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Jammu Kashmir Coronavirus: सरकार का फैसला, कोरोना मृतकों के लिए हर जिले में होगा श्मशानघाट

बुजुर्ग के दाह संस्कार के दौरान उसके दो भतीजों के अलावा कठुआ क्वारंटाइन सेंटर में एक व्यक्ति की संदिग्ध मौत के मामले की जांच सरकार ने जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर को सौंपी है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 25 Jun 2020 10:57 AM (IST)Updated: Thu, 25 Jun 2020 10:57 AM (IST)
Jammu Kashmir Coronavirus: सरकार का फैसला, कोरोना मृतकों के लिए हर जिले में होगा श्मशानघाट

जम्मू, राज्य ब्यूरो: कोरोना के संक्रमण से मरने वालों के अंतिम दाह संस्कार या दफनाने को लेकर पैदा होने वाली अशोभनीय स्थिति से बचने के लिए अब हर जिले में अलग से कब्रिस्तान और श्मशानघाट होगा। प्रदेश प्रशासन ने प्रत्येक जिले में ऐसे मृतकों के लिए अलग से कब्रिस्तान और श्मशानघाट चिन्हित करने का फैसला किया है। मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने बुधवार को इस आशय का निर्देश सभी जिला उपायुक्तों को दिया है।

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मुख्य सचिव ने कोविड-19 के संक्रमण के खतरे को न्यूनतम बनाने व इसके खतरे से निपटने के लिए किए जा रहे प्रबंधों का भी जायजा लिया है। उन्होंने सभी जिला उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वह करोनो से मरने वालों की अंतिम रस्मों को पूरा करने के लिए कब्रिस्तान व श्मशानघाट चिन्हित करें। मंडलायुक्त जम्मू और कश्मीर सभी क्वरटांइन केंद्रों की गुणवत्ता जांचें। उन्होंने क्वारटांइन केंद्रों में रखे गए लोगों को घर भेजने सबंधी मौजूदा नीति को और अधिक उदार बनाने का निर्देश देते हुए कहा कि अगर किसी व्यक्ति का टेस्ट निगेटिव आता है तो उसे तुरंत घर में क्वरंटाइन के लिए भेजा जा सकता है। दूसरे राज्यों से आने वाले यात्रियों के टेस्ट की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। उन्होंने जिला उपायुक्त को उनके क्षेत्र में दाखिल होने के प्रत्येक स्थल और जम्मू व श्रीनगर एयरपोर्ट और चार रेलवे स्टेशनों पर टेस्ट सैंपल संग्रह की क्षमता को बढ़ाने का भी निर्देश दिया।

अंतिम संस्कार करने गए भतीजों की मौत पर डिवकाॅम आैर नगर निगम को नोटिसः हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने गत दिनों कोरोना संक्रमित मरीज के अंतिम संस्कार में दो परिजनों की मौत के मामले में सरकार को नोटिस जारी किया है। बेंच ने प्रदेश प्रशासन के अलावा कश्मीर व जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर (डिवकॉम) और श्रीनगर व जम्मू नगर निगम को भी नोटिस भेजा है। डिवीजन बेंच में चीफ जस्टिस गीता मित्तल व जस्टिस विनोद चैटर्जी ने इन मौतों की जांच की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह कार्रवाई की। प्रशासन की ओर से एडिशनल एडवोकेट जनरल असीम साहनी ने यह नोटिस स्वीकार किए।

बेंच ने केस की अगली सुनवाई सात जुलाई को निर्धारित करते हुए प्रशासन को कोरोना मरीज की मौत होने पर उसके अंतिम संस्कार को लेकर निधार्रित मानदंडों पर स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। हाईकोर्ट की बेंच ने कहा कि स्टेटस रिपोर्ट में बताया जाए कि अगर किसी की कोरोना संक्रमण से मौत हो जाती है तो श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के लिए क्या प्रबंध किए जाते हैं? बेंच ने स्टेटस रिपोर्ट में मास्क, दस्ताने, पीपीई किट्स, शीट व अन्य सामग्री के निस्तारण के प्रबंधों की भी जानकारी मांगी है।

डिवीजनल कमिश्नर करेंगे मौतों के मामले की जांचः कोविड-19 में मारे गए बुजुर्ग के दाह संस्कार के दौरान उसके दो भतीजों के अलावा कठुआ क्वारंटाइन सेंटर में एक व्यक्ति की संदिग्ध मौत के मामले की जांच सरकार ने जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर को सौंप दी है। इससे पहले जम्मू की डिप्टी कमिश्नर सुषमा चौहान ने मामले की जांच एडिशनल डिप्टी कमिश्नर को सौंपी थी। 19 जून को कोविड-19 में मारे गए बुजुर्ग को जब अंतिम संस्कार के लिए ले गए तो उसके दो भतीते, जो पीपीई किट में थे, की मौत हो गई थी जबकि बेटा बेहोश हो गया था। डिवीजनल कमिश्नर कठुआ क्वारंटाइन सेंटर में एक व्यक्ति की संदिग्ध मौत की भी जांच करेंगे।

जाडू के परिवार को मिला सरकारी आवास: प्रशासन ने जगटी स्थित मिनी टाउनशिप में संधु जाडू पत्नी विमल जाडू को मानवीय आधार पर एक सरकारी आवासीय क्वार्टर आवंटित किया है। अभी वह किराये के मकान में रहती थीं। विमल जाडू की अपने एक चचेरे भाई संग चार दिन पूर्व उस समय मृत्यु हो गई थी, जब वह कोरोना संक्रमित चाचा का अंतिम दाह संस्कार करने गए थे।

रेड और कंटेनमेंट जोन को गैर अधिसूचित करने के निर्देशः प्रदेश सरकार ने रेड और कंटेनमेंट जोन को गैर अधिसूचित करने के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि अगर किसी क्षेत्र में 30 दिनों तक कोई नया कोरोना पीड़ित नहीं मिलता है तो उसे इलाके को आंशिक तौर पर रेड व कंटेनमेंट जोन से बाहर किया जा सकता है। इसके बाद पूरे इलाके में सघन टे¨स्टग होनी चाहिए और 30 दिनों के बाद पूरे क्षेत्र को गैर अधिसूचित किया जा सकता है। इसके लिए मुख्य सचिव ने सभी जिला उपायुक्तों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं।

ये नियम होंगे

  • गैर अधिसूचित करने से पहले सघन टेस्टिंग और सैंपलिंग होगी।
  • जोन को अधिसूचित करने की तिथि 14वें दिन से 21वें दिन में होगी।
  • सभी संवेदनशील लोगों, गर्भवती महिलाओं, पचास साल से अधिक की आयु के लोगों के टेस्ट होंगे।
  • रेड जोन में घर घर जाकर कड़ी निगरानी की जाएगी।
  • सप्ताह में एक बार चेकिंग में जुकाम वाले मरीजों पर नजर रखी जाएगी।
  • ट्रेवल हिस्ट्री वाले को छोड़कर रेड या कंटेनमेंट जोन में कोरोना का कोई मरीज नहीं होना चाहिए
  • बाहर से आने वाले को 21 दिन तक क्वारंटाइन किया हो।
  • महीने के 25वें दिन से 30 दिन तक लोगों की दस प्रतिशत रेंडम सैंपलिंग होनी चाहिए।

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