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Jammu Kashmir : जम्मू कश्मीर उच्च शिक्षा परिषद का पुनर्गठन, उपराज्यपाल होंगे चेयरमैन

Higher Education Council Jammu Kashmir राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत जम्मू कश्मीर में व्यापक और विकास करने वाली उच्च शिक्षा की नीति बनाने के लिए यह परिषद अपनी सलाह देगी। नीतियां को लागू करने के लिए यह उच शिक्षा में सहयोग देगी।

By Jagran NewsEdited By: Rahul SharmaPublished: Sat, 01 Oct 2022 07:18 AM (IST)Updated: Sat, 01 Oct 2022 07:18 AM (IST)
Jammu Kashmir : जम्मू कश्मीर उच्च शिक्षा परिषद का पुनर्गठन, उपराज्यपाल होंगे चेयरमैन
रेगुलेटरी सिस्टम के लिए संस्थागत जवाबदेही के फ्रेमवर्क को बढ़ावा देगी।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : जम्मू कश्मीर उच्च शिक्षा परिषद का पुनर्गठन किया गया है। इसके चेयरमैन उपराज्यपाल होंगे। उपराज्यपाल की गैरमौजूदगी में परिषद की अध्यक्षता उच्च शिक्षा विभाग से संबंधित उनके सलाहकार करेंगे। परिषद का गठन दो साल के लिए किया गया है।

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उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव रोहित कंसल की तरफ से जारी आदेश के तहत दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डा. दिनेश सिंह को परिषद का उप चेयरमैन बनाया गया है। परिषद में 12 सदस्य होंगे। इनमें मुख्य सचिव, उच्च शिक्षा विभाग के प्रशासनिक सचिव, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव, जम्मू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. उमेश राय, कश्मीर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर नीलोफर खान, इस्लामिक यूनिवर्सिटी आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी अवंतीपोरा, श्रीनगर के कुलपति प्रो. शकील अहमद रोमसू, बाबा गुलाम शाह बड़शाह विश्वविद्यालय राजौरी के कुलपति प्रो. अकबर मसूद, जामिया मिलिया इस्लामिया नई दिल्ली की कुलपति प्रो. नजमा अख्तर, आइ इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंस बेंगलुरु के निदेशक प्रो. जी रंगराजन, आइआइटी बांबे के कंप्यूटर साइंस के प्रो. कवि आर्या, इस्लामी कालेज आफ साइंस एंड कामर्स श्रीनगर के प्रो. एजाज अहमद शेख और डिग्री कालेज बनी के डा. विशाल शर्मा को सदस्य बनाया गया है। परिषद के चेयरमैन कमेटी के लिए अन्य सदस्यों को भी नामांकित कर सकते हैं।

उच्च शिक्षा की नीति बनाने में सलाह देगी कमेटी : राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत जम्मू कश्मीर में व्यापक और विकास करने वाली उच्च शिक्षा की नीति बनाने के लिए यह परिषद अपनी सलाह देगी। नीतियां को लागू करने के लिए यह उ'च शिक्षा में सहयोग देगी। पाठ्यक्रम में बेहतरी के लिए भी और नए कोर्स शुरू करने के लिए भी अपने सुझाव देगी। रेगुलेटरी सिस्टम के लिए संस्थागत जवाबदेही के फ्रेमवर्क को बढ़ावा देगी। 


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