जम्मू बंद: यात्री हुए दरबदर; ट्रेन-बस से जम्मू पहुंचे यात्रियों को आगे जाने को नहीं मिली कोई गाड़ी
वहीं जम्मू रेलवे स्टेशन पर उतरे यात्री भी जब बाहर पहुंचे तो पता चला कि जम्मू पूरी तरह बंद है। नतीजतन वे हाथों में बैग व सामान लिए पैदल ही आगे बढ़े।
जम्मू, जागरण संवाददाता। बंद के चलते जम्मू पहुंचे यात्री दरबदर होकर रह गए। कोई गाड़ी नहीं चलने के चलते जम्मू रेलवे स्टेशन, आईएसबीटी में पहुंचे यात्री पैदल चलने को मजबूर हुए। न तो थ्री व्हीलर चल रहे थे। न ही मिनी बसें ही सड़कों पर मिलीं। नतीजतन यात्री ट्रेन अथवा बस से उतरने के बाद शहर में पहुंच कर कहीं के नहीं रहे।
सुबह से ही जम्मू में बंद का असर दिखने लग पड़ा था। सवेरे कुछ गाड़ियां चली जरूर लेकिन कुछ स्थानों पर इन्हें तोड़ने की घटनाओं के बाद मिनी बसें, आटो भी बंद हो गए। हालत यह हो गई कि नरवाल स्थित इंटर स्टेट बस टर्मिनल में बाहरी राज्यों से बसों में पहुंचे यात्री यहां उतरे तो जरूर लेकिन आगे कहां जाएं यह सोचकर परेशान हो गए। चूंकि नरवाल के पास से ही प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाकर रखे हुए थे।
बसों ने भी बस स्टैंड में उतारने के बाद सड़कों पर आने से मना कर दिया। वहीं जम्मू रेलवे स्टेशन पर उतरे यात्री भी जब बाहर पहुंचे तो पता चला कि जम्मू पूरी तरह बंद है। नतीजतन वे हाथों में बैग व सामान लिए पैदल ही आगे बढ़े। बहुत से यात्री पैदल ही बस स्टैंड में पहुंचे तथा यहां आकर वैष्णो देवी व रघुनाथ बाजार व आसपास घूमने के अपनी योजना पर पुन: विचार करने लगे। उन्हें उम्मीद है कि शनिवार को शायद स्थिति सामान्य हो जाए। उन्होंने कहा कि अगर रात को भी वैष्णो देवी जाने का मौका मिला तो वे निकल जाएंगे। अहमदाबाद के राहुल झा ने कहा कि वह अपने परिवार के साथ यहां पहुंचे हैं।
मां वैष्णो के यहां नत्मस्तक होने आए हैं। जम्मू में आतंकी हमले के विरोध में प्रदर्शनों और देश भक्तों के सड़कों पर आने के चलते उन्हें थोड़ी परेशानी जरूर हुई है लेकिन यहां आकर पता चला कि जम्मू के लोग देशभक्त हैं। इसलिए हम इनका समर्थन करते हुए थोड़ी बहुत दिक्कतों की परवाह नहीं करते। उन्हाेंने कहा कि वह रात को बस स्टैंड से कटड़ा के लिए निकलेंगे। वहीं दिल्ली से जम्मू पहुंचे अमरपाल और वीरेंद्र ने कहा कि उन्हें पता नहीं था कि यहां आकर फंस जाएंगे। बस से उतरते ही उन्हें यहां की स्थिति का अंदाजा हो गया।
आईएसबीटी से बाहर आते ही सड़क पर टायर जलाते जलूस को देखकर हम समझ गए कि यहां अब ठीक नहीं। उन्होंने कहा कि हमने पैदल ही करीब तीन किलोमीटर चलकर बस स्टैंड से बस पकड़ने का मन बनाया है। शाम के समय हम कटड़ा के लिए निकलेंगे। वहीं माता के चरणों में कुछ दिन रहना चाहेंगे। वहीं ट्रेन से पहुंच रघुनाथ रंजन ने कहा कि वह परिवार के साथ जम्मू घूमने पहुंचे हैं। पहले दो दिन वैष्णो देवी जाा है। फिर जम्मू घूमना है। उम्मीद है कि जम्मू बंद के बाद स्थिति सामान्य हो जाएगी। हम यहां आराम से घूम-फिर सकेंगे।