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लोहड़ी को लेकर मंदिरों के शहर जम्मू में आई रेवड़ी-मूंगफली की बहार

लोहड़ी को लेकर बाजार में विभिन्न प्रकार की गजक उपलब्ध हैं। रेवड़ी भी गुड़ व चीनी दोनों में है। दुकानदार इस समय दिन-रात लोहड़ी का सामान तैयार करने में जुटे हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 10 Jan 2019 06:07 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jan 2019 06:07 PM (IST)
लोहड़ी को लेकर मंदिरों के शहर जम्मू में आई रेवड़ी-मूंगफली की बहार
लोहड़ी को लेकर मंदिरों के शहर जम्मू में आई रेवड़ी-मूंगफली की बहार

जम्मू, जागरण संवाददाता। लोहड़ी पर्व के नजदीक आते ही शहर का बाजार इसके लिए पूरी तरह से सज गया है। बाजार में लोहरी की धूम देखने को मिल रही है। दुकानों में मुंगफली गुड़, रेवड़ियां, तिल, गजक आदि के स्टॉल लग गए हैं। लोग भी लोहड़ी पर्व को लेकर काफी उत्साहित हैं और बाजार में जमकर खरीदारी कर रहे हैं। दुकानदारों ने लोहड़ी के लिए मक्की (पॉपकॉर्न) के पैकेट भी तैयार कर रखे है। त्योहार को देखते हुए दुकानदारों ने मुंगफली, गजक और मक्की के 200 ग्राम से लेकर एक किलो तक के अलग-अलग पैकेट तैयार किए गए हैं। लोहड़ी को लेकर पुराने शहर के फत्तू चौगान, पक्का डंगा व ज्यूल क्षेत्र में विशेष दुकानें सजी है। इसके अलावा गांधी नगर गोल मार्केट व अप्सरा रोड पर भी लोहड़ी को लेकर बिक्री जोरों पर है।

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सप्ताह भर पहले शुरू होती है खरीदारी

लोहड़ी के त्योहार को लेकर शहर में एक सप्ताह पूर्व ही खरीदारी शुरू हो जाती है। जिन परिवारों में नई शादियां हुई होती है या जिनके घरों में बच्चे का जन्म होता है, उनमें अपने रिश्तेदारों में लोहड़ी का त्योहार बांटने की परंपरा है। यहीं कारण है कि ऐसे परिवार एक सप्ताह पूर्व ही खरीदारी कर लोहड़ी बांटने का सिलसिला शुरू कर देते हैं। डुग्गर परपंरा के तहत नवविवाहित जोड़ों व छोटे बच्चों को लोहड़ी पर रेवड़ी, मुंगफली व मेवों से बने हार पहनाने का भी प्रचलन है। काफी संख्या में परिवार की महिलाएं स्वयं यह हार तैयार करती है लेकिन अब समय की कमी के चलते बाजारों में तैयार हार भी बिक्री के लिए उपलब्ध है। लोहड़ी पर्व पर इन हारों की भी अच्छी-खासी बिक्री होती है।

गुड़ और चीनी में हैं कई स्वाद

दुकानदार सन्नी ने बताया कि लोहड़ी को लेकर बाजार में विभिन्न प्रकार की गजक उपलब्ध हैं। रेवड़ी भी गुड़ व चीनी दोनों में है। दुकानदार इस समय दिन-रात लोहड़ी का सामान तैयार करने में जुटे हैं। हालांकि अब काफी संख्या में रेवड़ी व गजक मशीन से तैयार हो रही है लेकिन कुछ दुकानें ऐसी भी है जहां आज भी हाथ से इन्हें तैयार किया जाता है। यहां पर कारीगर इस समय रेवड़ी, गजक व मुरमरा आदि बनाने में जुटे हुए है। ज्यूल में दुकान लगाने वाले रवि ने बताया कि इस बार बीते साल के मुकाबले रेट में कोई ज्यादा फर्क नहीं है।

छज्जे भी बढ़ा रहे रौनक

लोहड़ी पर छज्जे का खास महत्व है। इसे लेकर बच्चे व युवा लोगों के घर-दुकानों पर लोहड़ी मांगने जाते है। जिन परिवारों में नए सदस्यों का आगमन हुआ होता है, वहां से लोहड़ी मांगने के लिए विशेष टोलियां पहुंचती है। एक समय था जब युवाओं की टोलियां गली-गली में ढोल लेकर लोहड़ी मांगते नजर आते थे लेकिन अब इसमें कुछ कमी आई है लेकिन बच्चे आज भी छज्जा लेकर लोहड़ी मांगने जाते है। लिहाजा शहर में कई ऐसी दुकानें है जहां पर रंग-बिरंगे छज्जे पुरानी संस्कृति की यादें ताजा कर रहे हैं।


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