जुड़े लोगों को उम्मीद है कि इससे वादी में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

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फ्लोरीकल्चर विभाग के निदेशक फारूक अहमद राथर ने बताया कि निशात, शालीमार, चश्माशाही, परी महल, अच्छाबल और वेरीनाग बाग को यूनेस्को की सूची में शामिल कराने के लिए काम चल रहा है। वर्ष 2005 से 2011 के बीच फ्लोरीकल्चर विभाग ने आठ बागों का पेशेवर कंसलटेंट की मदद से जीर्णाेद्धार व मरम्मत का काम शुरू किया था। इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज के विशेषज्ञों और यूनेस्को के सर्वेक्षकों ने कश्मीर घाटी का दौरा कर मुगलकालीन बागों की अहमियत को जानने का प्रयास किया था। इनमें से छह बागों को यूनेस्को ने वर्ष 2011 की अपनी प्रस्तावित सूची में शामिल किया।

निदेशक ने बताया कि यूनेस्को की सूची में शामिल होने पर इन बागों का संरक्षण होगा। इसके साथ ही विकास सुनिश्चित होगा और पर्यटकों की आमद भी बढ़ेगी। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी गत सप्ताह जम्मू कश्मीर फ्लोरीकल्चर विभाग की एक काफी टेबल बुक का विमोचन करते हुए यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल सूची में शामिल कराने के लिए मुगलकालीन बागों का डोजियर व अन्य कार्य जल्द पूरे करने के निर्देश दिए थे।

नियाज अहमद बट नामक व्यक्ति ने कहा कि अगर हमारे मुगलकालीन बाग यूनेस्को की सूची में शामिल होते हैं तो उसका बहुत फायदा होगा। वादी में अन्य ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण के लिए भी लोगों में भावना पैदा होगी। दुनियाभर के पर्यटक इन्हें देखने आएंगे, जिससे पर्यटन और आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी।


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