Jammu: चैंबर चुनाव पर फिर छाए संकट के बादल, 2017 के बाद सदस्यता लेने वालों ने कोर्ट जाने का बनाया मन
पिछले तीन सालों में चैंबर की सदस्यता लेने वाले इन व्यापारियों व उद्योगपतियों का कहना है कि वो पिछले तीन सालों से चैंबर की सालाना फीस जमा करवाते आ रहे है जोकि 25 से 40 हजार रुपये प्रति सदस्य है।
जम्मू, जागरण संवाददाता: जम्मू संभाग के सबसे बड़े औद्योगिक व व्यापारिक संगठन चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री जम्मू के चार साल बाद होने जा रहे चुनाव पर फिर संकट आता दिख रहा है। हालांकि कोर्ट की लंबी कार्रवाई के बाद कोर्ट के निर्देश पर ही यह चुनाव हो रहे है लेकिन वर्ष 2017 के बाद चैंबर की सदस्यता लेने वालों को इस चुनाव प्रक्रिया से बाहर रखा गया है।
ऐसे करीब 500 सदस्य है और उन्होंने कोर्ट के इस फैसले पर नाराजगी प्रकट करते हुए कहा है कि वे भी पुराने सदस्यों की तरह चैंबर के सदस्य है और कोर्ट ने बिना उनका पक्ष सुने, उन्हें वोट डालने से वंचित कर दिया।
चैंबर चुनाव को लेकर कोर्ट में केस दायर करने वाले पूर्व प्रधान वाईवी शर्मा ने सुनवाई के दौरान तर्क दिया था कि 2017 के बाद बनी टीम ने संविधान में बदलाव किए और नियमों का उल्लंघन करके सदस्यता दी। इस पर कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि चैंबर के चुनाव 2017 से पूर्व की सदस्यता के आधार पर ही कराए जाए।
इससे मौजूदा समय में करीब 500 सदस्य मतदान से वंचित हो गए है। पिछले तीन सालों में चैंबर की सदस्यता लेने वाले इन व्यापारियों व उद्योगपतियों का कहना है कि वो पिछले तीन सालों से चैंबर की सालाना फीस जमा करवाते आ रहे है जोकि 25 से 40 हजार रुपये प्रति सदस्य है। चैंबर की ओर से उनकी सदस्यता को मंजूरी देते हुए बकायदा पहचान पत्र भी जारी हुए है।
इन सदस्यों का कहना है कि इन तीन सालों में कई युवा कारोबारी चैंबर से जुड़े है लेकिन पुराने लोग युवाओं को आगे आना नहीं देना चाहते, इसलिए उन्होंने कोर्ट से ऐसा फैसला लाया। चैंबर के इन सदस्यों ने एक बैठक कर फैसला लिया है कि वे इस फैसले के खिलाफ कोर्ट में आवेदन दायर करेंगे और अपना वोट का हक मांगेंगे।