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जम्‍मू के डॉक्टर ने पेश की मिसाल, घर की जगह गरीबों के लिए बनाया चैरिटी अस्पताल

इंडियन स्पाइनल इंस्टीट्यूट, दिल्ली में सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. के एस चाढ़क ने जनसेवा की मिसाल पेश की है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 09 Oct 2018 09:13 AM (IST)Updated: Tue, 09 Oct 2018 10:48 AM (IST)
जम्‍मू के डॉक्टर ने पेश की मिसाल, घर की जगह गरीबों के लिए बनाया चैरिटी अस्पताल
जम्‍मू के डॉक्टर ने पेश की मिसाल, घर की जगह गरीबों के लिए बनाया चैरिटी अस्पताल

जम्मू, रोहित जंडियाल। इंडियन स्पाइनल इंस्टीट्यूट, दिल्ली में सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. के एस चाढ़क ने जनसेवा की मिसाल पेश की है। डॉ. चाढ़क ने जम्मू में अपने पैतृक गांव में बड़ा चैरिटी अस्पताल खोला है, जहां खुद व देश-विदेश के विशेषज्ञ डॉक्टरों की मदद से गरीबों का मुफ्त इलाज व ऑपरेशन करते हैं।

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डॉ. चाढ़क के इस जज्बे को इस बात से समझा जा सकता है कि वे खुद दिल्ली में किराए के मकान में रहते हैं, जबकि जम्मू में पैतृक जमीन पर आधुनिक अस्पताल खड़ा कर दिया। हर किसी की चाहत होती है कि वह नौकरी कर इतना पैसा कमा ले कि अपने लिए एक आलीशान घर बनवा सके, ताकि बुढ़ापा आराम से कट जाए, लेकिन डॉ. चाढ़क ने ऐसी चाहत नहीं रखी। उनकी चाहत तो जनसेवा तक सीमित है।

देश के कई प्रतिष्ठित अस्पतालों में नौकरी करने के बावजूद उन्होंने अपने लिए एक अदद घर तक नहीं बनाया, जबकि जीवनभर की जमा पूंजी को अपने पुश्तैनी गांव में अस्पताल के निर्माण में खपा दिया। यह अस्पताल आधुनिक चिकित्सा के सभी जरूरी साजो-सामान और सुविधाओं से सुसज्जित है, जहां गरीबों का मुफ्त इलाज किया जाता है।

बड़ी बात यह कि जम्मू के सरकारी अस्पतालों से जिन मामलों को निजी अस्पतालों को रैफर कर दिया जाता है, उन मरीजों का सफल ऑपरेशन इस अपस्ताल में मुफ्त में हो जाता है। डॉ. चाढ़क ने देश-विदेश के मित्र चिकित्सकों को भी इस मुहिम में जोड़ लिया है।

जम्मू जिले की बिश्नाह तहसील के नौग्रां के रहने वाले डॉ. चाढ़क की दसवीं तक की पढ़ाई बिश्नाह में हुई। इसके बाद वह जम्मू के सरकारी रणबीर हायर सेकेंडरी स्कूल में पढ़े। बारहवीं पास करने के बाद उन्होंने मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज दिल्ली से एमबीबीएस किया। सर्जरी में पीजी (एमएस) करने के लिए वह लंदन चले गए।

उन्हें वहीं पर अच्छे वेतन पर नौकरी करने के अवसर मिले, मगर उन्होंने पैसा कमाने के बजाए अपने देश को प्राथमिकता दी। डॉ. चाढ़क ने दिल्ली के ईएसआइ अस्पताल में नौकरी की। इस अस्पताल से ही वह सर्जरी के एचओडी पद से सेवानिवृत्त हुए। इस समय वह दिल्ली में इंडियन स्पाइनल इंस्टीट्यूट में सर्जरी विभाग के एचओडी हैं।

सेवानिवृत्ति के बाद डॉ. चाढ़क ने अपने गांव का कर्ज उतारने का मन बनाया। अपने पिता के नाम पर श्री ओंकार सिंह मेमोरियल ट्रस्ट की स्थापना की। ट्रस्ट को अपनी जमीन दान दे दी और गांव में ही कुछ और जमीन खरीदी। तब जाकर अस्पताल बना। इसमें आधुनिक ऑपरेशन थियेटर और वार्ड सुविधा सहित सभी जरूरी साजो-सामान जुटाए।

कहते हैं, वर्षो की इच्छा पूरी हुई। इस सपने को पूरा करने के लिए दिल्ली में किराए के घर में ही गुजारा किया। गांव में एक बड़ा अस्पताल बनाने का सपना पूरा किया, इस बात की तसल्ली है। अगर सरकार इसमें सहयोग करे तो दिल्ली की नौकरी छोड़ कर सदा के लिए यहीं आ जाऊंगा।

डॉ. चाढ़क और उनकी टीम सिर्फ जम्मू कश्मीर में नहीं नहीं, बल्कि कई राज्यों में मेडिकल कैंप भी आयोजित करती है। इसमें कई राज्यों से डॉक्टर भी आते हैं। डॉ. चाढ़क के इस नेक कार्य की हर तरफ प्रशंसा होती है।

सजर्न डॉ. केएस चाढ़क

इंडियन स्पाइनल इंस्टीट्यूट, दिल्ली में सर्जरी विभाग के अध्यक्ष हैं डॉ. चाढ़क, दिल्ली में किराए के मकान में रहते हैं। इंडियन स्पाइनल इंस्टीट्यूट, दिल्ली में सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. केएस चाढ़क ने जनसेवा की मिसाल पेश की है। डॉ. चाढ़क ने जम्मू में अपने पैतृक गांव में बड़ा चैरिटी अस्पताल खोला है, जहां खुद व देश-विदेश के विशेषज्ञ डॉक्टरों की मदद से गरीबों का मुफ्त इलाज व ऑपरेशन करते हैं।


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