जम्मू को नेशनल सेंटर ऑफ एक्सिलेंस फेंसिंग का इंतजार, चुने गए खिलाड़ियों को नहीं मिल रहे मन चाहे सेंटर
अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी आर्यवीर सिंह ने कहा कि यहां जिस खेल की ज्यादा प्रतिभा हो वहीं सेंटर बने तो बेहतर परिणाम संभव हैं। नार्थ जोन में फेंसिंग का अच्छा सेंटर बहुत जरूरी है।
जम्मू, जागरण संवाददाता : खेलों को बढ़ावा देने के लिए और अगले ओलंपिक खेलों को ध्यान में रखते हुए देश भर में अगल-अलग खेलों के नेशनल सेंटर ऑफ एक्सिलेंस बनाए गए हैं। जम्मू के हिस्से अब तक एक भी सेंटर नहीं आया है। खासकर जिन खेलों में जम्मू-कश्मीर के खिलाड़ियों का प्रदर्शन देश के अग्रिम प्रदेशों में होता है, उन खेलों में भी जम्मू-कश्मीर को इस तरह का कोई सेंटर न मिलने से खिलाड़ियों में निराशा है। हालांकि फेंसिंग खिलाड़ियों को केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद उम्मीद थी कि अब जम्मू-कश्मीर में उन्हें सभी सुविधाएं मिल सकेंगी। लेकिन अभी तक खिलाड़ियों को इंतजार के सिवाए कुछ हाथ नहीं लगा है।
फेंसिंग में जम्मू-कश्मीर के खिलाड़ी लगातार प्रतियोगिताएं जीतते रहे हैं। पिछले 20 वर्षो में फेंसिंग की शायद ही कोई प्रतियोगिता रही होेगी। जिसमें जम्मू के खिलाड़ियों ने पदक न जीते हों। इन खिलाड़ियों ने उस समय पदक जीते हैं, जब उनके पास खेलने के लिए हाल तक नहीं था। खिलाड़ी स्टेडियम की सीढ़ियों पर अभ्यास करते हुए पदक जीतते रहे। विक्रम सिंह, उज्जवल गुप्ता, रशीद चौधरी, विशाल थापर जैसे खिलाड़ियों ने देश के लिए खेलते हुए भी देश का गौरव बढ़ाया। उसके बावजूद फेंसिंग के खिलाड़ियों को न तो खेलो इंडिया के तहत कोई सेंटर मिला और न ही स्पोर्ट्स अथार्टी आॅफ इंडिया का कोई सेंटर मिला हालांकि देश भर में 15 के करीब छोटे बढे़ सेंटर हैं।
पिछले वर्ष आयाेजित जूनियर, सब जूनियर, कैडेट वर्ग की प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन करने वाले चार खिलाड़ियों का चयन पुणे सेंटर ऑफ एक्सिलेंस में हुआ। लेकिन पुणे में अडमीशन देने के बजाए, उन्हें इंफाल, गुवाहाटी आदि सेंटरों में जाने के लिए कहा जा रहा है। हालांकि इन खिलाड़ियों ने साफ कर दिया हुआ है कि उन्हें पुणे श पटियाला में ही दाखिला मिले तो वह खेला इंडिया की स्कीम का लाभ उठा पाएंगे। इससे तो बेहतर है कि वह जम्मू में ही अभ्यास करें। बेशक जम्मू में उन्हें इंटरनेशनल लेबल की सुविधाएं या इंटरनेशनल कोच नहीं मिलेंगे। लेकिन वह अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी उज्जवल गुप्ता, नेशनल फेंसिंग कोच छोटू लाल शर्मा, रशीद चौधरी और दूसरे कई खिलाडि़यों से तो मार्ग दर्शन प्राप्त कर ही सकेंगे। इससे कम से कम उनकी पढ़ाई तो प्रभावित नहीं होगी। अगर वह सिक्कम या असम जाते हैं तो उनकी पढ़ाई भी प्रभावित होगी। घर से इतनी दूर रह पाना भी उनके लिए संभव नहीं है।
अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी आर्यवीर सिंह ने कहा कि यहां जिस खेल की ज्यादा प्रतिभा हो वहीं सेंटर बने तो बेहतर परिणाम संभव हैं। नार्थ जोन में फेंसिंग का अच्छा सेंटर बहुत जरूरी है। पटियाला में सेंटर है लेकिन उसे भी केवल लड़कियों के लिए बनाने की योजना चल रही है। आज जब कि लड़कियां लड़के एक सम्मान हैं तो अलग सेंटर होने का क्या लाभ है। जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए साइ सेंटर पटियाला को अंतरराष्ट्रीय स्तर का सेंटर बनाया जाना चाहिए। जम्मू में भी अगर नेशनल फेंसिंग सेंटर बने तो बहुत अच्छे परिणाम हो सकते हैं।