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Medical Tourism का हब बनने की राह पर Jammu Kashmir, अब बाहरी राज्यों के मरीज इलाज करवाने आएंगे

अमेरिकन आनकालोजी के बाद अब गुजरात के शंकु समूह ने भी जम्मू के ग्रेटर कैलाश क्षेत्र में कैंसर के मरीजों के लिए अस्पताल की शुरूआत की है। पीएमओ में राज्यमंत्री डा. जितेंद्र सिंह कठुआ जिले में टाटा कैंसर इंस्टीट्यृट स्थापित करने की कुछ दिन पहले ही घोषणा कर चुके हैं।

By rohit jandiyalEdited By: Vikas AbrolPublished: Thu, 06 Oct 2022 07:27 PM (IST)Updated: Thu, 06 Oct 2022 07:27 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर मेडिकल टूरिज्म की ओर आगे बढ़ रहा है।

जम्मू, रोहित जंडियाल। अभी तक जम्मू-कश्मीर के प्राकृतिक सौंदर्य और स्वच्छ आबोहवा के लिए हर वर्ष लाखों लोग यहां आते हैं लेकिन आने वाले कुछ महीनों में यहां पर अन्य प्रदेशों से मरीज भी इलाज करवाने के लिए आएंगे। जम्मू-कश्मीर मेडिकल टूरिज्म की ओर आगे बढ़ रहा है। एक ओर सरकार अपने स्तर पर कई स्वास्थ्य संस्थान बना रही है तो निजी क्षेत्र से जुड़े कई समूह भी यहां पर आ रहे हैं।

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वर्ष 2019 से पहले जम्मू-कश्मीर में आचार्य श्री चंद्र कालेज आफ मेडिकल सांइसेस, श्री माता वैष्णो देवी नारायणा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल और जेके मेडिसिटी ही थे। निजी स्तर पर कुछ नर्सिंग होम जरूर थे। जम्मू-कश्मीर के 91 प्रतिशत लोग सरकारी अस्पतालों पर ही इलाज के लिए निर्भर थे लेकिन अब स्थिति में बदलाव आ रहा है। अपोलो समूह यहां पर जम्मू-कश्मीर सरकार के साथ अस्पताल बनाने को लेकर एमओयू पर हस्ताक्षर कर चुका है। वहीं चार हजार करोड़ रुपयों के निवेश के और प्रस्ताव भी आए हैं। यही नहीं कुछ निजी अस्पतालों ने यहां पर काम करना शुरू भी कर दिया है। विशेषतौर पर कैंसर के मरीजों को भारी राहत पहुंची है। उन्हें अब इलाज के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता।

जम्मू और श्रीनगर में दो स्टैट कैंसर संस्थान बनकर तैयार

अमेरिकन आनकालोजी के बाद अब गुजरात के शंकु समूह ने भी जम्मू के ग्रेटर कैलाश क्षेत्र में कैंसर के मरीजों के लिए अस्पताल की शुरूआत की है। पीएमओ में राज्यमंत्री डा. जितेंद्र सिंह कठुआ जिले में टाटा कैंसर इंस्टीट्यृट स्थापित करने की कुछ दिन पहले ही घोषणा कर चुके हैं। श्रीनगर में वक्फ बोर्ड भी कैंसर अस्पताल बनाने की घोषणा कर चुका है। वहीं जम्मू और श्रीनगर में दो स्टेट कैंसर संस्थान लगभग बनकर तैयार हैं। जम्मू के विजयपुर में एम्स भी अगले वर्ष मार्च से अप्रैल के बीच शुरू होने की उम्मीद है। इसके अलावा पिछले तीन वर्ष में डा. केडी मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल, अंकुर मैत्री मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल भी खुल चुके हैं। एस्काम में निजी समूह के साथ हृदय रोगियों के इलाज के लिए सेंटर खुला है।

निजी समूह अस्पताल बनाने को तैयार हैं

ऊधमपुर में भी निजी अस्पताल बन रहा है। नरवाल में ही एक और निजी अस्पताल बनाया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के एक उच्चाधिकारी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में आने वाले समय में बहुत से निजी समूह आकर अस्पताल बनाने को तैयार हैं। दो मेडिसिटी इसीलिए तैयार हो रही हैं। जम्मू-कश्मीर मेडिकल टूरिज्म की ओर जा रहा है। पहले यहां के लोग बाहर इलाज के लिए जाते थे, वहीं अब बाहर के लोग यहां पर आकर इलाज करवाएंगे।

सेहत योजना भी बनी सहारा

जम्मू-कश्मीर में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना सेहत के तहत सभी परिवारों को पांच लाख रुपयों तक के इलाज की निशुल्क व्यवस्था है। अनुच्छेद 370 समाप्त होने और उसके बाद सेहत योजना ने निजी समूहों को जम्मू-कश्मीर की ओर आकर्षित किया। इससे अब निजी अस्पतालों में वे मरीज भी इलाज करवा रहे हैं जो कि पहले जाने की सोचते भी नहीं थे। निजी अस्पतालों में इस समय साठ से अस्सी प्रतिशत तक सेहत योजना के तहत ही मरीज इलाज करवा रहे हैं। इससे सरकारी अस्पतालों पर दबाव कम भी हुआ है।

और आएंगे निजी अस्पताल

स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन आने वाले कई अस्पतालों में चिकित्सा अधीक्षक रह चुके डा. राेमेश गुप्ता का कहना है कि जिस तरह से जम्मू-कश्मीर में अब माहौल बन रहा है, उसे देखते हुए आने वाले समय में और निजी अस्पताल आएंगे और मेडिकल टूरिज्म का जम्मू हब बन सकता है। अभी भी हिमाचल प्रदेश सहित कई प्रदेशों से लोग यहां पर इलाज करवाने के लिए आते हैं।

यह सरकारी अस्पताल भी खुलने की कगार पर

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान विजयपुर-कैंसर संस्थान जम्मू, श्रीनगर-बोन और ज्वाइंट अस्पताल जम्मू-सर कर्नल चोपड़ा नर्सिंग होम जम्मू-मेडिकल कालेज ऊधमपुर-मेडिकल कालेज हंदवाड़ा

बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

इतनी बड़ी संख्या में स्वास्थ्य संस्थानों के आने से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। सभी अस्पताल पैरामेडिकल और नर्सिंग स्टाफ जम्मू-कश्मीर का हर रखने को प्राथमिकता देते हैं। इस समय जितने भी निजी अस्प्ताल हैं, उनमें अधिकांश स्टाफ जम्मू-कश्मीर का ही है। ऐसे में रोजगार की संभावना और बढ़ेगी। 


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