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Jammu Kashmir: भारतीय सेना में शामिल हुए जम्मू-कश्मीर के 404 युवा, आतंकवाद के खात्मे का लिया प्रण

ग्यारह महीनों की ट्रेनिंग के बाद 404 युवा आज सेना में शामिल हुए हैं। लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लों ने इन सभी युवाओं को मुबारकबाद देते हुए निस्वार्थ भाव से देश सेवा करने के लिए कहा।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 07 Dec 2019 05:32 PM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 05:32 PM (IST)
Jammu Kashmir: भारतीय सेना में शामिल हुए जम्मू-कश्मीर के 404 युवा, आतंकवाद के खात्मे का लिया प्रण
Jammu Kashmir: भारतीय सेना में शामिल हुए जम्मू-कश्मीर के 404 युवा, आतंकवाद के खात्मे का लिया प्रण

जम्मू, राज्य ब्यूरो। कश्मीर की सर्द हवाओं में गूंजते भारत माता की जय के नारे फिजा में गर्मजोशी का एहसास करा रहे थे। देश से आतंकवाद को समाप्त करने का प्रण लेते हुए जब देश के वीर बेटों ने जोश और अपनी कड़क आवाज में इसका प्रण लिया तो वहां मौजूद सैन्य अधिकारियों व उनके अभिभावकों का सिर भी गर्व से ऊंचा उठ गया। यही नहीं अपने बेटों को सेना की वर्दी में देख कई अभिभावकों की आंखों में आंसू आ गए। कुछ एेसा ही नजारा कश्मीर में जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री की पासिंग आउट परेड में देखने को मिला। केंद्र शासित राज्य बनने के बाद पहली बार श्रीनगर के बाहरी क्षेत्र रंगरेठ में आयोजित हुई इस पासिंग आउट परेड में जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों में रहने वाले 404 युवाओं ने शनिवार को सेना में राइफलमैन के तौर पर शामिल होकर देश के लिए मर मिटने की कसम खाई।

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श्रीनगर आधारित चिनार कोर के जनरल आफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों की मौजूदी में आयोजित इस पासिंग आउट परेड में इन युवाओं का जोश देखते ही बनता था। परेड के दौरान सीने में जोश और कड़क आवाज के साथ सभी ने सेना के कमांडर और अभिभावकों की उपस्थिति में आतंकवाद को खत्म करने के लिए शपथ ली और कहा कि अगर मौका मिला तो वे आतंकवाद के खात्मे के लिए काम करेंगे।

सैन्य अधिकारियों ने बताया कि ग्यारह महीनों की ट्रेनिंग के बाद 404 युवा आज सेना में शामिल हुए हैं। लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लों ने इन सभी युवाओं को मुबारकबाद देते हुए निस्वार्थ भाव से देश सेवा करने के लिए कहा। इस मौके पर युवाओं ने शानदार परेड की, जिसकी सलामी जीओसी ढिल्लों ने ली। इस मौके पर युवाओं के चेहरों पर उत्साह देखने वाला था। परेड के बाद उन्होंने जब देश सेवा की कसम खाई तो पूरा क्षेत्र उनके जोश और जज्बे से गूंज रहा था।

बाद में कोर कमांडर ने सेवानिवृत्त कैप्टन इल्लियास अहमद को सम्मानित भी किया। कैप्टन इल्लियास सेवानिवृत्ति के बावजूद पहले की तरह ही लोगों की सेवा में जुटे हुए हैं। उन्हें हिमस्खलन में लोगों की जान बचाने का विशेषज्ञ भी माना जाता है। इल्लियास को दो सेना मैडल मिलने के साथ-साथ चीफ आफ आर्मी स्टाफ का प्रशंसा पत्र पांच बार मिल चुका है। हाल ही में वह सेवानिवृत्त हुए थे लेकिन अभी भी वह जवानों के साथ बचाव कार्य में पहले की तरह भाग लेते हैं। हाल ही में तंगडार में हुए हिमस्खलन में उन्होंने एक जवान को बचाने में अहम भूमिका निभाई थी। जीओसी ने कहा कि इल्लियास हमारे सच्चे हीरो हैं। वह बहादुर होने के साथ-साथ उनमें कश्मीरियत भरी हुई है।


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