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घरों में उपचाराधीन मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध करवाने के लिए जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट का सरकार को निर्देश

कोरोना महामारी के बीच कई ऐसे मरीज हैं जो घरों में ही उपचाराधीन हैं और उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत है लेकिन ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं हो पा रही। ऐसे मरीजों को राहत प्रदान करते हुए जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए है कि पर्याप्त संख्या में नोडल अधिकारी नियुक्त करें

By Vikas AbrolEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 08:10 PM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 08:10 PM (IST)
घरों में उपचाराधीन मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध करवाने के लिए जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट का सरकार को निर्देश
बेंच ने कहा कि चिकित्सक की सिफारिश पर ऐसे लोगों को बिना किसी परेशानी के तत्काल ऑक्सीजन उपलब्ध होनी चाहिए।

जम्मू, जेएनएफ । कोरोना महामारी के बीच कई ऐसे मरीज हैं जो घरों में ही उपचाराधीन हैं और उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत है लेकिन ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं हो पा रही। ऐसे मरीजों को राहत प्रदान करते हुए जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए है कि वह हर शहर में पर्याप्त संख्या में नोडल अधिकारी नियुक्त करें ताकि ऐसे मरीजों को ऑक्सीजन हासिल करने में किसी तरह की कोई दिक्कत न हो। 

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हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त सचिव को ऐसे नोडल अधिकारियों के संपर्क नंबर सार्वजनिक करने का निर्देश दिया ताकि जरूरत पड़ने पर मरीज या उनके तीमारदार संपर्क कर सके। बेंच ने कहा कि चिकित्सक की सिफारिश पर ऐसे लोगों को बिना किसी परेशानी के तत्काल ऑक्सीजन उपलब्ध होनी चाहिए।हाईकोर्ट के पास ऐसा ही एक पत्र आया था जिसका संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने इसे जनहित याचिका के रूप में स्वीकार करते हुए सुनवाई की। पत्र में कहा गया कि कोरोना महामारी को देखते हुए प्रशासन ने सभी ऑक्सीजन प्लांट को अपनी पूरी क्षमता के साथ ऑक्सीजन बनाने का निर्देश दिया है और सख्त हिदायत है कि सारी ऑक्सीजन अस्पतालों को सप्लाई होगी।

इस आदेश से ऐसे लोग मुश्किल में आ गए है, जो अन्य बीमारियों से ग्रस्त है और उन्हें घर पर ही ऑक्सीजन की जरूरत रहती है। इसके अलावा कई कोरोना मरीज भी ऐसे है जो अस्पतालों में बैड न मिलने की वजह से घरों में ही उपचाराधीन है लेकिन ऐसे लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिल रहे। ऐसे हालात में सरकार को कोई ऐसा रास्ता निकालना चाहिए जिससे घरों में उपचाराधीन मरीजों को भी जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध हो सके। इस पर बेंच ने उक्त निर्देश जारी करते हुए हर शहर के लिए पर्याप्त नोडल अधिकारी नियुक्त कर उनके संपर्क नंबर सार्वजनिक करने के निर्देश दिए।

महामारी से निपटने के लिए पर्याप्त प्रबंध

मामले की सुनवाई के दौरान स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त सचिव की ओर से हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच में हल्फनामा दायर कर दावा किया गया है कि जम्मू-कश्मीर में कोरोना महामारी की दूसरी लहर से निपटने के लिए पर्याप्त प्रबंध किए जा रहे हैं। हल्फनामे में कहा गया कि प्रदेश में ऐसे मरीजों के लिए ऑक्सीजन की भी कोई कमी नहीं है। जम्मू संभाग में 3166 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन बनाने वाले तीन प्लांट काम कर रहे हैं जबकि कश्मीर में 6590 लीटर प्रति मीटर के छह ऑक्सीजन प्लांट है। जम्मू संभाग में 4000 लीटर प्रति मिनट के चार प्लांट जबकि कश्मीर में 30 हजार लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन पैदा करने वाले 17 प्लांट अगले 15 दिनों में काम करना शुरू हो जाएंगे।

अस्पतालों में बैडों की संख्या बारे हल्फनामे में बताया गया कि जम्मू में कोरोना मरीजों के लिए 1354 जबकि कश्मीर में 1708 बैड हैं। जम्मू संभाग में ऑक्सीजन वाले बैडों की संख्या 1127 जबकि कश्मीर में इन बैडों की संख्या 1597 है। जम्मू संभाग में 227 आइसीयू बैड जबकि कश्मीर में 111 आइसीयू बैड हैं। इस हल्फनामे में दिए आंकड़ों पर गौर करने के बाद बेंच ने कहा कि अगर सरकार को लगता है कि कहीं कोई कमी है, तो उसे तत्काल दूर किया जाए। 


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