Amarnath Yatra 2022 : बाबा अमरनाथ यात्रा से पहले सुविधाएं सुनिश्चित करने में जुटे जम्मू कश्मीर के अधिकारी
Amarnath Yatra 2022 डा. सिंगला ने शिविर निदेशक के साथ सफाई कर्मचारियों की तीन शिफ्टों में तैनाती का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि शिविर की चौबीसों घंटे सफाई सुनिश्चित की जानी चाहिए।इस दौरान उन्हें बताया गया कि शौचालय तैयार हैं।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : श्री बाबा अमरनाथ की यात्रा को शुरू होने में अब मात्र दो दिन ही शेष्रूा रह गए हैं। ऐसे में सरकार यात्रा के प्रबंधों को अंतिम रूप देने में जुट गई है। सोमवार को अनंतनाग जिले के जिला उपायुक्त डा. पियूष सिंगला ने नुनवन आधार शिविर का दौरा किया।
उन्होंने टेंट,शौचालय, लंगर, आधार शिविर में दुकानों और सफाई व्यवस्था की समीक्षा की।डा. सिंगला ने शिविर निदेशक के साथ सफाई कर्मचारियों की तीन शिफ्टों में तैनाती का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि शिविर की चौबीसों घंटे सफाई सुनिश्चित की जानी चाहिए।इस दौरान उन्हें बताया गया कि शौचालय तैयार हैं। जहां कहीं आवश्यक हो वहां पानी के कनेक्शन लगाए गए हैं।
मौके पर आरओ डिस्पेंसर भी लगाए गए हैं। आरएफआईडी स्कैनर के बारे में जिला उपायुक्त को बताया गया कि आरएफआईडी कार्ड कर्मचारियों के साथ-साथ यात्रियों को भी जारी किए गए हैं और आरएफआईडी स्कैनिंग और डेटा साझा करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा तैयार किया गया है। पूरा प्रयास करें कि यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु को किसी तरह की कोई परेशानी न हो।
डा. सिंगला ने लंगर की स्वच्छता सुनिश्चित करने पर जोर दिया और इस संबंध में व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया।उनके साथ एसडीएम पहलगाम, एसीपी अनंतनाग और बीडीओ पहलगाम सहित अन्य मौजूद थे। वहीं जिला उपायुक्त पुलवामा बसीर-उल-हक ने अमरनाथ यात्रा को सुचारू रूप से चलाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवंतीपोरा और पांपोर का दौरा किया।
उन्होंने अधिकारियों को मेडिकल एड सेंटरों में हर सुविधा उपलब्ध करवाने, क्रिटिकल केयर एम्बुलेंस की सुविधा देने के भी निर्देश दिए। उन्होंने अतिरिक्त जिला उपायुक्त अवंतीपोरा को सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाने को कहा। उन्होंने मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी पुलवामा को प्राथमिक चिकित्सा केंद्र पुलवामा में सुविधाएं उपलब्ध करवाने को कहा।सभी अधिकारियों को चौबीस घंटे अलर्ट रहने को कहा। यह भी हिदायत दी गई कि यात्रा के सफल आयोजन में सहयोग देने वाले सभी विभाग आपसी समन्वय बनाकर रखें ताकि किसी श्रद्धालु को परेशानी न हो।