कारगिल युद्ध की यादें: जब 17 हजार फीट की चढ़ाई चढ़ गए थे गोरखा राइफल्स के जवान
गोरखा राइफल्स ने 17 हजार फीट की ऊंचाई पर लड़े गए कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी सेना के जवानों को करारी शिकस्त दी थी।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। सेना की 1/11 गोरखा राइफल्स की कारगिल युद्ध में बहादुरी की चर्चा आज भी होती है। सोमवार को बटालिक सेक्टर में ट्रैकिंग अभियान के दौरान जवानों की खलूबार की लड़ाई की यादें ताजा हुई। गोरखा राइफल्स ने 17 हजार फीट की ऊंचाई पर लड़े गए कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी सेना के जवानों को करारी शिकस्त दी थी।
टीम के सदस्यों ने खलूबार की चोटी पर पहुंच कर अपने उन शहीदों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने प्राणों की आहूति देकर जीत सुनिश्चित की थी। इस टीम में दो जेसीओ और आठ अन्य रैंक के अधिकारी शामिल हुए। उन्होंने चोटी पर तिरंगे के साथ अपनी यूनिट का ध्वज भी फहराया। कारगिल युद्ध में बहादुरी के लिए गोरखा राइफल्स को एक परमवीर चक्र व तीन वीर चक्र दिए गए थे।
इसके साथ बैटल ऑनर बटालिक व थियेटर ऑनर कारगिल के साथ जवानों को अन्य कई वीरता पदकों से सम्मानित किया गया था। गोरखा राइफल्स की टीम ने यह मुहिम पांच जुलाई को सर्द चुनौतियों के लिए खुद को तैयार करने के साथ शुरू की थी।
आठ जुलाई को इस ट्रैक के दौरान टीम के सदस्यों ने 17 हजार फीट की ऊंचाई तक चढ़ाई कर इस मिशन को पूरा किया। इस अभियान का आयोजन कारगिल युद्ध के बीस साल पूरा होने के उपलक्ष्य में किया गया। इससे पहले रविवार को सेना की तीन जैक राइफल्स व 18 ग्रेनेडियर्स ने कारगिल की टाइगर हिल व बत्रा टॉप पर ट्रैकिंग अभियानों का आयोजन किया। कारगिल की इन दोनों चोटियों को पाकिस्तान से जीतने के लिए सेना ने बड़ी कुर्बानियां दी हैं। इसके लिए इन दोनों यूनिटों को परमवीर व वीर चक्रों से भी सम्मानित किया गया है।